Kailash Kher : महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद CM भी कैलाश खेर के मंच पर थिरके!
Ujjain : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंगलवार को महाकाल परिसर में सूफी गायक कैलाश खेर ने भी जमकर समा बांधा। जिस कार्तिक मेला मैदान में प्रधानमंत्री ने धर्म, आध्यात्म और महाकाल की महिमा का बखान किया उसी मैदान पर बने दूसरे मंच से कैलाश खेर ने धार्मिक और सूफी गानों से वहां मौजूद हजारों की भीड़ को मंत्रमुग्ध कर दिया। जो लोग मोदी को सुनने आए थे वे कैलाश खेर की बुलंद आवाज के गीतों में झूमने लगे। यहाँ तक कि कैलाश खेर ने मुख्यमंत्री को भी एक पैर पर थिरका दिया।
प्रधानमंत्री की मौजूदगी में ही कैलाश खेर ने महाकाल की स्तुति में गाया अपना नया महाकाल स्तुतिगान ‘भारत मध्ये स्वयंभू ज्योतिर्लिंग, यजामहे …’ की प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि संगीत और अध्यात्म को साथ लाना सपना था, आज ये पूरा हो रहा है। इस गाने को सवा महीने में नाथ सम्प्रदाय के 21 बजाने वालों के साथ उन्होंने विशेष रूप से तैयार किया है।
कल शाम साढ़े 8 बजे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभा के बाद विदा हो गए तो जनता की भीड़ कैलाश खेर को सुनने के लिए रुक गई। करीब डेढ़ घंटे तक जो समा बंधा तो वह चलता ही गया। इस दौरान कैलाश खेर ने 12-14 अलग-अलग तरह के गाने गाए। प्रधानमंत्री की जनसभा से पहले और बाद में कैलाश खेर के गीतों की प्रस्तुति दी गई। कैलाश खेर के गीतों पर उनके साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी थिरकते नजर आए। कैलाश खेर ने जैसे ही अपने एल्बम कैलासा का गीत ‘जाना जोगी दे नाल नीं…’ गाना शुरू किया, वैसे ही मंच पर बैठे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंच पर पहुंचे और झूमने लगे। कैलाश खेर के मंच पर आए शिवराज सिंह चौहान का हाथ पकड़कर उन्हें डांस करने का अनुरोध किया, जिसे मुख्यमंत्री टाल नहीं सके। शिवराज सिंह चौहान ने एक पैर उठाकर डांस भी किया, जिसमें उनका अलग ही अंदाज नजर आया।
गायक कैलाश खेर ने जनसभा से पहले और बाद में गीतों की प्रस्तुति दी। इसमें उन्होंने अपने सुपरहिट गीत भी जनता को सुनाए। इससे पहले भी कैलाश खेर धार्मिक नगरी उज्जैन में अलग-अलग सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों में अपने गीतों और भजनों की प्रस्तुति दी।