“जीत” का मंत्र सिद्ध करते “जीतू”…
मध्यप्रदेश में नए प्रदेश अध्यक्ष के साथ कांग्रेस अब नए सिरे से संगठन को गढ़ने में जुट गई है। विधानसभा चुनाव में करारी हार की वजहों का आकलन किया जा रहा है। लक्ष्य लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जमीन को मजबूत कर कई सीटों को हथियाना है। इसके लिए सकारात्मक नजरिए संग जीतू पटवारी अपने कार्यकर्ताओं को जंग के लिए तैयार कर रहे हैं। हालांकि यह उन्हें भी पता है कि पनघट की डगर बहुत कठिन है। पर मध्यप्रदेश के 9 जिलों से गुजरने वाली राहुल गांधी की न्याय यात्रा कांग्रेस और खास तौर से जीतू पटवारी को उत्साह से भर रही है। संगठन को नए तरीके से सजाकर रण में ले जाने की कवायद कांग्रेस में शुरू हो गई है। “जीत का मंत्र” सिद्ध कर कार्यकर्ताओं के कान में फूंकने की जवाबदारी अब “जीतू पटवारी” की है। क्योंकि जवाब देने की जिम्मेदारी अब कांग्रेस ने उन्हें सौंपी है। मैराथन बैठक में मंथन कर विधानसभा में हार की जमीन पर लोकसभा चुनाव में जीत की पताका फहराने का सपना खुली आंखों से जीतू पटवारी खुद देख रहे हैं और कार्यकर्ताओं को भी दिखाने की सफल कोशिश में जुटे हैं। सपना हकीकत में बदलता है या हकीकत सपना बन झंझोड़ने का काम करेगी, यह फैसला लोकसभा चुनाव में हो जाएगा।
लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पूरे प्रदेश का दौरा करेंगे। यह नए अध्यक्ष का नए साल का प्रमुख संकल्प माना जा सकता है। भाजपा को मात देने के लिए भाजपा की शैली पर अमल करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूरे प्रदेश में प्रवास के दौरान कार्यकर्ताओं के घर पर रूकने का फैसला किया है। वहीं कांग्रेसजनों को लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटने और राहुल गांधी द्वारा निकाली जा रही न्याय यात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का फरमान जीतू पटवारी ने सुनाया है। वहीं पटवारी की मंशा पर गौर करें तो सदन में कांग्रेस के दिग्गज सरकार को आइना दिखाएंगे, तो कांग्रेसजन भाजपा के घोषणा पत्र को लेकर चलेंगे और भाजपा से उनके वादे पूरे कराने के लिए उन्हें विवश करेंगे। विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम आने के कांग्रेस पार्टी के पराजित प्रत्याशियों की साढ़े पांच घंटे की मैराथन बैठक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ली। बैठक में कांग्रेस के हारे हुये सभी प्रत्याशियों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में हार के कारणों को बताया और बाद में लिखित रिपोर्ट भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी को सौंपी।पटवारी ने कहा कि विधानसभा चुनाव अब पीछे छूट चुके हैं। अब हमें नये सबक लेते हुये पूरे उत्साह के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों में उतरना है। हारे हुए प्रत्याशियों में उत्साह भरते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि आप लोग भले ही चुनाव हार गये हों, लेकिन हर विधानसभा में हजारों लोगों ने आपको वोट दिया है और लोकसभा चुनाव में आपकी सक्रियता और एकजुटता पार्टी के लिए सबसे महत्वपूर्ण होगी।
पटवारी का मंत्र है कि लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए वह स्वयं और पार्टी के वरिष्ठ नेतागण कमलनाथ, दिग्विजयसिंह सहित अन्य सभी वरिष्ठ नेता पूरे प्रदेश का दौरा करेंगे। उनकी कोशिश रहेगी कि कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद स्थापित हो, इसके लिए कार्यकर्ताओं और नेताओं के घर पर ही विश्राम किया जायेगा। यहां कांग्रेस अपने कदम बढाती हुई भाजपा की राह पर चलती हुई दिखाई दे रही है। पटवारी ने तार्किक होते हुए हारे हुए प्रत्याशियों में जान फूंकने की कोशिश करते हुए साफ किया कि विधानसभा चुनाव के नतीजे भी यह बताते हैं कि हमें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। 100 से अधिक विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर कांग्रेस का वोट प्रतिशत भाजपा से 1 से 2 प्रतिशत ही कम रहा है। अभी भी प्रदेश की जनता हमारे साथ है। आगामी लोकसभा चुनाव में जनता हमारा साथ देगी, चुनाव में हमें अच्छे परिणाम मिलेंगे। अब जनता के मन में क्या है, यह तो जनता समय आने पर ही बताएगी। वहीं राहुल गांधी द्वारा देश भर में निकाली जा रही न्याय यात्रा मप्र में 9 जिलों से होकर गुजरेगी, यात्रा में हर कांग्रेसजन को बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने का फरमान पटवारी ने जारी किया है। और यात्रा को प्रभावी और सफल बनाने के लिए विधानसभा स्तर पर तैयारियां करने का मंत्र दिया है। तो भाजपा पर प्रेशर पॉलिटिक्स के लिए कांग्रेसजनों को जिम्मेदारी दी गई है कि भाजपा ने जनता से जो वादे किये थे, कांग्रेसजन भाजपा का घोषणा पत्र लेकर चले और भाजपा जिन वादों पर चुनाव जीती है, उन वादों को भाजपा को पूरा कराने के लिए विवश करें। यदि भाजपा अपने घोषणा पत्र के वादे को पूरा नहीं करती है तो हम सभी मिलकर लाड़ली बहनों को 3000 रू. किसानों को धान का 3100 रू. दिलाने के लिए, 450 रू. का सिलेण्डर दिलाने के लिए प्रदेश में ब्लाक, जिला और प्रदेश स्तर पर धरना-प्रदर्शन, आंदोलन करेंगे।
तो विधानसभा चुनाव में हारकर कांग्रेस को लोकसभा में जिताने का झंडा लेकर चल रहे जीतू पटवारी जीत का मंत्र सिद्ध करने में जुटे हैं। यह मंत्र कितना कारगर साबित होता है, यह वक्त बताएगा…।