
Khandwa Patient Suicide Case: खंडवा के जिला अस्पताल में एनीमिया मरीज ने की आत्महत्या, 5वीं मंजिल से कूदकर दी जान
Khandwa Patient Suicide Case: खंडवा के जिला अस्पताल में एक सनसनीखेज घटना ने हड़कंप मचा दिया है। यहां एक एनीमिया से पीड़ित मरीज ने पांचवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। मरीज का शव दूसरी मंजिल के डक्ट में फंसा हुआ मिला। जिसे अस्पताल स्टाफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बाहर निकाला। यह मरीज रविवार से लापता था, जिसके बाद उसका शव मिला है। इस घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
मरीज ने एयर डक्ट में लगाई छलांग
खंडवा के जिला अस्पताल में सोमवार (26 मई) को एनीमिया पीड़ित 50 साल के मरीज ने आत्महत्या कर ली। मरीज ने पांचवीं मंजिल स्थित मेल वार्ड में बाथरूम के वेंटिलेशन का कांच तोड़ा और एयर डक्ट में छलांग लगा दी। मरीज को इस वार्ड में भर्ती किया गया था। जानकारी के अनुसार मरीज कल रविवार से लापता था, जिसका शव सोमवार को दूसरी मंजिल में एयर डक्ट में फंसा हुआ मिला।
माना जा रहा है कि मरीज ने रविवार की दोपहर में ही कूदकर आत्महत्या कर होगी। जिसकी जानकारी सोमवार को सामने आई। सूरजकुंड निवासी मोहनलाल मोरे को पाइल्स की परेशानी के चलते चार दिन पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां मरीज का इलाज जारी था, आज सोमवार को खून चढ़ना था और रक्तदाता मिल गए, लेकिन उससे पहले ही मरीज ने आत्महत्या कर ली।
अंदर से बंद था बाथरूम का दरवाजा
जानकारी के मुताबिक रविवार दोपहर में अस्पताल से मरीज के लापता होने परिजन और पुलिस लगातार तलाश कर रहे थे, मामले में जब सीसीटीवी फुटेज की जांच की सामने आया कि जिसमें मरीज बाथरूम की ओर जाते दिखाई दिया, लेकिन वापसी नहीं हुई। इसके बाद बाथरूम का गेट चेक किया वह अंदर बंद था, गेट खोलने पर देखा की वेंटिलेशन के कांच टूटे हुए हैं, इस खिड़की के पीछे ही एयर डक्ट था। डक्ट चेक किया तो इसमें पेशेंट फंसा हुआ था। इसके बाद रेस्क्यू कर मरीज को तुरंत इमरजेंसी वार्ड में लाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही मोघट रोड थाना और कोतवाली पुलिस अस्पताल पहुंची। पुलिस का कहना है कि पेशेंट ने सुसाइड किया हैं।
एनीमिया से पीड़ित था मृतक
सिविल सर्जन डॉ. अनिरुद्ध कौशल ने बताया कि पेशेंट मोहनलाल को एनीमिया से पीड़ित था। इलाज के लिए भर्ती किया गया था। उसे पाइल्स की वजह से ब्लीडिंग हुई थी। शरीर में खून की कमी के कारण कमजोरी थी। डॉ. कौशल ने आगे बताया कि स्टाफ ने इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती है। इधर, मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में शुरू कर दी है।
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