Kissa-A-IAS : Divya Mittal: Ex IPS-Banker,IIT Delhi,IIM Bangalore,IPS:2012, IAS:2013 लोगों के दिलों पर पर राज करने वाली कलेक्टर
कुछ IAS अलग ही मिजाज के होते हैं, जैसे दिव्या मित्तल। वे अन्य कलेक्टर से कुछ अलग है। जब भी अधिकारियों और जनता का कोई मुद्दा सामने आता है, तो वे हमेशा जनता के पक्ष में दिखाई देती। इसलिए वे लोगों के दिलों पर पर राज करती है। इसके अलावा वे सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव हैं। खास बात यह कि उनके फॉलोवर्स की संख्या 2 लाख से ज्यादा है लेकिन वे केवल दो लोगों को फॉलो करती है। एक DM देवरिया यानी वह खुद जहां की वे कलेक्टर है और दूसरे उनके पति गगनदीप।सोशल मीडिया पर वे समय निकाल कर जनता के मैसेज का जवाब भी देती रहती हैं।
मिर्जापुर से तबादले के बाद उन्होंने जो भावुक पोस्ट लिखी थी, उसे आज भी लोग याद करते हैं। वे कुछ ख़ास इसलिए भी हैं कि IIT और IIM जैसी प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों से पढाई करने के बाद वे पति के साथ लंदन में नौकरी करने चली गई। पति गगनदीप सिंह के साथ इंग्लैंड में नौकरी की, पर दोनों का वहां मन नहीं लगा। साल भर बाद वे अपने देश वापस लौट आए। अच्छी नौकरी छोड़ने का फैसला करना मुश्किल था। दिव्या कहती हैं कि विदेशों में पैसा बहुत था। किन्तु वहां उनका मन नहीं लगा। यहां आकर यूपीएससी की तैयारी शुरू की। पहले गगनदीप ने क्रेक की, उसके बाद दिव्या ने दो बार UPSC क्लियर की। पहले 2012 में IPS और अगले साल 2013 में IAS।
दिव्या मित्तल मूल रूप से हरियाणा के रेवाड़ी जिले की रहने वाली हैं। उनका जन्म दिल्ली में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी वहीं हुई। IIT दिल्ली से उन्होंने 2001-05 में बीटेक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने ‘कैट’ की परीक्षा क्लियर की। 2005-07 बैच में उन्होंने IIM बेंगलुरु से एमबीए की पढ़ाई की। एमबीए करने के बाद उन्होंने 2007 में लंदन की जेपी मॉर्गन फाइनेंशियल कंपनी ज्वाइन की। पति गगनदीप सिंह ढिल्लो के साथ वे लंदन में शिफ्ट हो गई। करीब एक साल काम किया और फिर वे भारत वापस आ गईं। लंदन से भारत आने के बाद गगनदीप और दिव्या मित्तल ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। गगनदीप ने बिना कोचिंग के 2011 में यूपीएससी क्लीयर कर ली। इसके बाद उन्होंने दिव्या को भी प्रेरित किया। दिव्या ने वर्ष 2012 में पहली बार यूपीएससी क्लियर किया। उन्हें गुजरात कैडर में आईपीएस का पद मिला। ट्रेनिंग के दौरान एक बार दिव्या ने फिर ने फिर यूपीएससी की परीक्षा दी। 2013 में उन्होंने अपने पति की तरह IAS बनने में सफलता हासिल कर ली। उनकी 68 वी रैंक बनी थी। दोनों ने अपने लक्ष्य को हासिल किया। दोनों को यूपी कैडर मिला।
*सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट*
दिव्या मित्तल उत्तर प्रदेश के कई जिलों में डीएम रहीं। वे जहां रहीं, वहां अपनी छाप छोड़ी और लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई। मिर्जापुर जिले से ट्रांसफर के बाद दिव्या मित्तल ने एक बेहद भावुक पोस्ट लिखी थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा ‘आज घर से सामान बांधते हुए हाथ और मन दोनों बहुत भारी है। सरकारी नौकरी में आना-जाना तो चलता रहता है। मिर्जापुर ने जितना प्रेम मुझे दिया है, उसको मैं जीवन पर्यंत नहीं भूल पाऊंगी। माता का मंदिर, गंगा जी का सानिध्य मुझे दुनिया में और कहां मिलेंगा। जिले में साक्षात शक्ति का निवास है, ऐसा मेरा मानना है। उन्होंने जिले की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि आप सभी का मैं हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करती हूं। मेरा नंबर बहुत अधिक कॉल और मैसेज आने की वजह से जाम है। आप सभी से निवेदन है, कि कृपया मैसेज भेज दें। मैं सभी को जवाब देने का पूरा प्रयास करूंगी।’ उनकी इस पोस्ट पर खूब प्रतिक्रिया आई। इसलिए कि उनके शब्दों भावुकता को लोगों ने अंदर तक महसूस किया।
*लहुरिया दह से मिला संदेश*
डीएम दिव्या मित्तल के कामकाज में जनहित सबसे आगे होता है। वे लहुरिया दह गांव में पानी की आपूर्ति कराने में सफल रहीं, जो आसान नहीं था। करीब एक दशक से इस पहाड़ी गांव में जलापूर्ति का प्रयास चल रहा था। पर, ज्यादातर अधिकारियों ने हार मान ली। इसलिए योजना को बंद कर दिया गया। लेकिन, दिव्या ने इसे चुनौती की तरह लिया। बीएचयू और अन्य संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ बैठक करके नए सिरे से योजना तैयार करवाई। स्थिति का आकलन किया। इसके बाद योजना को पूरा कराने में सफलता मिली।
दिव्या मित्तल के ट्रांसफर के बाद लहुरिया दह के ग्रामीण काफी दुखी हुए। एक महिला ने कहा कि कई अधिकारी आए, कई गए, लेकिन कोई हमें पानी नहीं पिला पाया। डीएम मैडम आई तो गांव में पानी आया। भगवान उन्हें हमेशा खुश रखे। वह जहां रहें, खुश रहें। महिला के इस बयान का वीडियो सामने आने के बाद दिव्या मित्तल ने इसे अपनी असली कमाई बताया।
*झुकाव हमेशा जनता की तरफ*
डीएम दिव्या मित्तल को उनके कड़क मिजाज के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन, उनका झुकाव किसी भी मसले पर लोगों के प्रति होता है। लोगों की शिकायतों पर वे अधिकारियों से सीधा सवाल करती हैं। उनका यह अंदाज लोगों से उन्हें कनेक्ट करने में मदद करता है। वे अपने जिले के हक के लिए लड़ती भी नजर आती हैं। इस प्रकार की अधिकारी को लोग खूब पसंद करते हैं। अधिकारियों के बीच कड़क दिखने वाली दिव्या का अंदाज महिलाओं और बच्चों के बीच बदल जाता है। उनके बीच वह कोमल हृदय वाली महिला के रूप में नजर आती हैं।
*उनकी पहचान धार्मिक महिला के रूप में*
IAS दिव्या मित्तल की दो बेटियां हैं। उनके नाम अद्विका ढिल्लों और अव्याना ढिल्लो है। दिव्या को धार्मिक महिला के रूप में भी माना जाता है। वह कई धार्मिक कार्यक्रमों में भी भाग लेती दिखती हैं। साथ ही, वे युवाओं को सिविल सर्विसेज की तैयारी करने का भी टिप्स देती दिखाई देती हैं। सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वाली दिव्या मित्तल लोगों की ओर से आने वाले सवालों का भी जवाब देती हैं। मिर्जापुर के डीएम के अलावा संतकबीर नगर की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। इसके अलावा बरेली विकास प्राधिकरण की वीसी, संयुक्त एमडी यूपीएसआईडीसी, सीडीओ गोंडा और मवाना मेरठ के रूप में काम किया है। नीति आयोग में सहायक सचिव के रूप में भी उन्होंने काम किया। पीएम को सौंपी गई पांच प्रजेंटेशन में उनके प्रेजेंटेशन को भी चुना गया था।
दिव्या मित्तल कुछ दिनों पहले देवरिया जिले की कलेक्टर बनी तो यहां भी तत्काल एक्शन में नजर आई। उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। इस दौरान एडीएम ने उनसे तेज धूप की बात कहते हुए बैठकर बात करने को कहा। तो उन्होंने कहा कि ‘अरे यार धूप ही तो है, रुको पिघल थोड़ी जाएंगे।’ दरअसल, अपने निरीक्षण के दौरान उन्होंने रुद्रपुर के पिडरा पुल के अप्रोच धंसने से लोगों को आने वाली समस्या के बारे में जाना। क्योंकि, रुद्रपुर में गोर्रा नदी में आई उफान के चलते पिडरा पुल का अप्रोच धंसने की वजह से 162 गांव के लोग दहशत में हैं। उन्होंने कहा कि रास्ता बंद होगा तो दिक्कत होगी ही, इसका निवारण तुरंत करना होगा। दिव्या मित्तल की यही खासियत है,जो उन्हें सबसे अलग खड़ा करती हैं।