

Jhabua 1st in State: झाबुआ जिले में 97 प्रतिशत से अधिक फॉर्मर रजिस्ट्री हुई
राजेश जयंत की रिपोर्ट
झाबुआ। ।Jhabua 1st in State: झाबुआ जिले में 97 प्रतिशत से अधिक फॉर्मर रजिस्ट्री हुई है। झाबुआ जिले का यह आंकड़ा पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर है।
जनजातीय बहुल झाबुआ जिला कलेक्टर नेहा मीना के कुशल नेतृत्व में लगातार उल्लेखनीय सफलता एवं उपलब्धियां हासिल कर प्रदेश और देश में एक अलग पहचान बना रहा है।
कलेक्टर नेहा मीना का उत्कृष्ट प्रशासनिक कार्यों व नवाचारों के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से सम्मानित होना सिर्फ इंदौर संभाग के लिए ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।
नेहा मीना की अजब गजब प्रशासनिक क्षमता और प्रयासों से झाबुआ जिला प्रदेश के अन्य जिलों के लिए रोल मॉडल के रूप में उभर कर सामने आ रहा है।
नई उपलब्धि की बात करें तो कलेक्टर नेहा मीना के निर्देशन में जिले के राजस्व विभाग ने 97 प्रतिशत से अधिक फॉर्मर रजिस्ट्री कर प्रदेश में झाबुआ जिले को प्रथम पायदान पर ला खड़ा किया है।
जिले को दिए गए लक्ष्य 1.47 लाख फॉर्मर रजिस्ट्री के विरुद्ध झाबुआ जिले के राजस्व विभाग ने लगभग 1.43 लाख पंजीकरण पूर्ण कर लिए हैं।
*”क्या है फार्मर रजिस्ट्री”*
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एग्रीस्टैक किसान रजिस्ट्री एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो किसानों को उनकी खेती से संबंधित जानकारी और सेवाओं तक पहुँच प्रदान करता है।
यह प्लेटफ़ॉर्म किसानों को अपनी फसलों, जमीन और अन्य खेती से संबंधित जानकारी को डिजिटल रूप में संग्रहीत करने में मदद करता है।
*एग्रीस्टैक किसान रजिस्ट्री के फायदे*
1-डिजिटल रिकॉर्ड
किसान अपनी खेती से संबंधित जानकारी को डिजिटल रूप में संग्रहीत कर सकते हैं।
2-फसल और जमीन की जानकारी
किसान अपनी फसलों और जमीन की जानकारी को एक ही स्थान पर संग्रहीत कर सकते हैं।
3-सेवाओं तक पहुँच
किसानों को विभिन्न सेवाओं जैसे कि बीज, उर्वरक, और कीटनाशकों की खरीदारी करने में मदद मिलती है।
4-मार्केटिंग और बिक्री
किसान अपनी फसलों को ऑनलाइन बेच सकते हैं और मार्केटिंग के अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
5-विशेषज्ञ सलाह
किसानों को विशेषज्ञ सलाह और मार्गदर्शन प्राप्त करने में मदद मिलती है।
बता दे कि आने वाले समय में पीएम किसान के पंजीयन के लिए भी फार्मर रजिस्ट्री की अनिवार्यता की गई है जिससे कृषकों को योजना का लाभ सहजता से मिल पाए। एग्रीस्टैक किसान रजिस्ट्री का उद्देश्य किसानों को डिजिटल रूप में सशक्त बनाना और उन्हें अपनी खेती में सुधार करने में मदद करना है।