कैलाश आपका प्रयास सराहनीय, पर आस इंदौर नहीं पूरे प्रदेश को है…
गर्मी के कहर से देश जल रहा है, मध्यप्रदेश उबल रहा है, भोपाल तप रहा है और इंदौर भी झुलस रहा है। ऐसे में मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास तथा संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का इंदौर में 3 घंटे में 51 लाख पौधे लगाकर इतिहास रचने का ऐलान सराहनीय है। वास्तव में अब हम सभी को यह महसूस हो चुका है कि वृक्षारोपण ही मानव जीवन के लिए वरदान है वरना कष्टपूर्ण अवसान के अलावा कोई विकल्प नहीं है। पौधारोपण प्रकृति की सच्ची सेवा नहीं बल्कि हम और हमारी पीढ़ियां गर्मी के कहर से जलकर असमय मरने को मजबूर न हों, इसके लिए पौधारोपण कर हम अपना ही भविष्य सुरक्षित करेंगे और अपनी ही सेवा करेंगे। ऐसे में कैलाश विजयवर्गीय का प्रयास और सोच बहुत सराहनीय है, पर पूरे मध्यप्रदेश को उनसे आशा है और वह भी बहुत ज्यादा है। खाली इंदौर को हरा-भरा करने की अपील कर वह अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्य से विमुख नहीं हो सकते।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि कुछ दशक पहले हमारी धरती हरी-भरी थी। समय पर बरसात, गर्मी और ठंड का अहसास कराती थी। लेकिन आज धरती मां वृक्षों के आभूषण से विहीन होती जा रही है। इसके चलते जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है। उन्होंने इंदौरवासियों से अपील की है कि हरियाली खत्म होने से भीषण गर्मी और अनेक लाइलाज बीमारियां फैलने लगी हैं। यदि हम अपने जीवन की खुशियां चाहते हैं तो पौधे लगाने के लिए आगे आना ही होगा। प्रकृति की सेवा के माध्यम से हम ईश्वर की आराधना करें। उन्होंने इंदौरवासियों से इस अभियान में अधिक से अधिक संख्या में भागीदारी करने की अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया है कि ‘आज पूरा देश जल रहा है। इंदौर भी उस जलन से बचा नहीं है। शहर में 42 डिग्री तापमान है, पर इंदौर से 7 किलोमीटर दूर पितृ पर्वत पर यह तापमान कम है, क्योंकि यहां 3 लाख पेड़ हैं। प्रदूषण भी कम है। ऑक्सीजन बहुत पवित्र है और इसलिए यहां मजा भी आता है। हनुमान जी तो हैं ही…प्रकृति भी बहुत जरूरी है। इसी वीडियो में वह कहते नजर आ रहे हैं कि इंदौर जिस तरह जल रहा है, हम एक पौधा लगाकर उसकी आग को ठंडी कर सकते हैं। आने वाले दिनों में हम कुछ घंटों में 51 लाख पौधे लगाकर रिकॉर्ड बनाएंगे। इसलिए जुलाई के महीने में कमर कस लें, हर व्यक्ति कम से कम 10-10 पौधे लगाएं। हम इंदौर में तीन घंटे में कीर्तिमान स्थापित करेंगे और आने वाली पीढ़ी के लिए अच्छा वातावरण देने का प्रयास करेंगे।
हमारी कैलाश विजयवर्गीय से गुजारिश है कि वह अब केवल इंदौर के नेता नहीं है। आज वह राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा नाम हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के नाते भी वह पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। मध्यप्रदेश में मंत्री होने के नाते भी वह पूरे प्रदेश के हैं। ऐसे में वृक्षारोपण में रिकॉर्ड बनाने की उनकी चाह केवल इंदौर तक सीमित नहीं रहना चाहिए। बल्कि प्रदेश का हर नगर और जिला वृक्षारोपण का रिकॉर्ड बनाने में होड़ लगाए, कैलाश का यह प्रयास समूचे मध्यप्रदेश को उनका ऋणी बना देगा। मध्यप्रदेश का हर नागरिक दस-दस पौधे लगाने में अपना पूरा योगदान देने की दौड़ में शामिल हो, कैलाश विजयवर्गीय की अपील यह असर दिखा सकती है। और बात यहीं खत्म नहीं होती है। दरअसल वृक्षारोपण तो हर साल होता है। फोटो भी खिंचते हैं और रिकॉर्ड भी बनते हैं, पर बाद में कितने पौधे जिंदा बच पाते हैं…यह हकीकत डरावनी है। इससे सब वाकिफ भी हैं, कोई अनजान नहीं है। तो यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हर नागरिक न केवल दस पौधे लगाए वरन उनको जवान करने की जिम्मेदारी की गारंटी भी ले। तब शायद इंदौर के पितृ पर्वत जैसा आनंद प्रदेश के सभी नगरों और गांवों में मिलने की उम्मीद की जा सकेगी। तब उस भयावह हकीकत से भी पार पाया जा सकेगा, जिसमें 57-58 डिग्री तापमान होने और इंसानों के जिंदा जलने की बात कही जा रही है। यह इंसान कोई और नहीं बल्कि हमारी अगली पीढ़ियां ही हैं। क्योंकि सच तो सच है, अगर हम समय रहते नहीं चेते तो फिर हमें चेतने का समय भी नहीं मिलेगा। ऐसे में मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास तथा संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय आपकी बहुत बड़ी भूमिका का इंतजार पूरे प्रदेश को है। आप इंदौर ही नहीं, बल्कि अब पूरे मध्यप्रदेश के हैं और आपका प्रयास सराहनीय है, पर आपसे आस खाली इंदौर नहीं बल्कि पूरे प्रदेश को है। और प्रदेश को यह भरोसा भी है कि आपमें हर उम्मीद पर खरा उतरने की क्षमता भी है…।