Kissa-A-IAS :Mandar Patki: 8 वीं में IAS बनने का सपना देखा,पहले अटेम्प्ट में ही बिना कोचिंग पूरा कर दिखाया!
संघ लोक सेवा आयोग यानी UPSC की सिविल सेवा परीक्षा के बारे में आम धारणा है कि इस कठिन परीक्षा को बिना कोचिंग और कड़ी मेहनत के पास नहीं किया जा सकता। लेकिन, कुछ लोग इस धारणा को खंडित करके और ऑल इंडिया में अव्वल रैंक लेकर अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवाते हैं। उन्हीं में से एक हैं मंदार यशवंतराव पाटकी।
महाराष्ट्र के मंदार पाटकी उन्हीं प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों में से एक हैं। मंदार ने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के लिए कभी कोई कोचिंग नहीं ली। उससे भी खास बात ये कि उन्होंने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को क्रैक किया और AIR में 22 वीं रैंक पायी।
मंदार जयंतराव पाटकी महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं। यूपीएससी के लिए किस्मत आजमाने के पहले उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। साथ ही ग्रेजुएशन की डिग्री भी ली। ग्रेजुएशन के बाद मंदार ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। सही प्लानिंग और स्ट्रेटजी के दम पर पहली ही बार में न केवल परीक्षा पास की, बल्कि ऑल इंडिया रैंक 22 भी लाए। मंदार ने परीक्षा पास करने के टिप्स के साथ ही एग्जाम को लेकर फैली बहुत सी गलत धारणाओं को खंडित किया।
इस उपलब्धि के बारे में मंदार का कहना है कि यूपीएससी परीक्षा को लेकर कई धारणाएं अभ्यर्थियों ने बना रखी हैं, जिससे बाहर निकलना जरूरी है। माना जाता है कि आपका एजुकेशनल बैकग्राउंड अच्छा है, तो आपकी सफलता के मौके अधिक हैं। यह बात भी मायने रखती है, कि आपके अंदर मेहनत करने का जज्बा कितना है। अगर पूरी लगन से तैयारी करें, तो सफलता को कोई रोक नहीं सकता। मंदार का सक्सेस मंत्र यही है कि हमेशा प्लानिंग के साथ पढ़ाई करनी चाहिए। सबसे अहम चीज है, सही गाइडेंस और सही रिर्सोस का चुनाव करना। मंदार ने अपनी तैयारी के दौरान लिमिटेड रिसोर्स और मल्टीपल रिवीजन किया। यही कारण था कि उन्होंने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को क्रेक कर लिया।
मंदार परीक्षा की तैयारी के दौरान ज्यादा पढाई पर जोर नहीं देते थे, बल्कि जो पढ़ा उसे ही बार-बार रिवाइज करते। जो जरूरी लगता उसके नोट्स भी बनाते जाते। मंदार का मानना था है कि ऑप्शनल का चुनाव काफी सोच-समझकर करना चाहिए। यह आपके सिलेक्शन से लेकर रैंक बनाने तक में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मेन एग्जाम के लिए आंसर राइटिंग की भी जमकर प्रैक्टिस की। साथ ही एनसीईआरटी की किताबें, करेंट अफेयर्स के लिए न्यूज पेपर पढ़ें और परीक्षा से पहले पूरा फोकस रिवीजन पर दिया। लेकिन, मंदार का यह भी कहना है कि पढ़ाई के बीच में ब्रेक लेना भी बहुत जरूरी है। जरूरी बात यह भी है कि जिस दिन खुद को कड़ी मेहनत के लिए तैयार कर लिया जाता है, आगे के रास्ते खुलते जाते हैं।
मंदार ने एस्से और एथिक्स दोनों पेपरों पर भरपूर दिया। उनका मानना है कि इन पेपरों से रैंक अच्छी बनती है। मंदार ने एस्से के लिए मॉडल टेस्ट पेपर सॉल्व किए थे। सब कुछ प्लान करके चलिए, ताकि बिल्कुल समय बर्बाद न हो। एक बात का ध्यान रखिए कि एग्जाम में सफल होते हैं, तो अच्छा है। लेकिन, सफल नहीं भी होते तो कोई बात नहीं। क्योंकि, यह परीक्षा लार्जर दैन लाइफ नहीं है। अपनी तरफ से पूरा प्रयास करिए पर इसका बहुत स्ट्रेस लेने की जरूरत नहीं। उन्होंने 2019 में ऑल इंडिया रैंक 22 के साथ यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की। महाराष्ट्र में एक छोटे से गांव में जन्मे IAS मंदार पाटकी ने देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा को पास करने के लिए अपने दम पर तैयारी की। उन्होंने एंथ्रोपोलॉजी को अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुना था।
बीड के एक रिटायर इंजीनियर के बेटे मंदार ने हमेशा आईएएस बनने का सपना देखा। उन्होंने अपने माता-पिता से पूरे विश्वास के साथ कहा था कि मैं भविष्य में IAS अधिकारी ही बनूंगा। पिता का कहना था कि यह उसका ही सपना था और इसके लिए उसने कड़ी मेहनत की। हमने कभी उस पर अपनी इच्छा नहीं थोपी। मंदार जब 8 वीं में थे, तभी उन्होंने IAS अधिकारी बनने का सपना देख लिया था और इसे साबित भी कर दिखाया। मंदार के पिता जयंत पाटकी ने कहा कि एक बच्चे के रूप में किसी भी माता-पिता को जो करना चाहिए, वह हमने किया और मंदार ने भी वही किया।
मंदार 2020 बैच के महाराष्ट्र कैडर के IAS अधिकारी हैं। वे जुलाई 2022 से नवंबर 2022 तक जनजातीय मामलों के मंत्रालय में सहायक सचिव भी रहे। इससे पहले वे ट्रेनी के रूप में अमरावती के सहायक कलेक्टर के रूप में तैनात थे। वे असिस्टेंट कलेक्टर और परियोजना अधिकारी, एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना, तलोदा (नंदुरबार) के रूप में तैनात हैं।