ये है छत्तीसगढ़ के सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले के अशांत कस्बे गीदम की नम्रता जैन की कहानी! जिस इलाके में आए दिन हत्या, विस्फोट और बिजली जाने की समस्या हो, ऐसी जगह से पढ़कर IAS बनना आसान नहीं है। दंतेवाड़ा जिले में साक्षरता दर देश में सबसे कम है। नक्सली हमलों के अलावा घरेलू हिंसा और बेरोजगारी की उच्च दर भी यहां उच्च स्तर की है, जो जिले के विकास को प्रभावित करती है। ऐसी समस्याओं और सीमित संसाधनों के बावजूद नम्रता ने UPSC परीक्षा पास की। नम्रता के पिता एक व्यवसायी और मां गृहिणी थीं। UPSC को देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में गिना जाता है। कुछ परीक्षार्थी पहले प्रयास में सफल हो जाते हैं, कुछ कई कोशिशों के बाद सफल नहीं हो पाते। नक्सल प्रभावित इलाके में पली-बढ़ी नम्रता जैन का सपना था सिविल सर्विसेज में जाने का। नम्रता ने दो बार UPSC क्लियर की।
पहले उनकी इच्छा विधि सेवा में जाने की थी, पर परिवार की प्रेरणा से उन्होंने UPSC दी और पहली कोशिश में IPS में सिलेक्ट हुई। लेकिन, लक्ष्य IPS था, तो फिर से परीक्षा दी और अपने लक्ष्य तक पहुंची। वे ऐसी उदाहरण बनकर सामने आई हैं, जिनसे प्रेरणा लेकर और भी लोग इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। नम्रता जैन ने साबित किया कि मुश्किल हालातों के बावजूद सपने को पूरा किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा जिला सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गिना जाता है। नम्रता को पढ़ाई के दौरान इतनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती।
नम्रता जैन की शुरुआती पढ़ाई दंतेवाड़ा के कारली कस्बे के निर्मल निकेतन स्कूल में हुई। लेकिन, 10वीं पास करने के बाद वे मुश्किल आ गई। क्योंकि, परिवार वालों ने आगे की पढ़ाई के लिए बाहर भेजने से मना किया। ऐसे में नम्रता की मां ने उनका साथ दिया और परिवार को नम्रता की पढ़ाई के लिए मनाया। इसके बाद नम्रता ने 5 साल भिलाई और 3 साल दिल्ली में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने दुर्ग के हाईस्कूल और भिलाई से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। वे अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान अपने कॉलेज में भी बहुत पढ़ाई करती थी। नम्रता पढ़ाई के लिए अपने गृहनगर से लगभग 350-400 किलोमीटर दूर गीदम से दुर्ग और भिलाई की यात्रा की। अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए बहुत प्रयास किए, पर पढ़ाई में अपनी रुचि कभी नहीं खोई!
उनके परिवार को नम्रता की प्रतिभा पर इतना भरोसा था कि किसी दिन उनकी बेटी सिविल सेवा परीक्षा जरूर पास करेगी। नम्रता जब UPSC की तैयारी कर रही थी, उस समय 6 महीने के अंतर से उनके दो चाचाओं की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इससे नम्रता को गहरा आघात लगा और वह टूट सी गई थी। लेकिन, चाचा का सपना था कि वो IAS बने, इसलिए उन्होंने ज्यादा मेहनत करना शुरू कर दिया। उसी दौरान उनके कस्बे में एक पुलिस स्टेशन को नक्सलियों ने विस्फोट से उड़ा दिया था। इस घटना के बाद जहां चारों दहशत का माहौल था। नम्रता ने इस घटना से प्रेरणा ली और इस इलाके में विकास लाने का निर्णय लिया। नम्रता बताती हैं कि अपने क्षेत्र की परेशानियों को देखते हुए वे शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं लाना चाहती हैं। नम्रता जैन को महासमुंद में पोस्टिंग मिली है। वे यहां SDM नियुक्त की गई। इससे पहले वे रायपुर में ट्रेनी असिस्टेंट कलेक्टर थीं।
नम्रता ने पहली बार 2015 में UPSC की परीक्षा दी, लेकिन वे सफल नहीं सकी। 2016 में वे दंतेवाड़ा वापस आ गईं। यहां UPSC परीक्षा से जुड़ी कोचिंग की कोई सुविधा नहीं थी। इसलिए उन्होंने ऑनलाइन कोचिंग ज्वाइन करने का फैसला किया। पर्सनैलिटी टेस्ट के लिए उन्होंने एक और कोचिंग ज्वाइन की। अगले साल 2016 की परीक्षा में उन्हें 99वीं रैंक मिली, उसके बावजूद भी वह IAS नहीं सकी। वे मध्य प्रदेश कैडर की IPS बनीं, लेकिन नम्रता का लक्ष्य तो IAS बनने का था। वे हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी में ट्रेनिंग के दौरान भी UPSC की तैयारी करती रहीं। 2018 में उन्होंने फिर किस्मत आजमायी और इस बार उनकी मेहनत रंग लाई। नम्रता ने ऑल इंडिया में 12वीं रैंक हासिल किया और IAS बनने का सपना पूरा किया। फ़िलहाल नम्रता जैन महासमुंद के सरायपाली में बतौर एसडीएम पदस्थ हैं।
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सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी के बारे में नम्रता का मानना है कि अगर कोई उम्मीदवार आर्थिक रूप से सुरक्षित है, तो उसे नौकरी के बजाए तैयारी पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। क्योंकि, पूरी तरह समर्पित होकर ही इस परीक्षा में सफलता मिल सकती है। वे यह भी मानती है कि यदि कोई अच्छी वित्तीय स्थिति में नहीं है, तो नौकरी के साथ UPSC की परीक्षा की तैयारी करके भी सफलता पाई जा सकती है। इसमें सफलता पाने के लिए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना होगा। उनके अनुसार अगर कोई सही दिशा में लगातार लगा रहता है, तो उसे कुछ ही साल में सफलता मिल जाएगी। नम्रता का कहना है कि अगर कोई पहले प्रयास में UPSC की परीक्षा में फेल हो जाता है, तो निराश होने के बजाए गलतियों को सुधारें और बेहतर प्रदर्शन करें।
ट्रेनी IPS से सादगी से शादी की
नम्रता जैन ने 2021 में महासमुंद कोर्ट में अपने करीबी मित्र और ट्रेनी IPS अशोक कुमार रखेचा के साथ सादगी से विवाह किया है। दोनों की मुलाकात साल 2015-16 में हुई थी। पढ़ाई के दौरान ही दोस्ती हुई, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। दोनों UPSC की तैयारी के लिए दिल्ली गए थे। यहीं दोनों के बीच पहले दोस्ती हुई और फिर दोस्ती को रिश्ते में बदलने पर सहमति बनी। शादी में कलेक्ट्रेट बना मंडप और प्रशासनिक अधिकारी बाराती के रूप में नजर आए थे। दोनों अधिकारियों ने लोगों को संदेश देते हुए खर्चीली शादी से परहेज किया और अपने अपने परिवार की मौजूदगी में कोर्ट में रजिस्टर्ड शादी की। कोर्ट में बिना किसी तामझाम के दोनों जीवनसाथी बन गए।
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