Kissa-A-IAS: 2016 Batch IAS Officer, जिनकी किताबें UPSC की तैयारी में कारगर!
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2016 बैच के गुजरात कैडर के IAS अधिकारी नितिन सांगवान ने UPSC की तैयारी के लिए आधुनिक इतिहास पर एक विस्तृत किताब लिखी है। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवरत ने ‘एसेंशियल्स हिस्ट्री ऑफ मॉडर्न इंडिया’ नाम की इस किताब का विमोचन किया। नितिन सांगवान का कहना है कि इसे कंप्लीट करने में पांच साल की कड़ी मेहनत लगी। पुस्तक को चित्रों, नक्शों और रेखाचित्रों के जरिए सरल बनाया गया है। सांगवान का दावा है कि इस किताब को 100 से ज्यादा किताबों का शोध करने के बाद लिखा गया है। इससे पहले उन्होंने समाजशास्त्र पर एक किताब लिखी थी, इसके बाद ये उनकी दूसरी किताब है। दोनों किताबें ख़ास तौर पर UPSC उम्मीदवारों की तैयारी के लिए लिखी गई है।
नितिन सांगवान नाम उस समय चर्चा में आया था, जब उन्होंने अपनी 12वीं की मार्कशीट सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि ‘उस परीक्षा में उन्हें केमिस्ट्री में मात्र 24 मार्क्स मिले थे। ये पासिंग मार्क्स से सिर्फ एक ज्यादा था। लेकिन, इन मार्क्स से यह तय नहीं हुआ कि मुझे अपने जीवन से क्या चाहिए। बच्चों पर मार्क्स का प्रेशर मत बनाइए। जिंदगी बोर्ड एग्जाम से कहीं ज्यादा है। रिजल्ट को आत्मनिरीक्षण का मौका समझें, न कि क्रिटिसिज्म का।’
ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले नितिन सांगवान जड़ों से जुड़े व्यक्ति हैं। वे हरियाणा के एक छोटे से शहर चरखी दादरी से हैं। उनके पिता बैंक में हैं और मां गृहिणी। उनकी एक बेटी भी है। उनके सर्कल में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं था, जिसने UPSC पास की हो, इसलिए उन्हें मार्गदर्शन की भी कमी रही। उनकी स्कूली शिक्षा और स्नातक तक की पढाई भी औसत संस्थानों से हुई। हालांकि, ग्रेजुएशन के बाद ‘कैट’ क्लियर किया। आईआईटी मद्रास से पढाई की। यही वो समय था, जब उन्होंने कुछ करने के बारे में गंभीरता से विचार किया। लेकिन, उस समय भी उनके दिमाग में सिविल सर्विसेज की बात नहीं थी। अंत में, 2012 में जब वे इंफोसिस में थे, तब उन्होंने उस साल की प्रारंभिक परीक्षा का पेपर देखा। यही वह समय था जब उन्होंने नौकरी में रहते हुए तैयारी शुरू की थी।
सांगवान ने 2015 में UPSC की परीक्षा क्लियर की। उनकी 28वीं रैंक आई थी। इस सफलता के 5 साल बाद (14 जुलाई 2020) को, जब लोग 12वीं में 99% लाने वालों की कहानियों में मशगूल थे, IAS अधिकारी नितिन सांगवान ने अपनी 12वीं कक्षा की मार्कशीट ट्वीट की थी। ये कोई टॉपर की मार्कशीट नहीं थी। न इसमें उन्हें किसी विषय में 100 मार्क्स मिले थे। मार्कशीट में केमिस्ट्री में तो इतने कम नंबर आए थे, कि किसी ने उनके एक दिन आईएएस बनने का कभी सोचा भी नहीं होगा। नितिन सांगवान ने ट्वीट में इन्हीं 24 मार्क्स की तरफ स्टूडेंट्स का ध्यान आकर्षित करते हुए लिखा ’12वीं कक्षा में!’ नितिन सांगवान का मानना है कि सोशल मीडिया के दौर में स्टूडेंट्स पर मार्क्स के दबाव का दायरा बढ़ गया है। इसलिए पैरेंट्स और घर के अन्य लोगों को बच्चों को और ज्यादा प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
UPSC में इतिहास को वैकल्पिक विषय लेने वाले उम्मीदवारों को कहीं और देखने की जरूरत नहीं है। गुजरात कैडर के 2016 बैच के IAS अधिकारी नितिन सांगवान ने इस विषय पर एक लेख लिखा है ‘आधुनिक भारत का अनिवार्य इतिहास’ जो विषय को न केवल दिलचस्प बनाता है, बल्कि स्कोरिंग भी बनाता है। सांगवान की पिछली किताब ‘एसेंशियल सोशियोलॉजी’ भी UPSC के उम्मीदवारों के बीच काफी लोकप्रिय रही थी। इस पुस्तक को तारीफ वाली समीक्षाओं के साथ यह कमेंट भी मिला कि ये समाजशास्त्र की सबसे ज्यादा अनुशंसित पुस्तकों में से एक थी। ये किताब इतनी पसंद की गई कि इसका दूसरा संस्करण भी निकल गया। लेकिन, नितिन सांगवान पाँच साल तक आधुनिक भारत का इतिहास लिखने में ही व्यस्त रहे।
गुजरात के राज्यपाल, आचार्य देवरत ने हाल ही में सांगवान की किताब ‘एसेंशियल हिस्ट्री ऑफ मॉडर्न इंडिया’ का विमोचन किया है। एक सिविल सेवक होने के नाते नितिन सबसे सहज और सरल तरीके से अपनी बात कहने में विश्वास रखते हैं, यही कारण है कि वे यूपीएससी के समाजशास्त्र और इतिहास विषय लेकर तैयारी करने वालों में लोकप्रिय हैं। इससे पढ़ाई करने वालों का भी कहना है, कि इस किताब में बहुत कुछ अलग है, जो पढाई करने वालों को रामचंद्र गुहा और रोमिला थापर जैसे बड़े लेखकों की किताबों में नहीं मिलता!
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अपनी इस किताब के बारे में सांगवान कहते हैं कि जब मैंने इतिहास का अध्ययन किया तो यह उबाऊ और शुष्क लगा था। इस कारण किसी ऐसे व्यक्ति के लिए कल्पना करना मुश्किल हो जाता था, जिसने कभी उन चीजों को देखा या अनुभव ही नहीं किया हो। उदाहरण के लिए, यदि भारत सरकार अधिनियम 1919 को किताबों में लिखा गया है, तो पाठकों के लिए इसे समझना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि, वर्तमान समय में इससे जुडी कुछ चीजें व्यवहार में भी नहीं हैं। इसलिए, सांगवान ने इतिहास को एक विषय के रूप में सरल और रोचक बनाने की कोशिश की और इसे लोगों के सामने रखा। हालांकि, यह छोटी और आसान प्रक्रिया नहीं थी। क्योंकि, क्रॉस चेकिंग और शोध में करीब 5 साल लग गए। जब तक कि वह फाइनल प्रोडक्ट के रूप में बाहर नहीं आ गया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में रोमिला थापर जैसे महान इतिहास लेखकों के अलावा, मुख्यधारा की किताबों में कई त्रुटियां हैं जिन्हें सही करने और सत्यापित करने में हमें सबसे अधिक समय लगा।
उसी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने एक प्रमुख आदिवासी विद्रोह देखा है। विभिन्न मुख्यधारा की किताबों में जनजातियों के बारे में अलग-अलग जानकारी है। ऐसे में सही और पुष्ट जानकारी का पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए, एक नए नए दृष्टिकोण के साथ सांगवान ने बेहद धैर्य से इस किताब को लिखने का काम पूरा किया। सबसे बड़ी बात यह कि यह किताब में पारंपरिक रूप से उपेक्षित विषयों को सरल भाषा में समझाती है और पढ़ने वाले के लिए इतिहास को रोमांचक बनाने का भी काम करती है। इसके हर चैप्टर के अंत में रोमांचक सामान्य ज्ञान भी है। सांगवान ने बताया कि हमें अभी तक सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। उम्मीद है परीक्षार्थी अब इतिहास को पढ़ने और सीखने का भरपूर आनंद लेंगे।
कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन लांच की गई इस किताब में इतिहास को दिलचस्प बनाने के लिए विशेष रूप से उम्मीदवारों और छात्रों के लिए डिज़ाइन किए 130 से अधिक चित्रों, मानचित्रों और रेखाचित्रों पर प्रकाश डाला गया है। किताब में उत्तर के साथ 1000 से अधिक वस्तुनिष्ठ प्रश्न भी शामिल हैं। सीएसई टॉपर्स द्वारा मॉडल हल किए गए वर्णनात्मक प्रश्न, यूपीएससी और स्टेट पीसीएस में पिछले सालों के हल किए गए मुख्य प्रश्न भी हैं। विषयों की स्पष्ट समझ के लिए 500 से अधिक आधुनिक इतिहास विशिष्ट परिभाषाएं भी इस किताब में यूपीएससी की तैयारी करने वाले मिलेगी।