
पंजाब से ज्यादा गेहूं की उपज का भरोसा जगा रही केन-बेतवा लिंक परियोजना…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
केन-बेतवा लिंक परियोजना को वैसे तो 2030 में पूरा होना है, लेकिन इसने उल्लास और उत्साह का वातावरण पूरे बुंदलेखंड अंचल में बिखेर दिया है। सागर जिले के किसान भी इससे उत्साहित हैं। हमने खिमलासा से गुजरते हुए किसानों से केन-बेतवा लिंक से होने वाले लाभ पर बात की, तो उन्होंने बताया कि अभी हम मुश्किल से एक फसल ले पाते हैं और बड़ी मुश्किल से कम पानी वाली दूसरी फसल हो पाती है। पर केन-बेतवा का पानी मिलने पर हम तीन फसलें ले पाएंगे और गेहूं के उत्पादन में तो हम पंजाब को भी पीछे छोड़ देंगे। यह भरोसा देखने और महसूस करने लायक है। और इसके लिए अटल बिहारी वाजपेयी की सोच के प्रति सभी नतमस्तक हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रति आभार जताने में किसान प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं।
सागर जिले के किसान केन-बेतवा लिंक परियोजना को बीना नदी पर बनने वाले चकरपुर डैम के नाम से जानते हैं। खिमलासा के सरपंच अशोक साहू बताते हैं कि बीना नदी पर तीन डैम मड़िया, चकरपुर और हनौता के जरिए केन-बेतवा लिंक परियोजना का लाभ किसानों को मिलेगा। इनमें मुख्य चकरपुर डैम रहेगा। एक और सागर जिले में धसान नदी पर उल्दन बांध है। इनसे सागर जिले में सिंचाई होगी। चारों डैम केन-बेतवा लिंक परियोजना का हिस्सा हैं। सागर जिले की बीना, राहतगढ, मालथौन, खुरई तहसील के गांवों के किसानों की तकदीर यही परियोजना बदलेगी। बलराम सिंह राजपूत ने बताया कि मड़िया डैम से बिजली उत्पादन भी होगा। तो चकरपुर-हनौता से सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा। सागर जिले में पेयजल की किल्लत खत्म हो जाएगी। गेंहू उपज के मामले में सागर क्षेत्र पंजाब को पीछे छोड़ देगा। रबी फसलों का उत्पादन दोगुना हो जाएगा। पेयजल की समस्या खत्म हो जाएगी। अभी क्षेत्र में 40 फीसदी से ज्यादा रकबा असिंचित है। केन-बेतवा लिंक परियोजना से पूरा रकबा सिंचित हो जाएगा और किसान तीन-चार फसलें तक लेने लगेंगे। शैलेंद्र सिंह बुंदेला का मानना है कि केन-बेतवा लिंक परियोजना से किसानों की आमदनी बढेगी और खेती लाभ का धंधा बन जाएगी। किसान आय बढने पर कृषि में नए-नए प्रयोग करने में सक्षम होंगे। नए-नए कृषि यंत्र खरीदेंगे। पाइप कैनाल होने से पानी की बर्बादी पर रोक लगेगी और बूंद-बूंद पानी का पूरा उपयोग हो सकेगा।
खिमलासा खुरई तहसील का हिस्सा है। और खिमलासा के किसानों को ज्यादा खुशी इस बात की है कि सागर जिले में खुरई तहसील के सर्वाधिक गांवों को केन-बेतवा लिंक परियोजना से सिंचाई की सुविधा मिलने वाली है। आंकड़ों की बात करें तो सागर जिले के 262 गांवों की 90 हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित होकर किसानों की किस्मत बदलेगी। इसमें खुरई जिले के 147 गांवों की 51 हजार हेक्टेयर जमीन शामिल है। उम्मीद की यही गंगा केन-बेतवा लिंक परियोजना से लाभान्वित होने वाले किसानों के मन में हर पल बह रही है। केन-बेतवा लिंक परियोजना उनकी आत्मा को संतृप्त करेगी, यह भरोसा किसानों को हो चुका है। पंजाब से ज्यादा गेहूं की उपज का भरोसा जगाने के साथ ही केन-बेतवा लिंक परियोजना किसानों के दिल में बस चुकी है.
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