इस कॉलम में अभी तक देश के IAS अधिकारियों की जिंदगी के संघर्ष, UPSC क्लियर करने को लेकर की गई उनकी लगन और मेहनत का जिक्र किया जाता रहा है। आज के इस कॉलम में IAS पूजा सिंघल का जिक्र, जो इस सप्ताहांत देशभर में चर्चा में रहीं। उनके चर्चा में आने का कारण कोई उपलब्धि नहीं, बल्कि उनके पड़ने वाले प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छापे रहे। झारखंड कैडर की ये महिला IAS ख़बरों में इसलिए छायी कि उनके यहाँ पड़े छापों में ED को करीब 25 करोड़ रुपए नकद मिले हैं। बताते हैं कि उनके 20 ठिकानों पर पड़े छापों में करीब डेढ़ सौ करोड़ की संपत्ति होने के प्रमाण मिले हैं। किसी IAS अधिकारी के पास इतनी बड़ी नकदी और संपत्ति के कागजात मिलना संदेह पैदा करता है! लेकिन, जब पूजा सिंघल की पिछली जिंदगी को तलाशा जाए तो ऐसे कई मामले हैं, जो इस IAS को विवादास्पद बनाते हैं।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की करीबी मानी जाने वाली 2002 बैच की IAS अधिकारी पूजा सिंघल राज्य की खनन एवं भूविज्ञान विभाग की सचिव हैं। प्रवर्तन निदेशालय की टीम गुरुवार रात ही रांची पहुंच गई थी। देर रात टीम एयरपोर्ट रोड स्थित ईडी कार्यालय में रुकी और यहीं से छापेमारी का पूरा खाका तैयार किया गया। शुक्रवार सुबह होते ही ईडी की टीम पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के पल्स अस्पताल पहुंच गई।
इसके अलावा रांची में उनके अन्य ठिकानों पर भी पहुंची। जानकारी के मुताबिक, ED की टीम ने इस कार्रवाई की भनक रांची पुलिस को भी नहीं लगने दी। जांच में सहायता के लिए उन्होंने CISF और CRPF को अपने साथ लिया। ये छापामार टीम स्कूल बस, कार व अन्य वाहनों से संबंधित जगहों पर पहुंचे। वहीं पल्स अस्पताल को CRPF अधिकारियों ने घेर लिया। इसके अलावा अधिकारी पूजा सिंघल के आवास पर भी पहुंचे। यह कार्रवाई एक ही समय पर 18 से 20 जगह पर की गई।
प्रतिभाशाली स्टूडेंट
पूजा सिंघल का वर्तमान पक्ष दागदार रहा हो, पर उनका शुरूआती जीवन बेहद चमकदार रहा। 21 साल 7 दिन की उम्र में IAS करने वाली वे सबसे कम उम्र की प्रतियोगी थीं। इस कारण उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (Limca Book of Records) में भी दर्ज किया गया। देहरादून में जन्मी पूजा सिंघल ने गढ़वाल विश्वविद्यालय देहरादून से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। प्रतिभाशाली होने से पहले प्रयास में ही उन्होंने UPSC की परीक्षा पास की। वे अपने स्कूल के दिनों से लेकर यूनिवर्सिटी तक टॉपर रही। उनका एकेडमिक ट्रैक रेकॉर्ड अव्वल रहा।
नौकरी के शुरुआत का उजला दौर
IAS बनने के बाद हजारीबाग के रूप में SDO पद पर कार्य करने के दौरान उन्होंने विभिन्न गोदामों पर छापेमारी की और शिक्षा परियोजना की और से बच्चों को दी जाने वाली किताबों की अवैध बिक्री का भंडाफोड़ किया। पूजा सिंघल से ही शारीरिक रूप से अक्षम लोगों का डेटा एकत्र करने के लिए झारखंड में पहली बार विकलांग सर्वेक्षण भी किया। ‘रिम्स’ निदेशक के रूप में भी लोग उनके योगदान को याद करते हैं। उन्होंने राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने में बड़ी भूमिका निभाई। देखा जाए तो उनका यही पक्ष सकारात्मक था। इसके बाद उनका पूरा कार्यकाल विवादों से भरा रहा। पूजा सिंघल का घर और परिवार से लेकर नौकरी तक का सफर दागदार और विवादास्पद रहा। नौकरी में वे जहां भी रहीं, उन पर भ्रष्टाचार और अनियमितता के गंभीर आरोप लगते रहे।
Also Read: Kissa -A- IPS Unbelievable Story: बाल विवाह, स्कूल ड्रॉपर, 2 बच्चों की माँ, कांस्टेबल की पत्नी ने यूं बन कर दिखाया IPS
पारिवारिक जीवन में खटास
प्रारंभिक दौर में भी उनका पारिवारिक जीवन भी अच्छा नहीं रहा। पूजा सिंघल की पहली शादी भी IAS अधिकारी रहे राहुल पुरवार से हुई। लेकिन, दोनों का पारिवारिक जीवन सफल नहीं रहा। निजी कारणों से दोनों के बीच कटुता शुरू हो गई और हालात तलाक तक पहुंच गए। इसके बाद पूजा सिंघल ने अभिषेक झा से शादी की, जो पल्स अस्पताल चलाते हैं। इसके बाद पूजा के जीवन में स्थिरता और सुकून आया। लेकिन, अतिमहत्वकांक्षा और पति तथा ससुराल वालों के व्यावसायिक हितों को फायदा पहुंचाने का उन पर आरोप लम्बे समय से लगता रहा है।
दूसरे पति और ससुराल को लाभ
ED को जो शिकायत मिली उसमें इस बात का भी जिक्र था कि पूजा सिंघल अपने ससुर और पति को अपने पद का लाभ दे रही हैं। यही कारण है कि ED टीम ने रांची के कई ठिकानों के अलावा बिहार के मुजफ्फरपुर, दिल्ली-एनसीआर और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में भी एक साथ छापेमारी की। रांची में पूजा सिंघल के करीबी एक CA के घर से करीब 17 करोड़ रुपए कैश मिले। बताया जा रहा है कि उसने घर में पैसे का बिछौना बनाकर रखा गया था। इसके अलावा उसके पास से 8 करोड़ की अचल संपत्ति भी मिलने की जानकारी हैं। बिहार के मधुबनी से पूजा सिंघल के ससुर कामेश्वर झा के पास भी अकूत संपत्ति मिली, जो उनकी हैसियत से बाहर की बात है। यही कारण है कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उनका कई घोटालों में भी नाम आया है।
चतरा में उपायुक्त रहते हुए पूजा सिंघल ने मनरेगा योजना से 2 NGO को 6 करोड़ रुपए दिए थे। ये मामला विधानसभा में भी उठा था, लेकिन बाद में उन्हें इससे क्लिन चिट भी मिल गई थी। जबकि, खूंटी जिले में उपायुक्त रहने के दौरान मनरेगा में 16 करोड़ रुपए के घोटाले में उनका नाम आया, जिसकी जांच अभी ED कर रही है। इससे पहले पलामू में उपायुक्त रहने के दौरान पूजा सिंघल पर उषा मार्टिन ग्रुप को कठौतिया कोल ब्लॉक आवंटन में नियमों की अनदेखी का आरोप लगा।
Also Read: Kissa-A-IAS: Unique Example Of Beurocracy: 5 साल IPS, फिर मां की इच्छा पूरी करने के लिए बने IAS
ये भी एक विवाद
पूजा सिंघल का नाम सिर्फ पद के दुरूपयोग में ही नहीं आया! कई ऐसे मामले भी हुए, जिनमें पूजा पर शंका की गई। चतरा में उपायुक्त के कार्यकाल के दौरान एक दिन अचानक जानकारी मिली कि नक्सलियों ने जहरीली सूई से पूजा सिंघल पर हमला कर दिया। उन्हें आनन-फानन में इरबा स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी जान बची। जबकि, चर्चा यह भी रही थी कि उन्होंने खुद जहर खाकर जान देने की कोशिश की! लेकिन, बाद में किसी तरह का कोई केस न बने इसलिए मामले को नक्सली हमला रूप देने की कोशिश की गई।
कुल मिलाकर हम कह सकते हैं की एक प्रतिभाशाली आईएएस अफसर का जीवन लाइन बिगड़ जाने के बाद धीरे-धीरे गर्त की और चलता गया।