Judge Got Justice: 10 साल बाद MP के जज को मिला इंसाफ, हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी रद्द की, 5 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश

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Judge Got Justice: 10 साल बाद MP के जज को मिला इंसाफ, हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी रद्द की, 5 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश

 

ग्वालियर: ग्वालियर के तत्कालीन स्पेशल जज जगत मोहन चतुर्वेदी को आखिरकार 10 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद हाईकोर्ट से इंसाफ मिला है। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस विजय पालिवाल की डिवीजन बेंच ने बर्खास्तगी का पुराना आदेश रद्द करते हुए न सिर्फ सेवा लाभ, बल्कि राज्य सरकार को पांच लाख रुपये अलग से मुआवजा अदा करने का भी आदेश दिया है।

यह फैसला सोमवार को सुनाया गया और जज साहब के 28 साल के सेवा-काल, जिसमें सिर्फ जमानत देने के आधार पर बर्खास्त किया गया था, को देखते हुए कोर्ट ने प्रशासनिक प्रक्रिया की खामियों पर सख्त टिप्पणी की।

मालूम हो, 1987 बैच के अधिकारी जगत मोहन चतुर्वेदी 30 साल की न्यायिक सेवा के बाद 2015 में ग्वालियर जिला जज न्यायालय में स्पेशल जज पदस्थ थे। व्यापार घोटाले में जुड़े एक मामले में सिर्फ 24 घंटे में जमानत देने पर पहले निलंबित और फिर विभागीय जांच के बाद 19 अक्टूबर 2015 को बर्खास्त कर दिया गया था। उनकी बर्खास्तगी के बाद सेवा लाभ भी रोक दिए गए थे।

 

हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते वक्त निचली अदालतों और राज्य की जांच प्रक्रिया पर तीखी टिप्पणी करते हुए दो टूक कहा, “इस प्रदेश में जो जाति/प्रथा काम करती है, उसके अनुसार हाईकोर्ट के जज सवर्ण और निचली अदालतें शूद्र हैं।” कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रशासनिक स्तर पर सिर्फ एक राज्य शासन के आदेश या सरकार के दबाव में बिना ठोस वजह, जरूरी प्रक्रिया का पालन किए बगैर किसी जज को केवल जमानत देने पर बर्खास्त नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या ऐसी कोई मिसाल है कि हाईकोर्ट या किसी भी हाईप्रोफाइल बेंच के जज से कभी सिर्फ जमानत देने के लिए सवाल-जवाब या बर्खास्तगी हुई हो?

 

इस फैसले के साथ ही कोर्ट ने प्रशासन से सभी सेवा लाभ तत्काल प्रभाव से बहाल करने और पांच लाख रुपये का मुआवजा अदा करने का आदेश दिया है। यह मामला न्यायपालिका की निष्पक्षता और अफसरशाही की कमजोरियों को उजागर करता है, जिसमें अब जज जगत मोहन को आखिरकार न्याय मिला।

 

इस फैसले से निचली अदालतों के जज़्बे और अधिकारों की सुरक्षा को लेकर न्यायपालिका में नया आत्मविश्वास लौट आया है।

 

खबर एक नजर में-

1. ग्वालियर के तत्कालीन स्पेशल जज जगत मोहन चतुर्वेदी को केवल “जमानत देने” के आधार पर बर्खास्त किया गया था।

2. जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस विजय पालिवाल की हाईकोर्ट डिवीजन बेंच ने 10 साल बाद बर्खास्तगी का आदेश निरस्त कर दिया।

3. कोर्ट ने जगतमोहन चतुर्वेदी की सभी सेवा-वेतन एवं लाभ तत्काल बहाल करने का आदेश दिया।

4. राज्य सरकार को 5 लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश।

5. कोर्ट ने प्रशासनिक प्रक्रिया और संस्था की कार्यशैली पर सख्त टिप्पणी की- खासकर न्यायिक सेवा में जातिगत पक्षपात और नीचे की अदालतों के साथ भेदभाव पर सवाल उठाए।

6. मामला 2015 से जारी था, जिसमें सिर्फ 24 घंटे में जमानत देने पर निलंबन और फिर बर्खास्तगी की गई थी।

7. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद जज को मिला न्याय।

फैसला हाल ही में सुनाया गया और इससे निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया की मिसाल पेश हुई।