

Jhuggi’s Survey: अफसरों की मिली भगत से ब्लैक लिस्टेड कंपनी को ठेके की तैयारी! चर्चा में है मामला!
भोपाल। राजधानी में नगर निगम के अधिकारियों की मिली भगत से झुग्गियों के सर्वे के लिये ब्लैक लिस्टेड कंपनी को दोबारा ठेका देने की तैयारियों का मामला सामने आया है। हैरानी की बात तो यह है कि हाउसिंग फार आॅल के अफसरों ने चहेती कंपनी वैपकास लिमिटेड को लाभ दिलाने के लिये तकनीकी परामर्श समिति की सलाह को भी एक तरफ कर दिया था। चर्चा में खास बात यह है कि इसमें नोटशीट बदलने की बात भी सामने आ रही है।
*क्या मामला है*
पिछले साल नगर निगम की एचएफए शाखा ने राजधानी को झुग्गी मुक्त करने के लिए सर्वे एजेंसी नियुक्त करने के लिये टेंडर जारी किया था। इसमें चार कंपनिायें स्वयं सिद्धा, सिद्धांत सेवा एवं शिक्षा समिति, लीड टेक मैनेजमेंट कंसल्टिंग, नोवेशन इंडिया और वैपकॉस लिमिटेड ने भाग लिया था। इसमें स्वयंसिद्धा तकनीकी मूल्याकंन में अयोग्य पायी गयी थी जबकि बची हुई तीन कंपनी योग्य पायी गयी थी। इसके बाद तकनीकी परामर्श समिति ने इनकी फाइनेशियल बिड ओपन करने की सिफारिश की थी। समिति के एक सदस्य ने नोटशीट पर टीम लिख कर कहा था कि वैपकॉस को विभिन्न संस्थाओं द्वारा पहले ही ब्लेक लिस्टेड किया जा चुका है। इसलिये नया टेंडर करना उचित होगा। लेकिन नगर निगम के गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि एचएफए के अफसरों ने उनकी नोटशीट गायब कर उसमे दूसरी नोटशीट लगा कर फाइल आगे बढ़ा दिया था।
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*उठते हैं सवाल*
– सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि आखिर ब्लेक लिस्टेड कंपनी को निगम के कौन से अधिकारी फायदा पहुंचाने चाहते थे।
– इन अधिकारियों के हौंसले इतने अधिक कैसे बुलंद हो गये कि इन्होनें नोटशीट ही बदल दी।
– बदली हुई नोटशीट में किसके हस्ताक्षर हैं और उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी।
– अगर कंपनी ब्लेक लिस्टेड सूची से बाहर आ गयी थी तो उसके दस्तावेज तकनीकी परामर्श समिति के समक्ष क्यों प्रस्तुत नहीं किये गये।
*फंसेंगे नोटशीट बदलने वाले अधिकारी*
झुग्गीमुक्त भोपाल के सर्वे के लिये काम करने वाली एजेंसी के लिये अब नोटशीट बदलने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी जांच की जाएगी। इस संबंध में निगम की अपर आयुक्त टीना यादव का कहना है कि इस टेंडर का काम किसको मिलेगा यह तय नहीं हुआ है। अगर अपर आयुक्त की नोटशीट को बदलने का मामला है तो उसको भी चेक करवाया जाएगा। लेकिन इससे यह तय हो गया है कि निगम में अफसरों की यहां पर काम करने वाली एजेंसियों से अच्छा तालमेल चल रहा है।