झाबुआ से श्याम त्रिवेदी की रिपोर्ट
झाबुआ: जिले के खेल सामग्री घोटाले मामले मे पुलिस की जांच शंका के घेरे मे, खेल सामग्री घोटाले के आरोपी करवा रहे अग्रिम जमानत“ इस शीर्षक से 26 अप्रैल को मीडियावाला न्यूज पोर्टल पर खबर प्रकाशित की गई थी। पुलिस अधीक्षक ने आज इस संवाददाता को कानूनी प्रक्रिया व प्रशासन द्वारा करवाई गई FIR की बारीकियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने राजनीतिक दबाव से जांच को प्रभावित किए जाने की बात से साफ इन्कार कर दिया!
पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने चर्चा मे कहा कि पुलिस इन सभी प्रकरणों मे गंभीरता एवं बारीकियों से विवेचना कर रही है। पुलिस का उददेश्य है कि, विवेचना के दौरान साक्षियों का प्रभावी संकलन हो, जिससे की ठोस चार्जशीट (चालान) विवेचना पूर्ण होने के पश्चात माननीय न्यायालय मे पेश किया जा सके।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि माननीय न्यायालय से आरोपियों को कठोर से कठोर सजा दिलाना ही पुलिस का एकमात्र उददेश्य है। उन्होंने कहा कि सारे के सारे साक्ष्य इकटठे हों, कुछ भी न छुटे, जांच अच्छी होगी, ओर गुणवत्ता पूर्ण विवेचना की जा रही है।
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पुलिस अधीक्षक श्री गुप्ता ने बताया कि प्रशासन के जिन अधिकारियों ने घोटाले की जांच कर प्रतिवेदन तैयार किया था। विभाग द्वारा पुलिस को दिए गए आवेदन मे धारा 420, 511, 120-बी IPC मे मामला दर्ज करवाने का उल्लेख था। इन धाराओं मे पुलिस गिरफतारी की कार्रवाही नहीं कर सकती है। कमजोर धाराएं होने के कारण माननीय न्यायालय से आरोपियों को जमानत मिल गई है। लेकिन अनुसंधान के दौरान पुलिस धाराएं बढा भी सकती है ओर घटा भी सकती है।
श्री गुप्ता ने इस बात से भी इन्कार किया है कि राजनीतिक दबाव के कारण जांच को प्रभावित किया जा रहा है।
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गोरतलब है कि जिले मे खेल सामग्री घोटाले मे जिला शिक्षा केन्द्र के जिला परियोजना समन्वयक ने कुछ फर्म और व्यापारियों के नाम से एफआईआर दर्ज करवाई थी। प्रशासन के आला अधिकारियों की जांच के बाद अब पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों को कडी से कडी सजा दिलवाने की बात पुलिस कह रही है!