Journeys full of Mystery and Adventure 2: रहस्य और रोमांच भरी यात्राएं
दुनिया में कई तरह के अनुभव होते है ,हमने जीवन में घटित रोमांचक किस्सों पर चर्चा शुरू की तो कई मित्रों के फोन और अनुभव हमारे पार आने लगे .आज हम उन्ही में से दो अनुभव आपसे साझा कर रहे है .लेखिका है श्रीमती संध्या राने और अगले अंक में श्रीमती नीति अग्निहोत्री .आइये उनके जीवन के इन रोमांचक किस्सों को पढ़ते हैं–
2.” गाड़ी के कांच से देखा तो लगा दूर कोई सफेद कपड़े पहने खड़ा था,सामने कब्रिस्तान था”
श्रीमती नीति अग्निहोत्री
वो यात्रा एक यादगार बन गई जिसमें बडा रोमांच रहा । हमें बेटी के ससुराल जाना था इंदौर से नेपानगर । सबेरे जाकर शाम को वापस आना था ।साथ में देवर ॒देवरानी और श्रीमान जी थे । एक टेक्सी कर ली और सुबह जल्दी निकल गये । सफर अच्छा रहा हांलाकि नेपानगर से पहले रास्ता कुछ खराब है ॒परन्तु हंसी ॒मजाक और बातें करते समय कब निकल गया पता ही नहीं चला । टेक्सी वाले के पास गाने की एक ही कैसेट थी पुरानी फिल्म नीलकमल की और यह गाना बार ॒बार बज रहा था आ जा तुझको पुकारे मेरा प्यार ।
हमने यह फिल्म देखी थी जिसमें नायक को नायिका से अथाह प्रेम की सजा मिलती है क्योंकि नायिका राजकुमारी थी और नायक एक कलाकार जिसे राजकुमारी की प्रतिमाएं बनाने का कार्य सौंपा गया था।दोनों में प्यार हो गया और यह मालूम पड़ने पर राजकुमारी ननिहाल भेज कर कलाकार को जिंदा दीवार में चिनवा दिया। कलाकार की आत्मा भटकती है और राजकुमारी के अगले जन्म में यही गीत गा कर बुलाती है ।
लौटते में रात्रि हो गईं और रास्ते में एक कब्रिस्तान पड़ता है । कहते हैं लोगों ने वहां भूत भी देखे हैं । रास्ता राम -राम करते कट रहा था कि अचानक हमारी गाड़ी ठीक उसी जगह बंद हो गई । अब तो हमारी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई । गाड़ी के कांच में से देखा तो लगा दूर कोई सफेद कपड़े पहने खड़ा है ।
Journeys full of Mystery and Adventure: सत्यम शिवम सुंदरम।
एक तो गाने का प्रभाव और ठीक उसी जगह गाड़ी का खराब होना बाप रे हमारे तो होश उड़ गए । यह तो अच्छा हुआ कि वाहन चालक ने बोनट वगैरह खोल कर देखा और कुछ कोशिश करी तो गाड़ी चालू हो गई । इतनी देर हमारी सांस अटकी रही और हम भूत पिशाच निकट नहीं आवे महावीर जब नाम सुनावे जपते रहे। गाड़ी चालू हुई और हमारी जान में जान आई ।
Mystery and Thriller Story Telling Series:1. “वो सफ़ेद अरबी घोड़ा और वो घुड़सवार”
मेरे पिताश्री सरकारी नौकरी में थे और तबादला होता रहता था इसलिए हमें ननिहाल और ददिहाल जानेयके लिए यात्राएं करनी पड़ती थीं लेकिन यह रात्रि कालीन रोमांच कारी यात्रा सदैव याद रहैगी ।