Kailash Vijayvargiya: ‘गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बनाने के पीछे जिद और जुनून!

कैलाश विजयवर्गीय को चुनौतियों से खेलने की आदत

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Kailash Vijayvargiya: ‘गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बनाने के पीछे जिद और जुनून!

यह बात सुनने में पहले ही आश्चर्यजनक लगे, लेकिन फिर भी विश्वास करना पड़ेगा कि सिर्फ एक आदमी की जिद ने इंदौर में एक अनोखा विश्व रिकॉर्ड बना दिया। यह रिकॉर्ड बनाने का बीड़ा उठाया प्रदेश के नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने। उन्होंने एक दिन यानी करीब 12 घंटे में 11 लाख पौधे रोपने का विचार बनाया और उसे कार्यरूप में परिणित करने के लिए पूरी योजना तैयार की। उनकी इस पहल और योजना में इंदौर का जिला प्रशासन, भारतीय जनता पार्टी, सभी जन प्रतिनिधि, इंदौर के सामाजिक संगठन और आम जनता शामिल हुई। जब शाम को सूचना मिली कि लक्ष्य 11 लाख से कहीं ज्यादा पौधों का रोपण हो गया तो कैलाश विजयवर्गीय ‘ये देश है वीर जवानों का की धुन पर’ झूम गए और नाचने लगे। उत्साह और उमंग वाली ये ख़ुशी स्वाभाविक है।

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इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह और नगर निगम कमिश्नर शुभम वर्मा ने भी जमीन पर बैठकर पौधों को रोपने के लिए गड्ढे खोदने का श्रमदान किया। कैलाश विजयवर्गीय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक पौधा मां के नाम’ अभियान में इंदौर के प्रत्येक नागरिक को भावनात्मक रूप से जोड़ा। हर व्यक्ति को यहां पौधा रोपने के लिए प्रेरित किया। अभियान के इस नाम को भी इस कार्य की सफलता का एक कारण माना जा सकता है।

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इस अभियान की सफलता के अभियान को राजनीति से प्रेरित नहीं माना जाए, इसलिए कैलाश विजयवर्गीय कांग्रेस कार्यालय भी गए और वहां कांग्रेस को भी अभियान से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया। अच्छी बात यह रही कि कांग्रेस ने भी उनके आमंत्रण को स्वीकार किया और यह माना कि पर्यावरण जैसे जनहित के काम में कोई राजनीति आड़े नहीं आना चाहिए।

इस अभियान को बृहद रूप देने के लिए विजयवर्गीय ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को भी विशेष तौर पर आमंत्रित किया। खास बात यह भी रही कि पौधारोपण करने आने वालों के लिए सारी व्यवस्थाएं भी की गई। सुबह चाय से लेकर नाश्ते और भोजन तक का वहां इंतजाम किया गया जो पूरी तरह सफलता से संचालित हुआ।

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यह सुनने में भले ही अच्छा लगे, लेकिन इस काम को सफलता से कर लेना बेहद दुष्कर था। बहुत बड़ी चुनौती इसलिए भी थी, कि मौसम विपरीत था। एक रात पहले इंदौर में साढ़े 3 घंटे की भारी बरसात से कई तैयारियां को प्रभावित कर दिया था। फिर भी सारा अभियान सफलता से पूरा हुआ।

इस अभियान की सफलता का आशय सिर्फ 11 लाख पौधों के रोपण तक सीमित नहीं है। एक निर्धारित समय में इंदौर में 51 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य बनाया गया है, जिसकी शुरुआत रविवार से तीन दिन पहले ही हो चुकी थी। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला,मुख्यमंत्री मोहन यादव, केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मप्र भाजपा प्रभारी महेंद्र सिंह और कई नेता इंदौर आए और उन्होंने इस अभियान में अपनी सहभागिता निभाई। सिंधिया ने तो यह भी कहा कि वे प्रधानमंत्री का काम छोड़कर सिर्फ इस अभियान के लिए इंदौर आए हैं। फिल्म अभिनेता सुनील शेट्टी भी इससे जुड़े और पौधा लगाया।

 

इंदौर में 51 लाख वृक्षारोपण और 11 लाख वृक्षारोपण के वर्ल्ड रिकॉर्ड की कल्पना 27 मई को की गई थी। यह विश्व में जनभागीदारी का सबसे बड़ा और अनूठा कार्यक्रम है। आने वाले समय में यह इंदौर शहर का बड़ा पिकनिक स्पॉट बनकर सामने आएगा। उज्जैन रोड के किनारे रेवती रेंज में मधुकामिनी के 9 लाख पौधों का रोपण किया गया है। इससे ये पहाड़ी और आसपास का वातावरण हमेशा उसके फूलों की खुशबू से सुगंधित बना रहेगा।

यह भी एक अविश्वसनीय बात है कि इस अभियान के लिए 20 करोड़ के पौधे दान में मिले है। यहां विभिन्न प्रजातियों के पौधों के रोपण से एक बेहतर इकोसिस्टम तैयार होगा। साथ ही पक्षियों की चहचहाहट यहां पर पिकनिक मनाने वालों को आनंदित करेगी।

विजयवर्गीय के मुताबिक, 51 लाख वृक्षारोपण का संकल्प लेने के बाद हमने पौधों को इकट्ठा करने की योजना बनाई। 20 करोड़ की लागत के पेड़ हमें दान में मिले हैं। 300 ट्रकों में भरकर पेड़ वृक्षारोपण स्थल तक लाए गए। यहां सारी तैयारी भी गिनीज बुक के तयशुदा मापदंडों के तहत की गई। लोगों की सहायता के लिए बड़ी संख्या में स्वयं सेवकों की टीम तैनात रही। रेवती रेंज में वृक्षारोपण स्थल पर 100 कैमरे लगाए गए हैं। इनकी मदद से पौधों की निगरानी की जाएगी।

*तैयारी में सिर्फ 46 दिन की मेहनत*
46 दिनों की मेहनत और समर्पित लोगों की टीम की वजह से विश्व का सबसे बड़ा जनभागीदारी के अनूठे आयोजन का एक भाग पूरा हुआ। भले ही यह यह अभियान ‘वन मैन शो’ हो लेकिन इसमें उन्होंने सभी को जोड़ने में कोई कोताही नहीं बरती। जिस दिन से यह अभियान शुरू हुआ, तब से अब तक शहर और उसके आसपास के इलाकों में 23 से 24 लाख पेड़ लग चुके हैं। जिस रफ्तार और उत्साह से वृक्षारोपण हो रहा है, विजयवर्गीय को विश्वास है कि आंकड़ा 51 लाख के पार निकल जाएगा। रेवती रेंज पर एक नर्सरी भी बनाई जाएगी, जिसमें एक लाख से ज्यादा पेड़ होंगे। यदि कोई पेड़ खराब हो जाता है या सूख जाता है तो उसकी जगह पर नया पौधा लगाया जाएगा। कोई भी व्यक्ति यदि किसी पौधे को खराब देखे तो वह भी लगा सकता है।