Jayas Maha Panchayat : आदिवासियों के घर तोड़ने वाले वन अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग, ‘जयस महा पंचायत’ का आयोजन!

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Jayas Maha Panchayat : आदिवासियों के घर तोड़ने वाले वन अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग, ‘जयस महा पंचायत’ का आयोजन!

मनावर से स्वप्निल शर्मा की रिपोर्ट

Manawar (Dhar) : देवास जिले के खिवनी में वन विभाग द्वारा पिछले सप्ताह पुलिस के साथ बुलडोजर से 30 वर्षों से निवास करने वाले 40 आदिवासी परिवारों के घर भरी बरसात में अतिक्रमण के नाम पर तोड़ दिए गए थे। इस अन्यायपूर्ण कार्रवाई के विरोध में 29 जून को खिवनी में ‘जयस महा पंचायत’ का आयोजन किया गया।इस संदर्भ में मनावर विधायक डॉ हीरालाल अलावा बताया कि बारिश में मकान तोड़ना अमानवीय है। वन विभाग अतिक्रमण के नाम पर आदिवासियों पर अत्याचार कर रहा है। जबकि, यह वन विभाग वर्तमान में सीएम के पास है। लेकिन वन अधिकारी सीएम को भी गुमराह कर रहे हैं।

डॉ अलावा ने कहा कि आदिवासी सोच का विरोध करने वाले ऐसे वन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने आदिवासी विधायक और सांसदों से इस बर्बर कार्रवाई के विरोध में आयोजित जयस महा पंचायत में शामिल होने का भी आह्वान किया था। लेकिन 47 विधायकों में से कुछ एक विधायक को छोड़ कर अधिकांश के नहीं आने पर डॉ अलावा ने कहा कि आज इन्हें पीड़ित परिवारों के साथ आना चाहिए था। लेकिन नहीं आए।ये कैसी राजनीति कर रहे हैं। आने वाले चुनावों में उन्हें ही चुनाव जीताना है, जो आदिवासी हितों के लिए काम करते हैं।

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विधायक डॉ अलावा ने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे आज सौ रुपए का दान कर पीड़ित परिवारों के बच्चों के लिए भोजन सामग्री का इंतजाम करें। उन्होंने शासन से मांग की कि प्रत्येक पीड़ित परिवारों को पचास लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए और उनके बच्चों का खर्च भी शासन द्वारा वहन किया जाए। उन्होंने कहा कि जल,जंगल और ज़मीन पर पहला हक तो आदिवासियों का है। जंगल के सही रक्षक वहीं है। लेकिन तीस वर्षों से रहने वालों को बरसते पानी में बर्बर तरीके से उजाड़ना अमानवीय और अत्याचार है। इसी का विरोध करने के लिए जयस महा पंचायत आयोजित की गई है।

इस अवसर पर उनके साथ जयस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजू पटेल और संदीप नरगांवे भी साथ थे। ‘जयस’ नेता सुनिल इस्के ने आदिवासी युवाओं से महा पंचायत में शामिल होने का आह्वान किया।