बृहस्पति का मेष राशि में गोचर: क्या होगा देश और दुनिया पर प्रभाव

जानिए विभिन्न राशियों पर कैसा रहेगा असर

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बृहस्पति का मेष राशि में गोचर: क्या होगा देश और दुनिया पर प्रभाव

ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद तिवारी की खास रिपोर्ट

बृहस्पति नवग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है। हमारे जीवन में विद्या, बुद्धि, अवसर, जीवन में प्रत्येक प्रकार की सफलता सुनने सीखने का अवसर अंतर्ज्ञान नवीन विचार भविष्य में खोजने वाले नए समाधान में मदद करने वाला ग्रह बृहस्पति को माना जाता है।

वर्तमान में बृहस्पति अपनी स्वयं की राशि यानी मीन राशि में गोचर रत था। अब उसका प्रवेश अपने मित्र की राशि मंगल जो कि ऊर्जा की राशि है, में प्रवेश होने जा रहा है

मेष राशि जिसको निडरता की राशि भी कहा जाता है, उस राशि में बृहस्पति का प्रवेश करना विभिन्न जातकों में जोखिम लेने और हर प्रकार से तैयार करने की क्षमता प्रदान करता है।
*इस का प्रवेश देश और दुनिया पर किस प्रकार पड़ेगा आइए जाने:*

*भारतवर्ष पर प्रभाव:-*
भारत देश के रूप में 15 अगस्त 1947 मध्य रात्रि को अस्तित्व में आया। भारतवर्ष की कुंडली वृषभ लग्न और कर्क राशि की है। लग्न से गुरु का गोचर बारहवें भाव में हो रहा है। भारतवर्ष की कुंडली में गुरु अर्थव्यवस्था का स्वामी ग्रह माना जाता है। उसका मेष राशि में गोचर देश की अर्थव्यवस्था को मंद कर सकता है। इसके अलावा क्योंकि गुरु लगभग 12 से 13 महीने तक एक ही राशि में गोचर करता है जिसके चलते उसका तुला राशि पर दृष्टिपात भारत में घटने वाली अचानक घटनाओं में वृद्धि कर सकता है। वही देश में भूकंप बड़ी बड़ी दुर्घटनाएं घट सकती हैं। अर्थव्यवस्था को कमजोर करने में गुरु की भूमिका रहेगी परंतु अर्थव्यवस्था इतनी कमजोर नहीं रहेगी इसके पीछे शनि का कुंभ राशि में गोचर भी एक कारण रह सकता है। गुरु ग्रह बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक है परंतु गुरु ग्रह एक प्रकार से भारत वर्ष के पड़ोसी देशों से संबंध को भी निर्धारित करता है जिसके चलते भारत के आने वाले दिनों में चीन, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश इत्यादि से संबंध थोड़े से कमजोर रहेंगे।

*गुरु का मेष राशि में गोचर से विश्व पर प्रभाव:-*
गुरु के मेष राशि में गोचर करने के चलते यूरोप की अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ेगी जिसके चलते आर्थिक संकट और गहरा सकता है। वहीं अमेरिका की अर्थव्यवस्था को भी यह कमजोर करेगा। इसके साथ-साथ ईरान, सऊदी अरब , यूएई आदि की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ वहां पर अन्य प्रकार के संकट भी उत्पन्न कर सकता है। नेपाल और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को कमजोर तो करेगा ही, साथ-साथ वहां की राजनीतिक परिस्थितियों को भी परेशानी में डालेगा जिसके चलते खासतौर से
पाकिस्तान में जो सत्तारूढ़ दल है वह बेहद कमजोर की स्थिति में आगे बढ़ेगा। आने वाले 13 महीने इमरान खान के लिए बेहद कमजोर साबित होगे।

*विभिन्न राशियों में होने वाले असर*

*मेष राशि:-* गुरु का मेष राशि में भ्रमण बेहद शानदार रहेगा।कामकाज बढ़िया रहेगा। अविवाहित लोगों के विवाह होंगे। सुख में वृद्धि होगी। प्रॉपर्टी संबंधी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।
*वृषभ राशि:-* गुरु वृषभ राशि से बारहवें भाव में गोचर करेंगे जिसके चलते वर्षभर पीड़ा का अनुभव करेंगे। कार्यक्षेत्र सामान्य रहेगा। विरोधी पक्ष प्रबल हो सकते हैं। सेहत का ध्यान रखें। आवश्यक निर्णय सोच-समझकर ले।

*मिथुन राशि:-* एकादश भाव में गुरु का भ्रमण बेहद शानदार है। शासकीय अशासकीय, पिता संतान राजनीति से जुड़े हुए कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। रुके हुए धन की प्राप्ति हो सकती है। शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलेगी।

*कर्क राशि:-* दशम भाव में गुरु का गोचर बेहद शानदार है। भाग्य में आ रहे अवरोध दूर होंगे। सेहत सुधरेगी परंतु विरोधी मजबूत होंगे। कार्यक्षेत्र सामान्य बना रहेगा। माता को लेकर कष्ट हो सकता है। प्रॉपर्टी संबंधी कार्यों को बहुत सोच समझ कर करें।

*सिंह राशि:-* गुरु का भाग्य स्थान में भ्रमण शुभ साबित होगा। कामकाज मैं बेहतरी आ सकती है। शासन से जुड़े हुए काम आसानी से होंगे। पिता से संबंधित काम संतान से जुड़े हुए काम बनने लगेंगे परंतु वाहन से कष्ट हो सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी कोई बड़ी परेशानी आ सकती है।

*कन्या राशि:-* अष्टम भाव में गुरु का गोचर आपकी सेहत को मजबूत बनाएगा। विरोधी पक्ष कमजोर होंगे। घर परिवार से जुड़े हुए काम आसानी से होंगे। धन मिलेगा परंतु विवाह संबंधी कार्यों में कष्ट उत्पन्न हो सकते हैं। प्रॉपर्टी शेयर मार्केट इत्यादि कार्यों से दूर रहें।

*तुला राशि:-* गुरु का सप्तम भाव में प्रवेश बेहद शुभ साबित होगा। संबंधों के आधार पर सफलता प्राप्त होगी। राजनीतिक आर्थिक सामाजिक क्षेत्र में सफलता और बढ़ेगी। प्रॉपर्टी शेयर मार्केट से जुड़े हुए काम आसानी से होंगे। मित्रों और परिजनों से भरपूर साथ मिलेगा।

*वृश्चिक राशि:-* गुरु का छठे भाव में गोचर आपके सेहत को मजबूत बनाएगा। विरोधी पक्ष को कमजोर करेगा। विदेश यात्राएं सुखद साबित होंगी।खर्च में बढ़ोतरी होगी। खाद्यान्न तथा धातु से जुड़े हुए कार्यों में सफलता प्राप्त हो सकती है।

*धनु राशि:-* राशि स्वामी के पंचम भाव में प्रवेश से परेशानियां कम होंगी परंतु संतान पिता शासन से जुड़े हुए कार्यों में परेशानी बढ़ सकती है। रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है। धार्मिक कार्यों में संलग्नता बढ़ेगी।

*मकर राशि:-* गुरु का चौथे भाव में भ्रमण माता को कष्ट दे सकता है। प्रॉपर्टी मकान संबंधी कार्यों में परेशानी उत्पन्न हो सकती है। शेयर मार्केट से दूर रहना बेहतर होगा परंतु कार्य क्षेत्र सामान्य रहेगा। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। वाहन कष्ट हो सकता है।

*कुंभ राशि:-* गुरु का पराक्रम भाव में प्रवेश बेहद शानदार है। आने वाले 1 वर्ष तक आप को विशेष लाभ प्राप्त होता रहेगा। कार्यक्षेत्र शानदार रहेगा। मित्रों परिजनों से भरपूर साथ मिलेगा। यश मान सम्मान में वृद्धि होगी। भाग्य में आ रहे अवरोध दूर होते रहेंगे।

*मीन राशि:-* गुरु का द्वितीय भाव में भ्रमण शुभ रहेगा परंतु घरेलू परेशानियां बढ़ी रहेंगे। धन से जुड़ी हुई चिंता बढ़ सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। वाहन सावधानी से चलाएं। रोग उभर कर आ सकते हैं। विरोधी पक्ष मजबूत होगा। यात्रा कष्टदायक होगी। जरूरी निर्णय सोच-समझकर ले।