जोबट की पूर्व कांग्रेस विधायक सुलोचना रावत के भाजपा में शरीक होने की परतें खुलने लगी है। ताजा खबर है कि कांग्रेस के बड़े नेता कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ विक्रांत भूरिया का जोबट से टिकट फाइनल होने की खबर के बाद सुलोचना रावत को लग गया था कि अब उनके बेटे विशाल रावत को टिकट मिलना संभव नहीं है। उनकी इसी नाराजी को भाजपा ने भुनाया और भाजपा में शामिल करा दिया।
कांग्रेस का मानना है कि जोबट की पूर्व विधायक कलावती भूरिया की सहानुभूति का फायदा पार्टी को मिलेगा। यही कारण है कि ये टिकट डॉ विक्रांत भूरिया को देने का फैसला किया गया। दिवंगत विधायक कलावती भूरिया कांग्रेस नेता और विधायक कांतिलाल भूरिया की भतीजी थी। जबकि, शुरुआती दौर में कांग्रेस हाईकमान ने डॉ भूरिया को टिकट देने से इंकार कर दिया था। लेकिन, कांतिलाल भूरिया के प्रभाव और जोबट की स्थिति को देखते हुए यह फैसला करना पड़ा।
लेकिन, अब पेंच इस तरह फंस गया दोनों पार्टियों के मामला प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया। ऐसी स्थिति में आदिवासी संगठन ‘जयस’ की भूमिका पर सभी की नजरें हैं। उन्होंने एलान किया कि 5 अक्टूबर को आदिवासी सम्मेलन में वे उपचुनाव वाली सभी सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने की घोषणा करेंगे।