KISSA-A-IAS: जीवन में 13 असफलताओं के बाद UPSC क्रेक की
मेरी यात्रा :
10वीं : 44.7%
12वीं : 65%
ग्रेजुएशन: 60%
CDS : फेल
CPF: फेल
राज्य लोक सेवा आयोग: 10 से अधिक बार प्रारंभिक परीक्षा में फेल
UPSC सिविल सेवा परीक्षा :
1. प्रथम प्रयास में साक्षात्कार
2. दूसरे प्रयास में AIR 77
कोई विश्वास कर सकता है कि ये किसी IAS अधिकारी की परीक्षाओं का रिकॉर्ड हो सकता है! नहीं कर सकता न! संभव भी नहीं है। क्योंकि, UPSC क्रेक करने वाले परीक्षार्थियों के बारे में धारणा है कि ये स्टूडेंट सामान्य से कुछ अलग होते हैं। लेकिन, छत्तीसगढ़ कैडर के 2009 बैच के अधिकारी अवनीश शरण ने इस निर्धारित धारणा को खंडित कर दिया कि स्कूल और कॉलेज की मार्कशीट किसी के बौद्धिक ज्ञान का प्रमाण होती है। यदि स्टूडेंट काबिल हो, तो ऐसी असफलताएं जीवन में कभी आड़े नहीं आती। काबिलियत और जीत का जज्बा हो, तो सफलता खुद चलकर खुद काबिल इंसान के पास आती है।
बिहार का रहने वाला ये औसत से भी कमजोर छात्र एक दिन देश का चर्चित IAS बनेगा, यह उन्होंने भी नहीं सोचा होगा। क्योंकि, अवनीश शरण बेहद गरीब परिवार से थे। लालटेन की रोशनी में पढ़कर बचपन बिताया। 10वीं और 12वीं कक्षा तक भी वे एक औसत छात्र रहे, जिसका उन्हें कोई अफसोस नहीं है। लेकिन, आज वे लाखों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं। उनके ट्विटर हैंडल पर चार लाख 20 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
हर पेरेंट्स चाहते हैं, कि उनका बच्चा परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करें और अच्छे अंकों के साथ परीक्षा पास करें, जिससे उसका भविष्य अच्छा हो, नौकरी के अच्छे अवसर मिले। पर, जब बच्चों के अच्छे अंक नहीं आते, तो वे निराश हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि अब उनके बच्चे जीवन में अच्छा अवसर नहीं मिलेगा। लेकिन, अवनीश शरण एक अपवाद हैं। वे IAS अधिकारी हैं और उनके जीवन की सफलता और असफलता की कहानी सुनकर कोई भरोसा नहीं कर सकता कि बोर्ड परीक्षा में इतना कम नंबर पाने वाला व्यक्ति UPSC में कैसे सफल हुआ।
हर परीक्षा मेहनत मांगती है। पूरी लगन के साथ कड़ी मेहनत भी करना पड़ती है। ऐसा ही जज्बा IAS अवनीश शरण का है, जिन्हें 13 बार की असफलता के बाद सफलता मिली। यह कहानी है छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अधिकारी अवनीश शरण की जिनके बचपन की पढ़ाई मुश्किल हालात में हुई। 10वीं की परीक्षा में थर्ड डिवीजन से पास हुए। यह कहानी उन स्टूडेंट्स के लिए मिसाल है, जो हाल-फिलहाल बोर्ड परीक्षाओं में कम नंबर आने से निराश हैं और आगे चलकर UPSC परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं।
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छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अधिकारी अवनीश शरण ने खुद यह जानकारी ट्विटर पर शेयर की थी। उन्होंने उन सभी परीक्षाओं का जिक्र किया, जिसमें वे असफल हुए। ट्वीट करने के साथ ही यह पोस्ट वायरल हो गई। इस पोस्ट को रीट्वीट करते हुए यूजर्स ने इसे प्रेरणादायक बताया और अपने अनुभव भी शेयर किए। अवनीश शरण ने ट्विटर पर अपनी 10वीं की मार्कशीट की एक तस्वीर शेयर की। इसे देखने के बाद कोई भरोसा नहीं कर सकता कि 10वीं में इतने कम नंबर पाने के बाद उन्होंने इतनी बड़ी प्रतियोगी परीक्षा कैसे पास कर ली!
IAS अवनीश शरण ने सोशल मीडिया पर अपनी 10वीं कक्षा की मार्कशीट शेयर कल खुद ही बताया कि वे 10वीं बोर्ड की परीक्षा में थर्ड डिवीजन से पास हुए थे। उन्हें 700 में से सिर्फ 314 अंक मिले थे। हिंदी में 100 में से 54 अंक, संस्कृत में 100 में से 30 अंक, गणित में 100 में से 31 अंक, फिजिक्स में 50 में से 21 अंक, केमिस्ट्री में 50 में से 18 अंक, बायोलॉजी में 50 में से 26 अंक मिले हैं। इसके बावजूद वे IAS अधिकारी बने हैं।
इतने कम अंक प्राप्त करने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और न निराश हुए। UPSC परीक्षा देने का कठोर फैसला किया। पहले अटेम्प्ट में इंटरव्यू तक पहुंचे और दूसरे अटेम्प्ट में सिलेक्ट हो गए। लगन और पुरजोर मेहनत के बाद उन्होंने वो कर दिखाया जो दूसरों के लिए बस सपने जैसा था।
कुछ अलग तो है अवनीश
अवनीश शरण का जन्म समस्तीपुर जिले के छोटे से गांव केवटा में 20 जनवरी 1981 को हुआ था। अवनीश के पिता और दादाजी शिक्षक थे। 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 2017 में अवनीश मीडिया की सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने लोगों को सरकारी अस्पताल की सुविधा से जोड़ने के लिए अपनी पत्नी की डिलीवरी सरकारी जिला अस्पताल में करवाई, जिसे प्रेरणास्पद समझा गया। इसके बाद अपनी बेटी वेदिका का दाखिला सरकारी स्कूल में कराया था। उनके इस कदम की भी जमकर तारीफ हुई थी।
टॉप-10 IAS का तमगा
रेटिंग एजेंसी ‘बेटर इंडिया’ ने देश में बेहतर कार्य करने वाले सर्वश्रेष्ठ टॉप 10 आईएएस (IAS) अधिकारियों की सूची में IAS अवनीश शरण पांचवें नंबर पर हैं। पहला स्थान सिक्किम के IAS अधिकारी राज यादव को मिला है।
वर्तमान में शरण छत्तीसगढ़ सरकार में टेक्निकल और एडल्ट एजुकेशन विभाग के डायरेक्टर हैं। वे स्किल डेवलपमेंट के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर भी हैं।
शरण पूर्व में कलेक्टर कवर्धा भी रह चुके हैं। वे रायपुर नगर निगम के कमिश्नर का कार्य भी सफलतापूर्वक संभाल चुके हैं।