Island Village : नर्मदा के पानी से गांव बना टापू, पर प्रशासन मान नहीं रहा!
मनावर से स्वप्निल शर्मा की रिपोर्ट
Manawar : नर्मदा किनारे बसा अछोदा गांव इस समय टापू बना हुआ है। पिछले दिनों हुई भारी वर्षा से नर्मदा नदी में बरगी तथा ओंकारेश्वर बांध से छोड़ा गया पानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जबकि, यहां 50 से ज्यादा परिवार टापू बने ग्राम अछोदा के डूब क्षेत्र में अभी भी निवास कर रहे है। क्योंकि, उन्हें डूब क्षेत्र नहीं माना जा रहा। यही कारण है कि वे पुनर्वास की सुविधाओं से वंचित है।
मनावर SDM भूपेन्द्र सिंह का कहना है कि शासन की नीति के तहत इन्हें डूब क्षेत्र का नहीं माना जा रहा है। क्योंकि, नर्मदा नदी का वाटर लेवल वर्तमान में 138 तक है, जो कि हाईएस्ट लेवल होने से भी इनके लिए कोई खतरा नहीं है। इस संबंध में अछोदा के निवासी लोकेंद्रसिंह मंडलोई ने बताया कि इस डूब क्षेत्र में अधिकांश लोग राजपूत समाज के है। NVDA तथा राजस्व विभाग ने उन्हें डूब क्षेत्र का निवासी नहीं माना। जबकि, निचली बस्ती के लोगों को वर्ष 2017 में यहां से पुनर्वास सुविधा देकर हटा दिया गया था।
नर्मदा नदी के लगातार बढ़ते-घटते जल स्तर से यह पूरी बस्ती जल-मग्न होकर त्रस्त है। अछोदा से बाहर निकलने के लिए फिलहाल एक ही रास्ता बचा हुआ है, जो ग्राम करोली से होकर जाता है। इस डूब क्षेत्र के चारों तरफ नर्मदा नदी का जल स्तर ज्यादा बढ़ा होने से यहां रहने वाले परिवार कई समस्याओं से जूझ रहे है। यदि कोई बीमार होता है तो उसे बड़वानी या मनावर अस्पताल ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इस क्षेत्र के टापू बन जाने से यहां खाद्य सामग्री लाने के लिए व आटा पिसाने के लिए भी कई दिन तक इंतजार करना पड़ता है। शासन ने यहां के परिवारों को डूब क्षेत्र का रहवासी न मानने के कारण वे पुनर्वास की सभी सुविधाओं से वंचित है।