इस माह के आखिरी हफ्ते में होगा तय- कौन होगा MP का CS – अनुराग जैन बने रहेंगे या आएगा कोई नया चेहरा, चर्चा में है 5 नाम

अभी तक नहीं गया है अनुराग जैन के एक्सटेंशन का प्रस्ताव

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इस माह के आखिरी हफ्ते में होगा तय- कौन होगा MP का CS – अनुराग जैन बने रहेंगे या आएगा कोई नया चेहरा, चर्चा में है 5 नाम

भोपाल: मध्यप्रदेश के मौजूदा मुख्य सचिव अनुराग जैन को एक्सटेंशन मिलेगा या मध्यप्रदेश में ही काम कर रहे एसीएस राजेश राजौरा, अशोक बर्णवाल मुख्य सचिव बनेंगे अथवा केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में पदस्थ मनोज गोविल या पंकज अग्रवाल को वापस बुलाकर मुख्य सचिव बनाया जाएगा यह अब इस महीने के आखिरी सप्ताह में तय होगा।

मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन इसी माह 31 अगस्त को अपना मौजूदा कार्यकाल पूरा कर रहे है। ऐसे में उन्हें एक्सटेंशन देने या नये अफसर को मुख्य सचिव बनाए जाने का फैसला होना है। अगर मुख्य सचिव अनुराग जैन को एक्सटेंशन देना है तो मुख्यमंत्री की सहमति से मुख्यमंत्री सचिवालय प्रस्ताव को अंतिम रुप देता है इसके बाद प्रस्ताव डीओपीटी को भेजा जाता है। वहां से सहमति मिलने के बाद एक्सटेंशन फाइनल होता है।

मौजूदा मुख्य सचिव अनुराग जैन जब सीएस बने थे तब केन्द्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद उनका नाम फाइनल हुआ था। फिलहाल अभी तक मौजूदा मुख्य सचिव अनुराग जैन के एक्सटेंशन का प्रस्ताव दिल्ली नहीं गया है। यदि केन्द्र चाहेगा तो अनुराग जैन को छह महीने का एक्सेंशन मिल सकता है। इस बात की पूरी पूरी संभावना भी है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो मध्यप्रदेश में काम कर रहे दो सबसे वरिष्ठ आईएएस अफसरों डॉ राजेश राजौरा या अशोक वर्णवाल में से किसी एक के नाम पर सहमति बन सकती है या फिर दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सबसे वरिष्ठ तीन अफसरों में से किसी एक को वापस मध्यप्रदेश बुलाकर सीएस बनाया जा सकता है।

सीएस की दौड़ में सबसे आगे ये पांच अफसर-

पिछले बार मुख्य सचिव की दौड़ में सबसे आगे चल रहे 1990 बैच के आईएएस एसीएस जलसंसाधन राजेश राजौरा इस बार भी मुख्य सचिव पद के प्रबल दावेदार है। वहीं 1991 बैच के आईएएस एसीएस वन एवं कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक बर्णवाल का नाम भी नये मुख्य सचिव के लिए चर्चाओं में है।

केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ तीन वरिष्ठ अफसरों में से किसी एक को भी वापस बुलाया जा सकता है। इनमें दिल्ली में पदस्थ 1990 बैच की आईएएस अलका उपाध्याय, 1991 बैच के आईएएस मनोज गोविल और 1992 बैच के आईएएस पंकज अग्रवाल के नाम भी चर्चा में है। यदि राजौरा को मुख्य सचिव बनाया जाता है तो वे मई 2027 तक मुख्य सचिव रहेंगे। अशोक बर्णवाल सीएस बने तो उन्हें जनवरी 2027 तक काम करने का मौका मिलेगा।

वहीं केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में पदस्थ अलका उपाध्याय की इस पद पर वापसी हुई तो वे मई 2026 तक ही मुख्य सचिव रह पाएंगी। मनोज गोविल की वापसी मुख्य सचिव के लिए होती है तो वे मार्च 2029 तक मुख्य सचिव रहेंगे। पंकज अग्रवाल को यह अवसर मिला तो वे नवंबर 2029 तक इस पद पर रहेंगे।

*जरुरी नहीं प्रस्ताव पंद्रह दिन पहले जाए-* 

आमतौर पर किसी भी राज्य के मुख्य सचिव के लिए अफसर पंद्रह या एक माह पहले ही तय हो जाता है और वह मुख्य सचिव कार्यालय में ओएसडी के रुप में काम करना शुरु कर देता है। लेकिन कई बार असमंजस की स्थिति रहने पर केन्द्र और राज्य की ओर से अलग-अलग नाम फाइनल होने पर मौजूदा अफसर के सेवानिवृत्त होंने से एक दिन पहले भी नाम फाइनल होता है। मौजूदा मुख्य सचिव अनुराग जैन के मामले में भी ऐसा ही हुआ था। इसलिए यह माना जा रहा है कि इस बार भी अगस्त के आखिरी सप्ताह में ही इस संबंध में तस्वीर साफ होगी।