Khari-Khari : इंदौर की स्वच्छता का श्रेय अधिकारियों को नहीं, सफाईकर्मियों और जनता को

इंदौर से दो अधिकारी उज्जैन गए, वे उज्जैन को नंबर-वन क्यों नहीं बना सके!

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Indore : भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आज बहुत खरी-खरी बात कहीं। स्वच्छता कर्मियों के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने इंदौर की स्वच्छता का पूरा श्रेय सफाईकर्मियों और इंदौर की जनता को दिया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इसका श्रेय मत दीजिए! विजयवर्गीय ने मीडिया को भी कहा कि अधिकारियों की मालिश करना बंद कीजिए!

कैलाश विजयवर्गीय आज मंच पर बेहद खफा नजर आए। उन्होंने कहा कि मैं कड़वी बात बोल रहा हूं, पर जरूरी भी है! क्योंकि, मेरे अलावा किसी में ताकत भी नहीं है ऐसी बात करने की। उन्होंने कहा कि आप सब श्रेय अधिकारियों को दे रहे हो. अगर अधिकारियों में ही दम होता तो यहां के कलेक्टर उज्जैन गए थे, उज्जैन को नंबर-वन बना पाए क्या। अभी वर्तमान में जो उज्जैन कलेक्टर हैं, वे इंदौर नगर निगम कमिश्नर थे, जिनको अमिताभ बच्चन ने सम्मानित किया था। वे उज्जैन को नंबर वन बना पाए क्या!

उन्होंने इंदौर के स्वच्छता में नंबर वन बनने का श्रेय अधिकारियों को देने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अधिकारियों की मालिश करना बंद कीजिए। इंदौर के लगातार छठी बार नंबर वन आने पर मीडिया में अधिकारियों की तारीफ की गई थी, इसी पर कैलाश विजयवर्गीय खफा थे। वे इंदौर में स्वच्छता कर्मियों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि मेरी बातें कड़वी हैं, आप लोगों को गलत लग सकती हैं। पर कड़वी बातें कहते रहना चाहिए। यदि कोई मुझसे पूछे कि इंदौर शहर की सफाई के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार और जवाबदार कौन है तो मैं कहूंगा कि सबसे पहला नंबर शहर के सफाई कर्मियों का है। दूसरा नंबर जाता है इंदौर की जनता को। क्योंकि, इंदौर की जनता अनुशासित है, संस्कारवान है। हमारी पहली वाली पीढ़ी ने संस्कार डाले हैं। यदि इंदौर की जनता को श्रेय नहीं दोगे, सिर्फ अधिकारियों को श्रेय दोगे तो ये गलत है। मुझे मालूम है कि मैं बहुत कड़वी बात बोल रहा हूं। बहुत जरूरी भी है बोलना, क्योंकि मेरे अलावा किसी में ताकत भी नहीं है कि बोल ले ये बात। ज्यादा अधिकारियों की मालिश मत किया कीजिए। इस इंदौर को नंबर वन बनाया है तो जनता ने बनाया है।