यहां अयोध्या में आनंद बरसता है…

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यहां अयोध्या में आनंद बरसता है…

भगवान राम की बाल स्वरूप में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या का नवनिर्माण जारी है। मंदिर के दर्शन के लिए तो लोग अयोध्या आते ही हैं और भगवान राम भी सबके मन को भाते हैं। पर राम की अयोध्या में पग-पग पर आनंद बरसता है। शाम और रात के समय भी सरयू में डुबकी लगाते श्रद्धालु आनंद की अनुभूति कराते नजर आते हैं। सरयू नदी के किनारे घाटों पर रोशनी मन को मोहित करती है। सरयू नदी का स्वरूप विहंगम है, मानो भगवान राम की तरह सरयू की थाह पाना बहुत ही मुश्किल हो‌। लता मंगेशकर चौक पर रुककर हर  पर्यटक सितार को कैमरे में कैद किए बिना अपने मन को समझा नहीं पाते। बूढे हों या जवान, अयोध्या में सबका दिल एक जैसा ही धड़कता है। सभी फोटो खिंचवाकर स्मृतियों को सहेजना चाहते हैं।
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मानव सभ्यता की पहली पुरी होने का पौराणिक गौरव अयोध्या को स्वाभाविक रूप से प्राप्त है। फिर भी रामजन्मभूमि , कनक भवन , हनुमानगढ़ी ,राजद्वार मंदिर ,दशरथमहल , लक्ष्मणकिला , कालेराम मन्दिर , मणिपर्वत , श्रीराम की पैड़ी , नागेश्वरनाथ , क्षीरेश्वरनाथ श्री अनादि पञ्चमुखी महादेव मन्दिर , गुप्तार घाट समेत अनेक मन्दिर यहाँ प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। बिरला मन्दिर , श्रीमणिरामदास जी की छावनी , श्रीरामवल्लभाकुञ्ज , श्रीलक्ष्मणकिला , श्रीसियारामकिला , उदासीन आश्रम रानोपाली तथा हनुमान बाग जैसे अनेक आश्रम आगन्तुकों का केन्द्र हैं।
अयोध्या यूँ तो सदैव किसी न किसी आयोजन में व्यस्त रहती है परन्तु यहाँ कुछ विशेष अवसर हैं जो अत्यन्त हर्षोल्लास के साथ मनाये जाते हैं। श्रीरामनवमी , श्रीजानकीनवमी , गुरुपूर्णिमा , सावन झूला , कार्तिक परिक्रमा , श्रीरामविवाहोत्सव आदि उत्सव यहाँ प्रमुखता से मनाये जाते हैं।
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शहर के पश्चिमी हिस्से में स्थित रामकोट में स्थित अयोध्या का सर्वप्रमुख स्थान श्रीरामजन्मभूमि है। श्रीराम-लक्ष्मण-भरत और शत्रुघ्न चारों भाइयों के बालरूप के दर्शन यहाँ होते हैं। यहां भारत और विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं का साल भर आना जाना लगा रहता है। मार्च-अप्रैल में मनाया जाने वाला रामनवमी पर्व यहां बड़े जोश और धूमधाम से मनाया जाता है।
और भगवान राम की बाल स्वरूप में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होने के बाद हिंदू नववर्ष का पहले दिन हम भगवान राम के दर्शन करने वाले हैं। मन व्याकुल है और राम दर्शन को आतुर है। एक दिन पहले सोमवती अमावस्या पर हमें भी सरयू नदी में स्नान कर आत्मिक आनंद की अनुभूति हुई है। भगवान राम के दर्शन की अनुभूति भी हम साझा करेंगे। यह हमारी अनुभूति है कि अयोध्या में आनंद बरसता है…।