
कनिष्ठ पासपोर्ट सहायक को 3 साल की सजा, ACB ने ₹8000 की रिश्वत लेते पकड़ा था
अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में अदालत ने कनिष्ठ पासपोर्ट सहायक को 3 साल की सजा सुनाई है। पासपोर्ट सहायक को ACB ने ₹8000 की रिश्वत लेते पकड़ा था।
विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), अंबिकापुर ने आरोपी को दोषी मानते हुए 3 वर्ष का कठोर कारावास और 5 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
मामला तब सामने आया जब बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम दोलंगी निवासी इसरार हुसैन ने एसीबी अम्बिकापुर में शिकायत दर्ज कराई थी। इसरार और उसके गांव के चार लोगों ने हज यात्रा के लिए पासपोर्ट आवेदन किया था। 24 मई 2024 को दस्तावेज सत्यापन के लिए सभी लोग पासपोर्ट सेवा केंद्र, अम्बिकापुर पहुंचे।
आरोप है कि कनिष्ठ पासपोर्ट सहायक संकट मोचन राय ने दस्तावेजों में मनगढ़ंत त्रुटि बताते हुए प्रत्येक आवेदक से कुल 10 हजार रुपये रिश्वत की मांग की। रिश्वत देने से इनकार करते हुए पीड़ितों ने मामले को एसीबी में रिपोर्ट किया। शिकायत की सत्यापन प्रक्रिया में भी आरोपी द्वारा रकम कम कर 8 हजार रुपये लेने की सहमति की पुष्टि हुई।
इसके बाद 30 मई 2024 को एसीबी टीम ने ट्रैप की कार्रवाई करते हुए पासपोर्ट सेवा केंद्र में आरोपी को 8 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत अपराध दर्ज किया गया और विवेचना पूरी कर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।
लगभग डेढ़ वर्ष चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद 29 नवंबर 2025 को अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए तीन साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई।





