Kindness of 2 IAS Officers : दिव्यांगों के लिए जमीन पर बैठ गए इंदौर कलेक्टर और निगम आयुक्त!
Indore : जनसुनवाई का सही अर्थों में मतलब आज इंदौर में दिखाई दिया जब दो आईएएस अफसरों ने पीड़ितों की समस्या के हल के लिए उनकी बराबरी में बैठने में जरा भी संकोच नहीं किया। कलेक्टोरेट में कलेक्टर आशीष सिंह एक दिव्यांग महिला और एक पुरूष की समस्या सुनने के लिए उसके साथ जमीन पर बैठ गए। जबकि, निगम आयुक्त अपने ऑफिस से निकलकर पीड़ित वृद्ध महिला की शिकायत सुनने बाहर आए और ऑटो रिक्शा में उससे मिले। दोनों अधिकारियों ने मामले के जल्द हल करने का भरोसा दिलाया।
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह अपनी विशेष संवेदनशीलता के लिए पहचाने जाते हैं। इसका एक प्रमाण आज कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान देखने को मिला। एक बुजुर्ग महिला जो एक पैर से दिव्यांग है आवेदन के लिए कतार में लगने के लिए जा रही थी। कलेक्टर ने उसे वहीं रोककर उसकी समस्या सुनी महिला खड़ी नहीं हो सकती थी, इसलिए वहीं बैठ गई। यह देखकर कलेक्टर भी उसके पास जमीन पर ही बैठ गए। महिला को आश्वस्त किया कि उसके आवास सम्बन्धी आवेदन का जल्द निराकरण कर सूचित किया जाएगा।
नगर निगम आयुक्त ऑटो में मिलने आए
तीन माह बाद आज से फिर शुरू हुई जनसुनवाई में नगर निगम में जब 14 साल पहले रिटायर हुए कर्मचारी की बीमार पत्नी छोटीबाई पति रमेश परिवार कल्याण की राशि के लिए बेटी के साथ आवेदन लेकर पहुंची तो कर्मचारियों के हितेषी आयुक्त शिवम वर्मा ने आटो में बैठी कर्मचारी की पत्नी छोटीबाई से स्वास्थ्य के बारे में पूछा। उनके लिए पानी मंगवाया और कहा कि जल्द आपका पैसा आपको मिल जाएगा, आप परेशान न हो।
महिला की बेटी ने बताया की जोन 3 के रंजीत नामक कर्मचारी ने 3000 रुपए भी ले लिए हैं। आयुक्त ने सहायक आयुक्त राजेंद्र यादव को आज शाम 4 बजे तक पूरे प्रकरण को समझकर महिला को निगम से पैसा दिलाने और रंजीत के विषय में सारी जानकारी की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। जनसुनवाई में लगभग 48 आवेदन आए, जो संबंधित विभाग प्रमुखों को निराकरण ले लिए भेजे गए।