झूठ बोले कौआ काटे! दो मुख्यमंत्रियों तक शराब घोटाले की आंच
पिछले साल केजरीवाल-केसीआर की परवान चढ़ी दोस्ती का राज खुलने लगा है! दिल्ली शराब घोटाले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया जेल में है, तो तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी और विधान परिषद सदस्य के. कविता पर इस मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कविता को शराब घोटाले से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए शनिवार को तलब किया है, तो सीबीआई के शिकंजे में जेल पहुंचे सिसोदिया को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है।
बोले तो, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार नई शराब नीति लेकर आई थी। इस नीति के आने के बाद दिल्ली के शराब कारोबारी ने ग्राहकों को डिस्काउंटेड रेट पर शराब बेचना शुरू किय। सरकार पर घोटाले के आरोप लगे, जिसमें डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया मुख्य आरोपी थे। दिल्ली सरकार पर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाकर रिश्वत लेने के आरोप लगने के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इसके बाद ‘आप’ सरकार को विवादित एक्साइज पॉलिसी वापस लेनी पड़ी थी।
के. कविता साउथ ग्रुप के प्रतिनिधियों में से एक हैं, जिसने कथित तौर पर शराब नीति में बदलाव के लिए दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेताओं को 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी। अब उनका सामना हैदराबाद के व्यवसायी अरुणा रामचंद्रन पिल्लई से हो सकता है जिसे इस मामले में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था।
शराब घोटाले में पहले हैदराबाद के चार्टर्ड अकाउंटेंड बुचिबाबू गोरंटला को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी। दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी को बनाने और लागू कराने में इनका अहम रोल बताया गया। इसके साथ ही आरोप लगाया गया कि इन्होंने हैदराबाद के थोक-खुदरा लाइसेंसधारकों और उनके लाभार्थी मालिकों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया। गोरंटला पहले तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता के साथ काम करते थे।
जांच एजेंसी ने वाईएसआर कांग्रेस के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा, चैरियट एडवरटाइजिंग के राजेश जोशी सहित अन्य को भी गिरफ्तार किया। जोशी को गोवा चुनाव के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जोशी पर आरोप है उन्होंने एड कंपनी रथ एडवरटाइजिंग के माध्यम से एक आरोपी दिनेश अरोड़ा के जरिए गोवा चुनाव के लिए 30 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। ये दिनेश अरोड़ा शराब घोटाले के आरोपी विजय नायर के साथ काम करते थे। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के पूर्व विधायक दीप मल्होत्रा के बेटे गौतम मल्होत्रा भी पुलिस के हत्थे चढ़े थे।
झूठ बोले कौआ काटेः
इस तरह, दिल्ली शराब घोटाले की आंच पंजाब के रास्ते दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना तक पहुंच गई। शराब घोटाले में आरोपी सन्नी मारवाह के पिता कुलविंदर मारवाह का एक वीडियो स्टिंग भी वाइरल हुआ था जिसमें उन्होंने इस घोटाले को लेकर कई खुलासे किए थे। भाजपा का आरोप है कि इस वीडियो में शराब घोटाले को लेकर राशि का उल्लेख है, कमीशन के प्रतिशत की बात भी कही गई है।
शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने अपनी शिकायत में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और सरकार के कई अन्य आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी आरोपी बनाया है। इसके अतिरिक्त हाल ही में ईडी ने अपनी चार्जशीट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम भी शामिल किया था।
और सुनिये, पिछले साल केजरीवाल-केसीआर की परवान चढ़ी दोस्ती का आलम ये था कि पहले केसीआर दिल्ली के स्कूलों का दौरा कर आये तो इसका धन्यवाद ज्ञापन केजरीवाल ने तेलंगाना जाकर किया, जहां वे केसीआर द्वारा आयोजित एक मेगा रैली में शामिल हुए। इससे पहले एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए दक्षिण भारत से फंडिंग हुई थी जिसमें दक्षिण के बड़े-बड़े कारोबारी शामिल थे। क्या इसमें भी केसीआर से जुड़े कारोबारियों की और अरविन्द केजरीवाल की साठगांठ थी, यह खुलासा होना शेष है?
हालांकि, सवाल तो बनता ही है कि केजरीवाल का तेलंगाना में कौन सा वोट बैंक है या फिर केसीआर दिल्ली जाकर कितने मतदाताओं को प्रभावित कर पाते हैं? तो फिर इस गलबहियां का आधार क्या है?
दरअसल, के कविता से जुड़े मामले के अतिरिक्त भी केसीआर के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। तेलंगाना के सबसे बड़े कालेश्वरम प्रोजेक्ट को देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया जाता है। केसीआर सबसे अमीर नेताओं में से एक हैं लेकिन तेलंगाना में अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है। केसीआर के पिछले चुनाव में किये गए किसानों के लिए कर्ज़ माफ़ी, महिलाओं के लिए ब्याज मुक्त लोन एवं हर घर में नौकरी, गरीबों के लिए 2बीएचके फ्लैट जैसे बड़े-बड़े वादे अधूरे हैं। आगामी महीनों में तेलंगाना में चुनाव प्रस्तावित हैं ऐसे में मुस्लिम तुष्टिकरण से ग्रसित और भ्रष्टाचार से घिरे केसीआर की राह आसान नहीं है।
यही कारण है कि सत्ता में वापसी के लिए उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी से भी हाथ मिला लिया है और आगामी एमएलसी चुनावों में उन्होंने ओवैसी की पार्टी को खुला समर्थन दे दिया है ताकि साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में ओवैसी को वे चुनिंदा सीटों तक ही सीमित रखें और उनके मुस्लिम वोट बंटे नहीं। लेकिन, साथ ही राज्य में हिन्दू धर्म के कार्यक्रमों को सीमित करने वाले, इमामों को तनख्वाह देने वाले केसीआर तेलंगाना में मंदिर निर्माण के लिए करोड़ो दान भी कर रहे हैं। भाजपा के मिशन तेलंगाना का डर जो सता रहा है। वर्ष 2020 में हैदराबाद नगर निगम चुनाव में भाजपा चार सीटों से बढ़कर 48 पर पहुंची थी। अब उसके निशाने पर 2023 का विधानसभा चुनाव है।
उधर, केसीआर की देश में तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद को भी पलीता लगता दिखाई दे रहा है। ऐसी स्थिति में अपने बेटे को भविष्य के नेता के तौर पर स्थापित करना भी एक चुनौती है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल की तरह केसीआर भी मुश्किल में हैं। जांच एजेंसियों के दुरूपयोग का विक्टिम कार्ड मोदी के विराट व्यक्तित्व के आगे कितना काम आएगा यह तो वक्त ही बताएगा।
औऱ ये भी गजबः
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में गहमर थाना क्षेत्र से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक सब्जी बेचने वाले शख्स को अचानक इनकम टैक्स का नोटिस मिला है। इस नोटिस में लिखा था कि आपके अकाउंट में जमा करोड़ों रुपये का टैक्स नहीं भरा गया है। अधिकारियों की माने तो इस सब्जी व्यापारी के एक अकाउंट में 172 करोड़ रुपये हैं। लेकिन सब्जी वाला कुछ और ही कह रहा है और पुलिस से मदद की गुहार लगा रहा है।
यह मामला करीब एक महीने पहले का है, जब आईटी टीम को इनकम से ज्यादा मनी ट्रांसफर की लिस्ट मिली। है, जहां रायपट्टी इलाके में रहने वाले विनोद रस्तोगी सब्जी का व्यवसाय करते हैं। एक दिन अचानक विनोद के पास इनकम टैक्स द्वारा भेजा गया नोटिस आया, जिसके बाद सामने आया कि उन्हीं के नाम के एक अकाउंट में 172 करोड़ 81 लाख 59 हजार रुपये जमा किए गए हैं। हालांकि, विनोद का कहना है कि यह पैसे उनके नहीं है। विनोद ने गहमर कोतवाली में प्रार्थना पत्र देकर मदद मांगी है। विनोद ने थाने में बताया है कि उसके आधार और पैन कार्ड का किसी ने गलत इस्तेमाल करते हुए यह अकाउंट खोला है। बताया जा रहा है कि अकाउंट में करोड़ों रुपये की रकम चैक द्वारा जमा की गई है। गहमर थाने ने विनोद को जिला मुख्यालय साइबर सेल जाने के लिए कहा है।