Kings in Politics : उत्तर प्रदेश के कई शाही घराने और राजवंश भाजपा में

कांग्रेस से आए आरपीएन इस कड़ी में एक नया चेहरा

790
Pachmarhi
Election

Lucknow : हाल ही में कांग्रेस से BJP हुए आरपीएन सिंह अकेले शाही परिवार के सदस्य नहीं हैं, जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए। बल्कि, कुछ अन्य राजपरिवार भी भाजपा में पहले हैं।

RPN Singh कृषि नगर के नजदीक पडरौना शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं और हाल ही में BJP में शामिल हुए हैं।

इससे पहले कालाकांकर की राजकुमारी रत्ना सिंह 2019 में BJP में शामिल हुई थी। रानी पक्षालिका सिंह चंबल के पास भादावर शाही परिवार से हैं जो बाह निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। डॉ संजय सिंह भाजपा में हैं और वे अमेठी के शाही वंश से हैं।

वे 2019 में दूसरी बार भाजपा में शामिल हुए हैं। जहां तक वंशवादियों का सवाल है तो सूची लंबी होती जा रही है। इसमें जितिन प्रसाद, अपर्णा बिष्ट यादव के अलावा और भी कई चेहरे शामिल हैं।

राजघरानों की राजनीति

पिछले दो दशकों में BJP के निर्वाचित सांसदों में इंडियन नेशनल कांग्रेस के समान ही ‘वंशवाद’ साफ़ दिखता है। यह जानकारी 1952 में भारत की पहली संसद के बाद से सभी 4,807 सांसदों के जीवन के बारे में जानकारी वाले नए डेटासेट पर किए विश्लेषण में सामने आई।

कांग्रेस से लोकसभा के लिए चुने गए 36 सांसद राजवंशीय हैं और 31 के आंकड़े के साथ BJP भी ज्यादा पीछे नहीं है।

1999 में 13वीं लोकसभा की शुरुआत में 8% सांसद या तो पूर्व राजा, महाराजा थे या फिर उस परिवार के साथ विवाह के बंधन में बंधे थे। वंशवादियों और राजघरानों की बराबरी 2009 में दिखाई दी, जब कांग्रेस और भाजपा में क्रमशः 11% और 12% सांसद राजघरानों से चुने गए थे।