Kissa-A-IAS: इंटरव्यू में 2 बार रिजेक्ट, फिर हौसले ने दिलाई सफलता!

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Kissa-A-IAS: इंटरव्यू में 2 बार रिजेक्ट, फिर हौसले ने दिलाई सफलता!

 

कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक तस्वीर बहुत वायरल हुई थी। इसमें एक IAS अधिकारी ने अपने दादा-दादी को दफ्तर बुलाकर अपनी कुर्सी पर बैठाकर सम्मान दिया और खुद पीछे खड़े हुए। यह तस्वीर सोशल मीडिया जिसने भी देखी, तारीफ के पुल बांध दिए। इसलिए कि लोगों ने इस तस्वीर में परिवार के संस्कारों को महसूस किया। उन्हें लगा कि IAS जैसी बड़ी कुर्सी तक पहुंचकर भी इस अधिकारी ने परिवार के बुजुर्गों को जो सम्मान दिया, वो आज के ज़माने में आसान बात नहीं है।

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ये एक ऐसे IAS अधिकारी की कामयाबी की कहानी है, जो यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में दो बार असफल हुए। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में सफल रहे। ये IAS अधिकारी हैं हितेश मीणा। वे अपने एक डायलॉग के लिए भी काफी चर्चित हुए थे। एक साक्षात्कार में, मीणा ने कहा था ‘मुझे किताब दो, परीक्षा की तारीख बताओ और मुझे कितनी किताबें पढ़नी हैं, ये दिखाओ। यदि कोई मुझसे बेहतर प्रदर्शन कर दे, तो आप मेरा नाम बदल देना।’

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दरअसल, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा निश्चित रूप से भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। परीक्षा में सफल होने के लिए उम्मीदवारों को सही रणनीति के साथ सही तरीके से भी तैयारी करना होती है। यूपीएससी परीक्षा को पास करने के लिए कई प्रयास और सालों की तैयारी करनी पड़ती है। केवल वे उम्मीदवार ही आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और अन्य सिविल सेवक बनते हैं जो प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू के तीनों चरणों में सफलता पाते हैं।

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हितेश मीणा राजस्थान के करौली जिला के गाधौली गांव से हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से शुरू की। मिडिल और सेकेंडरी प्राइवेट स्कूल से पास की। मध्यमवर्गीय परिवार के हितेश मीणा किसान परिवार से हैं। दादा किसान रहे, जबकि हितेश के पिता टीचर और मां गृहणी हैं। यूपीएससी में सफलता पाने के लिए कैंडिडेट के साथ उसके परिवार की भी अहम भूमिका होती है और वो परिवार के समर्पण और हितेश के संस्कारों में दिखाई देती है। हितेश आज भी जब छुट्टियों में घर आते हैं, तो खेती में हाथ बंटाते हैं। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान तो उन्होंने फसल की कटाई तक की।

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हितेश मीणा बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के छात्र थे। वे अपने स्कूल में 12वीं कक्षा के टॉपर थे। इंटरमीडिएट पूरा करने के बाद, उन्होंने आसानी से जेईई में सफलता पाई और आईआईटी वाराणसी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने आईआईटी दिल्ली से एमटेक (ट्रांसपोर्ट इंजीनियरिंग) में किया। लेकिन, फिर उनका मूड बदल गया और उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया। इस प्रतिभाशाली छात्र ने पहले दो प्रयासों (2016, 2017) में प्रीलिम्स और मेन्स दोनों परीक्षाओं में सफलता हासिल की। लेकिन, दुर्भाग्य से उन्हें दोनों बार इंटरव्यू में सफलता नहीं मिली। वे चयन सूची में जगह नहीं बना सके। हालांकि, उन्होंने हार मानने के बजाए तीसरी बार कड़ी मेहनत से अपनी तैयारी जारी रखी और आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई।

तीसरे प्रयास में उन्होंने सभी राउंड क्लियर किए और 2018 में ऑल इंडिया में 417 वीं रैंक हासिल की। फाइनल लिस्ट में उन्हें 977 अंक मिले। उन्हें हरियाणा कैडर अलॉट हुआ। वे फ़िलहाल अतिरिक्त उपायुक्त गुरुग्राम के पद पर तैनात हैं। उनकी पत्नी रेनू सोगन भी उनके बैच की ही आईएएस अधिकारी हैं, उनकी पोस्टिंग फ़िलहाल कोलकाता में है।

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Suresh Tiwari
सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।