Bhopal : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज को लेकर कहा- वे अपनी आंखें और कान बंद करके जाते हैं, मुँह चलाकर आ जाते हैं।
कमलनाथ ने आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (PCC) में मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि दिग्विजय सिंह जी के साथ मैं भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से टेम और सुठोलिया परियोजना के डूब प्रभावितों को साथ लेकर जाकर मिला। हम दोनों ने उन लोगों की परेशानी बताई। उन्हें सर्वे और मुआवजे से संबंधित सारी गड़बड़ियां बताई।
प्रभावित किसानों से उनकी सीधी चर्चा भी कराई। प्रदेश की जनता की समस्याओं पर कमलनाथ की टिप्पणी थी ‘ये तो अपनी आंखें और कान बंद करके जाते हैं, सिर्फ मुँह चलाकर आ जाते हैं।’
कमलनाथ ने बताया कि दिग्विजय सिंह जी ने CM से मिलने का समय मांगा था, उन्हें आज का समय मिला था। उन्होंने मुझे सूचित किया, तो मैंने उनसे आग्रह किया कि मैं भी साथ चलूंगा और आज मैं उनके साथ मिलने गया।
कमलनाथ ने शिवराज सिंह से स्टेट हैंगर पर हुई मुलाकात पर आज फिर सफाई दी कि उस दिन भी मैं स्पष्ट कर चुका हूं कि मैं छिंदवाड़ा से अपने दो दिन के दौरे के बाद भोपाल स्टेट हैंगर पर लौटा था।
उसी समय शिवराज जी भी अपने दौरे पर जाने के लिए स्टेट हैंगर पर पहुंचे, तो हमारी अचानक मुलाकात हुई। उस समय उन्होंने मुझे दिग्विजय सिंह जी के धरने के बारे में बताया।
दिग्विजय सिंह जी के धरना स्थल पर मुझे डूब प्रभावित किसानों ने अपनी समस्या बताई। उनकी समस्या बिल्कुल सही है, उन्होंने मुझे बताया कि किस प्रकार मुआवजे में गड़बड़ी हो रही है, सर्वे गलत हो रहा है। उन्होंने मुझे कागज भी दिखाए कि किस तरह उनके साथ अन्याय हो रहा है। अब शिवराज जी के ऊपर है कि वो सही निर्णय करें और न्याय करें।
कमलनाथ ने मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि आज प्रदेश का किसान त्रस्त है। उनको खाद, बीज नहीं मिल रहा है, सही मूल्य नहीं मिल रहा।
कई जगह बड़ी-बड़ी परियोजनाओं में उनकी जमीन जा रही है, लेकिन उनको सही मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। आज किसान त्रस्त, नौजवान, छोटा व्यापारी सभी त्रस्त हैं।
आज शिवराज जी जिस बूथ पर भी जा रहे हैं, वहाँ लाइट नहीं है, पीने का पानी नहीं है, शौचालय नहीं है, उज्जवला योजना के सिलेंडर नहीं है! यह प्रदेश की हालत है। ये तो अपनी आंखें और कान बंद करके जाते हैं, सिर्फ मुँह चलाकर आ जाते हैं।
सांसद के पी यादव के पत्र वाले सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि यह दोनों का आपसी और पार्टी का मुद्दा है, वे आपस में निपटे। यदि केपी यादव दुखी हैं तो ऐसे तो कई दुखी होंगे! अभी तो सिर्फ केपी यादव का पत्र ही सामने आया है।
अमर ज्योति जवान का सवाल
भाजपा की नीति और नियत दोनों सामने आ रही है कि वे किस नीयत से काम कर रहे हैं। ये तो पूरे देश का इतिहास मिटा देना चाहते हैं। नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि 2014 से ही देश का इतिहास लिखा जाए। लेकिन, वह इतिहास जरूर लिखा जाएगा, जब अगला लोकसभा आएगा, यह भूल में न रहे। आज देश के मतदाताओं में बहुत जागरूकता है।
दिग्विजय सिंह मीडिया से बोले
मैं शिवराज जी को लगातार पत्र लिख रहा था, कितनी बार मेरे कार्यालय से उनके कार्यालय में किन से कौन से नंबर से बात हुई उसकी जानकारी मैंने कमलनाथ जी को दी है। यदि उनके अधिकारी और उनका कार्यालय उनको सूचित नहीं करता, तो उसमें मेरा कोई कसूर नहीं है। मुझे पहले 21 जनवरी का समय दिया, फिर अचानक से मना कर दिया गया। बाद में सूचना दी कि 23 तारीख को 11:45 बजे का समय दिया है, हमने आज मुलाकात कर ली।