Kissa-A-IAS: BJP के विरोध के बावजूद Chief Secretary की कुर्सी तक पहुंचने वाला पहला मुस्लिम IAS
यह बात कोई एक साल पहले की ही है जब CM को इस तेज तर्रार IAS अफसर को बीजेपी के दबाव में गृह विभाग के दायित्व से मुक्त करना पड़ा था लेकिन ठीक एक साल बाद जब मुख्य सचिव (Chief Secretary) बनने का मौका आया तो मुख्यमंत्री ने अपने सहयोगी पार्टी BJP के सारे विरोध को दरकिनार कर अपने इस पसंदीदा अधिकारी को ही इस पद के लिए चुना।
जी हां हम बात कर रहे हैं 1987 बैच के टॉपर अधिकारी आमिर सुबहानी की जो कल एक जनवरी से ही बिहार जैसे बड़े और संवेदनशील राज्य के मुख्य सचिव बने है।
नीतीश के बेहद करीबी हैं आमिर
आमिर की गिनती नीतीश कुमार के बेहद करीबी और ताकतवर अधिकारियों में की जाती है। जिस समय बीजेपी के दबाव में उन्हें गृह विभाग से हटाया था तब नीतीश ने उन्हें राज्य का नया विकास आयुक्त नियुक्त किया था और अब जैसे ही मौका मिला आमिर को उन्होंने मुख्य सचिव बना दिया और इस बात को साफ कर दिया कि मुस्लिम होने के बावजूद भी नीतीश, आमिर को पसंद करते हैं।
जब नीतीश ने सत्ता में काबिज होते ही आमिर को दिल्ली से बुलाया
दरअसल जब नीतीश कुमार नवंबर 2005 में बिहार की सत्ता पर काबिज हुए थे उस वक्त आमिर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे लेकिन बिहार की बागडोर संभालते ही नीतीश कुमार ने जनवरी 2006 में उन्हें बिहार बुला लिया और मौका मिलते ही प्रमोट कर जॉइंट सेक्रेटरी बना दिया और फिर बिहार का गृह सचिव।वे लगातार 4 साल तक पहले गृह सचिव रहे और फिर उन्हें सबसे महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी भरा सामान्य प्रशासन विभाग सौंपा।
2010 में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार ने आमिर को फिर से गृह सचिव बना दिया लेकिन 2015 के चुनाव में बीजेपी से अलग होकर लालू यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाले नीतीश कुमार को पुराने सहयोगी बीजेपी,जो प्रमुख विपक्षी दल के रूप में मौजूद थी,की शिकायत पर चुनाव आयोग ने आमिर को गृह सचिव पद से हटा दिया था लेकिन नीतीश का आमिर सुबहानी के प्रति प्रेम यहीं खत्म नहीं हुआ। 2015 में महागठबंधन के साथ सत्ता में जब वापस आए तो उन्होंने आमिर को फिर से गृह सचिव बना दिया और अब उन्हें बिहार के सबसे बड़े अफसर के कुर्सी सौंप दी।
आमिर की CS नियुक्ति पर आश्चर्यचकित है कई लोग
इस प्रकार बिहार के सिवान जिले के निवासी और अपने बैच के IAS टॉपर आमिर सुबहानी (Amir Subhani) बिहार के नए चीफ सेक्रेटरी (Chief Secretary) बन गए। उनकी नियुक्ति पर कई लोगों को आश्चर्य भी हुआ, पर जो लोग उन्हें जानते हैं, उनको पता है कि आमिर सुबहानी अलग अंदाज के अफसर हैं। आमिर को शांत एवं सरल स्वभाव का अफसर माना जाता है। वे UPSC की परीक्षा में टॉपर बने और कई जिलों के कलेक्टर भी रहे। सुबहानी की प्रेरणा उनके मनपसंद लेखक विक्टर फ्रेंकल की रचना ‘मेंस सर्च फॉर मीनिंग’ है।
दोस्त चिढ़ाते थे कलेक्टर साहब पढ़ रहे हैं
IAS आमिर सुबहानी की कहानी लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उनके स्कूल के ज़माने के दोस्त बताते है कि जब हम सभी स्कूल मैदान में वॉलीबॉल खेलने जाते, उस समय वे मैदान में ही बैठकर जनरल नॉलेज की पुस्तक पढ़ा करते थे। सभी छात्र उन्हें चिढ़ाते थे और बोलते थे ‘कलेक्टर साहब पढ़ रहे हैं, पढ़कर कलेक्टर बन जाएंगे!’ आज हम सोचते हैं कि शायद हमारा वो तंज ही उनके लिए प्रेरणा बना।
दादा जी ने कहा था DM जिले का राजा होता है
आमिर सुबहानी जब 5वीं में थे, तब उनके दादाजी बताते थे कि तुमको पढ़ लिखकर DM बनना है। जब आमिर अपने दादा से पूछते थे कि DM क्या होता है, तो दादाजी बताते थे कि जिले का राजा होता है। DM की गाड़ी पर लाल बत्ती लगती है, तुम्हें वही बनना है। आमिर ने 5वीं कक्षा से ही DM बनने का सपना लेकर ही तैयारी शुरू कर दी थी।
वे बिहार के सिवान जिले के बड़हरिया प्रखंड के बहुआरा गांव के रहने वाले हैं। स्कूली शिक्षा भी यहीं से हुई। उन्होंने GM High School बड़हरिया से मैट्रिक तक की पढ़ाई की। वे पढ़ने में बहुत मेधावी रहे। स्कूल के टीचर्स को तभी लग गया था कि यह लड़का आगे चलकर जरूर कुछ बनेगा। वे हमेशा जनरल नॉलेज की पुस्तक अपने पास रख सकते थे, जब भी समय मिलता उसे जरूर पढ़ते।
सुधारवादी कार्यों से पहचान बनी
आमिर सुबहानी भारतीय प्रशासनिक सेवा के ईमानदार, तेज-तर्रार, काबिल और समयबद्ध योजनाओं को पूरा करने वाले ऑफिसर माने जाते हैं। वे उर्दू, फारसी, बांग्ला, हिंदी और अरबी भाषा के जानकार हैं। जून 1993 में पहली बार वे भोजपुर के कलेक्टर बने थे। तीन साल तक वे भोजपुर जिले में रहे और प्रशासनिक सुधार को अहमियत देते हुए विकास के काम को आगे बढ़ाया।
कुछ दिन वे पश्चिमी सिंहभूमि के कलेक्टर भी रहे। 1997 से 1998 के शुरुआती महीने में वे पटना के कलेक्टर भी रहे। वे बिहार हाउसिंग बोर्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) भी रहे हैं। 2001 से 2005 तक उनकी केंद्र में प्रतिनियुक्ति हुई। इस अवधि में वे डेवलपमेंट कमिश्नर स्माल स्केल इंडस्ट्रीज में रहे। इसके बाद आमिर सुबहानी को वापस बिहार भेज दिया गया।
उनकी सबसे बड़ी खासियत हैं कि वे हर वक्त काम में डूबे रहते हैं। रोज सुबह साढ़े 9 बजे दफ्तर आते हैं और देर शाम तक काम करते हैं।