नपा अध्यक्ष के लिए भाजपा इन नामों पर करेगी विचार!
जब से यह जानकारी सामनें आई है कि, नगरीय निकाय चुनाव में जनता की बजाय पार्षद अध्यक्ष को चुनेंगे तब से भाजपा के संभावित अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों मे मायूसी छा गई! और कई नेता पार्षद के दोड की तैयारी में लग गए है!
निर्णय के पहले भाजपा द्वारा तैयार की गई पैनल में अध्यक्ष के लिए तीन लोगों का नाम था लेकिन, अब कई दावेदार तैयार हो गए है! बहरहाल नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए पहला नाम जुवानसिंह गुंडिया, दूसरा नाम धनसिंह बारिया और तीसरा शैलेन्द्र सिंगार उर्फ बिटटू का नाम शामिल है!
चापलूसी भरी तारीफ से कलेक्टर भी मुस्कुरा दिए!
आगंनवाडियों के लिए चलाए गए अभियान को सफल बनानें के लिए कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने बैठक आयोजित की थी! जिसमें समाजसेवी, गणमान्य नागरिक, प्रबुद्वजन, पत्रकारों को आमंत्रित किया गया था! कलेक्टर ने शुरूआत में ही बैठक के उदेश्य को बताते हुए सुझाव और सहयोग का आग्रह किया! समाज सेवी यशवंत भंडारी ,शिक्षाविद डाॅ केके त्रिवेदी, प्रदीप जैन, व्यापारी संघ के अध्यक्ष संजय कांठी सहित कई समाजसेवियों ने सुझाव व सहयोंग की घोषणा की!
अंतः में प्रसिद्व समाज सेवी और शिक्षाविद ओमप्रकाश शर्मा की बारी आई! श्री शर्मा ने सुझाव और सहयोग की बात न करते हुए कलेक्टर के काम की प्रशंसा में तालियां बजवा दी! श्री शर्मा ने जिस तरह कलेक्टर की तारीफ की, उसके पीछे के उददेश्य को समझकर बैठक में मोजूद सभी मुस्कुरा दिए! ऐसे में कलेक्टर कैसे न समझ पाते! और कलेक्टर भी मुस्कुराए बिना नहीं रहे!
स्थानीय चुनावों में होंगी नवागत SP की परीक्षा
नवागत पुलिस अधीक्षक अरविन्द तिवारी ट्रांसफर होकर आए तो इंदौर से है, लेकिन, महाॅकाल की नगरी उज्जैन में बिराजें बाबा भोलेनाथ से उनका लगाव उनकी बातों से साफ झलकता है। अपने लंबे सेवाकाल के दौरान वे भोपाल, उज्जैन और इंदौर में कई पदों पर रहे। पुलिस अधीक्षक के रूप में झाबुआ जिले में उनकी पहली पोस्टिंग है! श्री तिवारी नें अपने चेंबर में बाबा महांकाल का आकर्षक फोटो भी लगाया गया है!
बताया गया है कि SP साहब महाकाल के भक्त हैं और उज्जैन में पूर्व में आयोजित सिंहस्थ में मन लगा कर सेवा कर चुके है।
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लेकिन झाबुआ में उनकी असली परीक्षा पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में ही होंगी। कानून व्यवस्था से उनकी कार्यशैली और क्षमता सामने आएगी!
उत्तम स्वामी जी की कथा
ख्यात संत उत्तम स्वामीजी की कथा जिलें की पेटलावद विधानसभा में हुई। कथा के लाभार्थी खनिज व्यवसाय से जुडे नगर के नामी व्यवसायी थे। माना जा रहा है कि व्यवसायी ने धार्मिक लाभ के साथ ही राजनीतिक और व्यावसायिक हित साधने का प्रयास किया!
इस व्यवसाय से जुड़े क्षेत्र के दो नामी गिरामी व्यक्तियों की आपसी अंतरकलह के किस्से झाबुआ में चर्चित हैं। उत्तम स्वामी जी की कथा से इस व्यवसायी ने अपने पुराने मित्र, जिनका अब उनसे रिश्ता मधुर नहीं रहा,चुनौती के रूप में सामने आ गए हैं। ऐसे मैं अब यह देखना दिलचस्प होगा कि एक ही फील्ड से जुड़े दो व्यवसायियों की प्रतिद्वंदिता क्या गुल खिलाती है?
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