
अंतर्राष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच का अभिनव आयोजन, कहानी संवाद ‘दो कहानी- दो समीक्षक’
अंतर्राष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच का अभिनव आयोजन, कहानी संवाद ‘दो कहानी- दो समीक्षक’ दिनाँक- 09 सितम्बर 2025, मंगलवार को शाम 6 :30 बजे, गूगल मीट पर आयोजित किया गया।
इस अवसर अध्यक्षता कर रही अंतर्राष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच की संस्थापक अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में कहा कि –
“कहानी को पाठकों के दिल तक उतरना उसे कालजयी बनाता है। क्या वजह है कि आजकल की कहानियाँ कालजयी नहीं बन पा रही हैं। आज कहानी लेखकों और आलोचकों के बीच पिस कर रह गई है। लेखक की दृष्टि एक अन्वेषक की तरह होना ज़रूरी है। उसकी कलम को मानवता से रिश्ता बनाना ही होगा। मेरा सभी कहानीकारों से आग्रह है कि वे कहानी के प्रति ईमानदारी से काम करें।”
मुख्य अतिथि संदीप तोमर ने भावना शुक्ल की कहानी, ‘प्रायश्चित’ की समीक्षा करते हुए कहा कि यह एक संवेदनशील कहानी है। आपने कहानी के किरदारों के अंदर उतरकर उनके दर्द को महसूस किया। कहानी के तमाम अनकहे पहलुओं पर बात करते हुए उद्देश्य को स्पष्ट किया। आपने नीलम कुलश्रेष्ठ की कहानी “उस महल की सरगोशियाँ” पर भी बात की।
विशिष्ट अतिथि डॉ गीता शर्मा ने विशेष तौर पर नीलम कुलश्रेष्ठ की कहानी ‘उस महल की सरगोशियाँ’ की विस्तार से समीक्षा की। आपने कहा कि यह कहानी स्मृति आख्यान और खोजी पत्रकारिता पर आधारित है। शीर्षक प्रतीकात्मक होते हुए भी केंद्रीय भाव प्रकट करता है। दरअसल महलों की सागोशियाँ, उसके चार दीवारी के अंदर की अनसुनी कहानियाँ हैं। आपने कहानी के अंशों को कोट करते हुए, कहानी की भाषा, शैली और शिल्प की विवेचना की।
अंतर्राष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच की मध्य प्रदेश इकाई की अध्यक्ष शेफालिका श्रीवास्तव ने सभी साहित्य सुधीजनों का आत्मीय स्वागत किया। कार्यक्रम का सञ्चालन करते हुए महासचिव मुज़फ्फर सिद्दीकी ने कहा कि आधुनिक कहानियाँ भारत वर्ष के सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन के ताने बाने का विश्वसनीय चित्र प्रस्तुत करती हैं।
परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से कार्यक्रम को सफल बनाने में जिन्होंने ने भी सहयोग किया उन सभी का आत्मीय आभार अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच मध्यप्रदेश इकाई की मंत्री जया केतकी ने व्यक्त किया।





