झूठ बोले कौआ काटे: पाकिस्तान और राहुल गांधी पर मोदी इफेक्ट

857

तंगहाल-बदहाल पाकिस्तान में लोग भारत और पीएम मोदी की दमदारी की प्रशंसा कर रहे, तो बात-बात में बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक, गलवान-तवांग में चीन से झड़प मामले में सेना का मनोबल गिराने वाली कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी भी अब सेना को कटघरे में खड़ा करने के खिलाफ हो गए हैं। यही नहीं, मंदिर-मंदिर जाकर सिर भी नवा रहे। क्या यह मोदी इफेक्ट है!

‘पाकिस्तान ने सबक सीख लिए हैं’ भारत से जंग को लेकर बोलने वाले पाक पीएम शहबाज शरीफ जब कश्मीर राग अलापने लगे तो कंगाली से कराह रहे पाकिस्तान की मीडिया और जनता ने ही उन्हें लताड़ लगा दी।

पाकिस्तान में आटा-अनाज की घोर किल्लत के बाद इंटरनेट और बिजली भी बैठ गई तो सब कुछ ठप हो गया। हाल ये है कि कामर्शियल गैस सिलेंडर के दाम 10 हजार रूपए तक पहुंच गए हैं। लोग 500 से 900 तक खर्च कर प्लास्टिक में गैस खरीद रहे हैं। डीजल 228 तो पेट्रोल 215 रूपए प्रति लीटर बिक रहा। चिकन 650 रूपए किलो तो बोनलेस 800 से 900 रूपए प्रति किलो है।

मुख्य फोटो

ऐसे में, कंगाल पाकिस्तान में पीएम नरेंद्र मोदी के एक वायरल वीडियो पर लोगों ने खूब चटखारे लिए। वीडियो में मोदी कह रहे हैं कि उन्होंने पाकिस्तान की हेकड़ी निकाल दी है, वह अब कटोरा लेने पर मजबूर हो गया है। वह विदेशों में भटक-भटककर भीख मांग रहा है।

पाकिस्तानी सांसद और इमरान खान की पार्टी पीटीआई के नेता आज़म ख़ान स्वाति ने पीएम मोदी के इस वीडियो को ट्वीट करते हुए जहां शहबाज सरकार पर हमला किया, वहीं पत्रकार नायला इनायत ने पोल खोली, ‘यह वीडियो 2019 का है और तब इमरान खान ही पीएम थे।’

पाकिस्तान के बड़े अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून में वहां के जाने-माने राजनीतिक और रक्षा विश्लेषक शहजाद चौधरी ने लिखा कि नरेंद्र मोदी को भले ही पाकिस्तान में नफरत की नजर से देखा जाता हो, लेकिन उन्होंने भारत को एक ब्रांड बना दिया है, जो उनसे पहले कोई नहीं कर सका। शहजाद ने कहा कि पाकिस्तान की सोच में दिवालियापन है और यही उसे बर्बाद कर रही है।

rahul gandhi

इधर, भारत में कांग्रेस और उसके नेता आतंकियों और संदिग्ध संगठनों से साठगांठ और सहानुभूति रखने के लिए हमेशा से ही चर्चित रहे हैं। बतौर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उड़ीसा के कारोपुट में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि पिछले दिनों भारत की वायुसेना ने पाकिस्तान पर आक्रमण किया था और इसमें हमारे लोग शहीद हुए थे। शायद, राहुल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह साबित करना चाहते थे कि भारत की सरकार ने पाकिस्तान पर हमला किया था और वो अनुचित था। कांग्रेस के नेता बी के हरिप्रसाद ने तो यहां तक कह दिया कि पुलवामा आतंकी हमला पीएम मोदी और पाक पीएम इमरान की सांठगांठ का नतीजा था। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार से बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के सुबूत मांगे थे। संजय निरूपम ने तो सर्जिकल स्‍ट्राइक की कार्रवाई को फर्जी ही बता दिया था। राहुल गांधी के करीबी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने भी सर्जिकल स्‍ट्राइक पर सवाल खड़े किए।

राहुल गांधी ने तवांग झड़प को लेकर कहा था कि अरुणाचल प्रदेश में हिंदुस्तान के जवानों को चीन के सैनिक पीट रहे हैं। राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जम्मू के सतवारी में कहा कि अग्नि वीर योजना भारतीय सेना को कमजोर करने की साजिश है, तो मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक पर फिर सवाल उठाए। उरी अटैक पर कांग्रेस ने कहा था, ‘सरकार की गलत नीति से जितने लोग मारे गए हैं, उससे आधे तो पाकिस्तानी आतंकियों ने उरी हमले में नहीं मारे थे।’

सर्जिकल स्ट्राइक

बतौर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पुलवामा अटैक की जिम्मेदारी लेने वाले पाक समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को, दिग्विजय सिंह ने दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन को और कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने जैश ए मोहम्मद के एरिया कमांडर अफजल गुरु को आदर के साथ ‘जी’ कहकर संबोधित किया था।

साल 2014 में पहली बार मोदी सरकार बनने के कुछ ही महीने बाद कांग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में एक मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान जाकर पीएम मोदी को हटाने के लिए उसकी मदद मांगी थी। अय्यर ने जिस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘नीच आदमी’ कहा। उसके एक दिन पहले अय्यर के घर पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और पाकिस्तान उच्चायुक्त के हाई कमिश्नर ने हाई लेवल की गुप्त बैठकें कीं। इस गुप्त मंत्रणा के अगले ही दिन मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी को गाली दे दी। इस पूरे वाकये में मनमोहन सिंह ने प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ा दीं।

झूठ बोले कौआ काटेः

मोदी की नकल करो, मोदी जैसा बनो तभी मोदी को चुनौती दे पाओगे। ये मूलमंत्र समझदार पाकिस्तानी मीडिया-जनता और राहुल गांधी-उनके सलाहकारों की समझ में शायद आ गया है। तभी तो, पाक मीडिया और लोग अपने शासकों को कोस रहे और कह रहे कि देखो मोदी और भारत को। इधर, मोदी विरोध के चक्कर में भगवान राम के अस्तित्व तक को नकारने और सैन्य कार्रवाई पर सबूत मांगने वाले मंदिर-मंदिर सिर नवा रहे, और कह रहे कि सेना पर कोई सवाल नहीं।

 

ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान की तरफ से पहली बार पीएम मोदी की तारीफ हुई हो। मई 2022 में जब खुलासा हुआ कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने पूरे करियर में 14 करोड़ 10 लाख रुपए कमाए थे, वहीं उन्‍होंने सरकारी गिफ्ट बेचकर 14 करोड़ 20 लाख रुपये की कमाई कर डाली, तब इमरान को उनके इस भ्रष्‍ट आचरण के लिए पीएम मोदी से सीख लेने की सलाह की सलाह दी गई थी। पीएम मोदी का वह वीडियो पाकिस्तान में खूब वायरल हुआ था जिसमें वह बताते हैं कि जब उन्‍हें गिफ्ट मिलता है तो वह उसे अपने पास नहीं रखते हैं। वह उसको नीलाम करके मिली धनराशि
को लड़कियों की शिक्षा के लिए दान कर देते हैं।’

अक्टूबर 2021 में जब मोदी सरकार ने यूके से आने वाले ब्रिटिश यात्रियों के लिए 72 घंटे के अंदर RT-PCR टेस्ट दिखाने और भारत आने पर 10 दिन क्वारंटाइन जरूरी कर दिया था, तब इस फैसले को पाक मीडिया ने ब्रिटेन को मुंहतोड़ जवाब बताया था। इसके पहले सितंबर 2021 में अमेरिका के दौरे में पीएम मोदी का जलवा देख कर पाकिस्तानी मीडिया के प्राइम शोज में गेस्ट वक्ता भी मोदी की तारीफ करने से स्वयं को नहीं रोक सके थे।

विशेषज्ञों का आकलन है कि 2023 में पाकिस्तान में 65 लाख लोग बेरोजगारी के शिकार हो जाएंगे और श्रीलंका जैसे गृहयुद्ध के हालात बन जाएंगे। पाकिस्तान पर कुल 274 अरब डॉलर का सार्वजनिक कर्ज है और इसका विदेशी मुद्रा भंडार महज 5 अरब डॉलर के आसपास है। पाकिस्तान में बिजली संकट के नजारे चिंताजनक हैं। वहां पहले से ही पानी की भी भारी किल्लत है, जिसकी वजह से देश की स्थिरता पर खतरा बढ़ गया है। वर्तमान संकट की कौन कहे, अकेले पानी को लेकर युद्ध केवल सिंध और पंजाब के बीच नहीं है, बल्कि सिंध और बलूचिस्तान के बीच भी है। ऐसे में, पाक
मीडिया और नागरिक पीएम मोदी और भारत का यशोगान कर रहे तो कोई आश्चर्य की बात नहीं।

दूसरी ओर, जहां तक भारत की सैन्य तैयारियों की बात है तो सारा देश अच्छी तरह जानता है कि नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सीमा के बुनियादी ढांचे पर खर्च में तीन गुना वृद्धि हुई है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में रक्षामंत्री ए. के. एंटनी ने तो राज्यसभा में यह कह दिया था कि सीमाओं के पास बुनियादी ढांचा बढ़ाना घाटे का सौदा हो सकता है।

एक टीवी शो के दौरान पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक आगा हिलाली ने स्वीकार किया कि 26 फरवरी, 2019 को बालाकोट पर भारत द्वारा की गई एयर स्ट्राइक में 300 आतंकी मारे गए थे। पूर्व राजनयिक द्वारा यह रहस्योद्घाटन पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज के नेता अयाज सादिक की टिप्पणी के बाद सामने आया। सादिक ने अक्टूबर 2020 में देश की नेशनल असेंबली में कहा था कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक महत्वपूर्ण बैठक में कहा था कि यदि पाकिस्तान ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को रिहा नहीं किया तो भारत रात नौ बजे पाकिस्तान पर हमला कर
देगा।

मोदी

ये है नया भारत और उसकी ताकत। गलवान और तवांग में चीन भी उसकी तासीर चख चुका है। पीएम मोदी नए भारत के लौह पुरूष हैं तो विनम्रता की प्रतिमूर्ति भी हैं। हिंदू धर्म में उनकी आस्था, शोषित, दलित और पिछड़े समाज के प्रति उनकी धर्म निरपेक्ष कृपा, उनका आचरण और उनकी नीतियों से विपक्ष के तमाम आरोपों के बावजूद विश्व में उनका जलवा बरकरार है। नवाचार पीएम मोदी के खून में शामिल है। उन्होंने आजादी के अमृत काल में 74वें गणतंत्र दिवस परेड के अवसर पर वीवीआईपी के बीच मजदूरों को सीटें आरक्षित करके इतिहास रच दिया।

पद्म पुरस्कारों के लिए
गुदड़ी के लालों की खोज उनका पुराना नवाचार है। तो, क्यों न उनकी जयकार हो? ऐसे में राहुल गांधी और कांग्रेस ने चुनावी रणनीति से ही सही मोदी और भाजपा को चुनौती देने के लिए अपनी कार्य़शैली बदली है, तो इसे मोदी इफेक्ट ही कहेंगे। मोदी जी जैसा दिखने के लिए दाढ़ी भी रखनी पड़े तो क्या गुरेज? है न राहुल जी!… ठंड में आधी टीशर्ट और संतत्व प्राप्ति का दावा… बढ़िया है। जय हो मोदी इफेक्ट!

और ये भी गजबः

गिलगित-बाल्टिस्तान के निवासी अब भारत के साथ विलय चाहते हैं। पाकिस्तानी सेना की ओर से नियंत्रित किए जा रहे इन इलाकों में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शनों की तस्वीरें जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसमें वो लोग शरीफ सरकार और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारी खुद को भारत के लद्दाख राज्य में पड़ने वाले कारगिल जिले में मिलाने की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने खुलासा किया कि वहां के निवासी भी भारत में शामिल होने के लिए तैयार हैं। मिर्जा ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘लोग सड़कों पर हैं क्योंकि उनके पास खाने को आटा नहीं है, और PoK में, उन्होंने एक दिन में गेहूं की कीमत 1,200 रुपये बढ़ा दी है। लोग तंग आ चुके हैं। आटे के लिए सरकारी डिपो बंद हैं। वहां आटा नहीं है। पीओके के लगभग हर शहर में लोग विरोध कर रहे हैं, यहां तक ​​कि छात्र, वकील, नागरिक समाज और महिलाएं भी विरोध कर रही हैं।’

और ये भी गजब बाल्टिस्तान

बढ़ती महंगाई और बुनियादी जरूरतों पर हाई टैक्स के अलावा, पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों के प्रति पाकिस्तान सरकार की अज्ञानता भी भारत के लिए उनकी पसंद के पीछे का कारण है। हालांकि, पाकिस्तान की मेन स्ट्रीम मीडिया ने उन क्षेत्रों के ऐसे विरोधों प्रदर्शनों को नजरअंदाज कर दिया है, जो 7 दशकों से हाशिए पर हैं।