Kissa-A-IAS:  Civil services चयन के लिए कैसी लगन चाहिए ये बताया IAS मीरा ने! 

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Kissa-A-IAS:  Civil Services चयन के लिए कैसी लगन चाहिए ये बताया IAS मीरा ने! 

असफलता की कोख से ही सफलता का जन्म होता है। यही वजह है कि यूपीएससी परीक्षा में उन परीक्षार्थियों को ज्यादा सफलता मिलती है, जो असफलताओं से हार नहीं मानते और जीतकर ही दम लेते हैं, जैसे केरल के त्रिचूर की मीरा के। वे तीन बार यूपीएससी की परीक्षा में फेल हुई, पर मेहनत में कमी नहीं आने दी। नतीजा ये निकला कि चौथी कोशिश में उन्हें ऑल इंडिया में 6ठी रैंक मिली। उनकी लगन का प्रमाण यह भी है कि एक अच्छे वेतन वाली नौकरी छोड़कर उन्होंने यूपीएससी के लिए कमर कसी और उसे क्रेक भी किया।

Kissa-A-IAS:  Civil services चयन के लिए कैसी लगन चाहिए ये बताया IAS मीरा ने! 

त्रिचूर के इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में 2016 में अच्छी रैंक से बीटेक करने वाली मीरा के ने आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को धुंधला नहीं पड़ने दिया। कैंपस सिलेक्शन में मिली अच्छी नौकरी से भी इस्तीफा दे दिया, क्योंकि वे यूपीएससी की परीक्षा पर फोकस करना चाहती थी। मीरा के सिविल सेवा के जुनून ने ही उन्हें यूपीएससी परीक्षा के प्रेरित किया। 2017 में उनकी पहली कोशिश बिना सफलता के ही ख़त्म हो गई। लेकिन, मीरा ने पीछे हटना नहीं सीखा था और वे पीछे हटी भी नहीं। उन्होंने बिना रुके यूपीएससी की तैयारी के लिए खुद को समर्पित कर दिया। नई दिल्ली में कोचिंग का विकल्प चुनने के बजाए वे केरल में अपने घर लौट आई।

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यहां उन्होंने लोकल कोचिंग इंस्टिट्यूट में दाखिला लिया और पढाई के लिए अपनी अनूठी रणनीति विकसित की। दूसरे प्रयास में मीरा ने प्रीलिम्स और मेन्स क्लियर कर लिया, लेकिन इंटरव्यू में वे 12 अंकों से पिछड़ गईं। लेकिन, उनका तीसरा प्रयास कुछ ज्यादा ही चुनौती भरा साबित हुआ। क्योंकि, वे प्रीलिम्स में केवल एक अंक से चूक गईं। इसके बाद चौथे प्रयास में मीरा ने अपनी सारी मेहनत झोंक दी। जब नतीजा सामने आया तो वो चौंकाने वाला था। उन्होंने 2020 में असाधारण सफलता हासिल करते हुए ऑल इंडिया में छठी रैंक हासिल की।

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मीरा अपनी इस सफलता का पूरा श्रेय अपनी माँ को देती हैं, जिन्होंने अपनी बेटी को आईएएस अधिकारी बनकर जनसेवा के लिए जोर दिया। वे यूपीएससी परीक्षा में सफल होने के लिए व्यक्तिगत रणनीति बनाने के महत्व पर जोर देते हुए उम्मीदवारों को अपनी ताकत और कमजोरियों की पहचानने की सलाह देती हैं। मीरा कोचिंग संस्थानों और टॉपर्स के मार्गदर्शन के महत्व को भी स्वीकार करती है, लेकिन परीक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए एक व्यक्तिगत दृष्टिकोण विकसित करने पर उनका जोर ज्यादा है। क्योंकि, कोचिंग का अपना महत्व है, पर सिलेक्शन उसी का होता है, जिसकी प्रतिभा सबसे अलग होती है। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों को मीरा की सलाह है कि उम्मीदवारों को पहले प्रीलिम्स की परीक्षा पर ध्यान देना चाहिए साथ ही आसपास होने वाली घटनाओं की करंट अफेयर्स की जानकारी रखनी चाहिए।

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उनका कहना है कि एनसीईआरटी की पुस्तकें जरूर पढ़ें। इन किताबों से तैयारी करने में काफी मदद मिलती है। पढ़ने के लिए खुद के नोट्स भी तैयार करने चाहिए, साथ ही नोट्स से रिवीजन करते रहना चाहिए। मीरा का कहना है कि निरंतर अभ्यास और मेहनत के साथ सिलेबस और स्टडी मैटेरियल पर ध्यान केंद्रित जरूर करें। उनका यह भी कहना है कि असफलता हाथ लगे तो घबराएं नहीं। हार न मानते हुए ज्यादा मेहनत करें। मीरा का कहना है कि पढाई के लिए हर दिन का लक्ष्य तय करें और उस पर गंभीरता से काम करें। प्लानिंग करें और अपनी मेहनत और रिवीजन से आगे बढ़ें। मीरा फ़िलहाल भारत सरकार (दिल्ली) में असिस्टेंट सेक्रेटरी पद पर कार्यरत हैं। उनके पास मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय हैं।

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Suresh Tiwari
सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।