Indore : पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ ही इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई। राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) ने चुनाव को लेकर जो आचार संहिता जारी कि उसके मुताबिक एक ही ग्राम पंचायत में तीन साल रह चुके पंचायत सचिवों का तबादला (Transfer of Panchayat Secretaries who have Lived in the same Gram Panchayat for Three Years) किया जाएगा। इंदौर जिले की 312 ग्राम पंचायतों में से करीब 180 पंचायतों में सचिव (Secretary in 180 Panchayats) तीन साल से ज्यादा समय से जमे हैं। अभी तक उनका तबादला नहीं हुआ है। इस बार उन्हें भी बदले जाने की संभावना है। राज्य निर्वाचन आयोग को शिकायत मिली थी कि कई पंचायत सचिव के लंबे समय से एक ही जगह पदस्थ रहने से चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने गृह और राजस्व विभाग को इस संबंध में जरूरी निर्देश दे दिए हैं। तीन साल या इससे ज्यादा समय से निर्वाचन क्षेत्रों में पदस्थ एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, डीएसपी, थाना प्रभारी, उप निरीक्षक, सहायक निरीक्षक, पंचायत सचिव सभी हटाए जाएंगे, यानी सबके ट्रांसफर होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद (State Election Commission Secretary BS Jamod) ने बताया कि राज्य शासन ने उन अधिकारियों का ट्रांसफर करने के लिए कहा है, जो सीधे चुनाव प्रक्रिया से जुड़े होते हैं। इनमें पंचायत सचिव शामिल हैं।
राजस्व विभाग से कहा गया है कि विकासखंड स्तर पर किसी भी अधिकारी को 4 साल की अवधि में तीन वर्ष एक स्थान पर पदस्थ नहीं होना चाहिए। यही नियम पंचायत सचिवों के लिए भी है। आयोग को यह शिकायत मिली थी कि पंचायत सचिव के लंबे समय से एक ही जगह पदस्थ रहने से चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है।
बताया जाता है कि इंदौर जिले में एक ही पंचायत में तीन साल से अधिक समय तक टिके हुए सचिवों की सूची जिला पंचायत ने बना ली है। लेकिन, अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ। इस बीच आज 13 दिसंबर को चुनाव की अधिसूचना भी जारी कर दी गई। इसी दिन से जिले में सरपंच, पंच, जिला पंचायत सदस्य और जनपद सदस्य के चुनाव के लिए उम्मीदवारों से नामांकन लेना शुरू कर दिए जाएंगे। कुछ जगह सरपंच के पांच साल के कार्यकाल के बराबर ही सचिव का एक ही पंचायत में कार्यकाल हो चुका है। इसके बाद भी वे वहां से हटना नहीं चाहते।
हर साल 10 से 15 प्रतिशत सचिवों का तबादला होता है, लेकिन कुछ सचिवों की अफसर और नेताओं से पकड़ के कारण वे एक ही पंचायत में लंबे समय से डेरा जमाए हुए हैं। इंदौर की 312 ग्राम पंचायतों में से 309 में चुनाव होने जा रहे हैं। यदि लगभग आधी ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिव तीन साल से अधिक समय से जमे हैं, तो चुनाव की निष्पक्षता मुश्किल से ही रह सकेगी। अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर का कहना है कि इंदौर में जो भी सचिव तीन साल से एक पंचायत में होंगे, उन्हें बदला जाएगा। हम चेक करवा रहे हैं। निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन किया जाएगा।