Kissa-A-IAS: अनाथालय में बिताए 13 साल, अब कलेक्टर की कुर्सी पर!
देश में सिविल सेवा परीक्षा को सबसे मुश्किल माना जाता है। सालों की तैयारी के बाद लाखों में से कुछ ही युवा सफल हो पाते हैं। इस परीक्षा के सफल होने के लिए बहुत से छात्र कोचिंग का विकल्प चुनते हैं। फिर भी सबका सपना पूरा नहीं हो पाता। ऐसा भी नहीं कि ये चुनौती आर्थिक सम्पन्नता से जुड़ी हैं। ऐसे कई उदाहरण है, जब कमजोर बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों ने ये परीक्षा फतह की।
केरल के आईएएस अधिकारी बी अब्दुल नासर भी ऐसा ही एक उदाहरण है जिसने जमीन से उठकर ये ऊंचाई हांसिल की।
IAS बी अब्दुल नासर ने UPSC परीक्षा पास नहीं की। वे राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी से अब IAS अधिकारी के पद तक पहुंचने में सफल रहे हैं।
केरल के कन्नूर जिले के थालास्सेरी के रहने वाले नासर ने 5 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था। इसका नतीजा ये हुआ कि वे और उसके भाई-बहन अनाथालय में रहते थे। जबकि, उनकी मां घरों में काम करके परिवार का भरण-पोषण करती थीं।
नासर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उम्मा (मां) अकेली कमाने वाली थीं। वह हम सबका ख्याल रखती थी। वे मेरे जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा थी, जिन्हें देखकर मैं आगे बढ़ता गया। अगर यह सब नहीं होता तो मैं यहां नहीं होता। वह मुझे प्रेरित करती थीं। नासर ने अपनी मां के बारे में बात करते हुए यह सब बताया जिनकी कुछ साल पहले मृत्यु हो गई।
कई चुनौतियों के बावजूद, नासर ने केरल के एक अनाथालय में 13 साल बिताकर अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। 10 साल की उम्र में उन्होंने अपने परिवार की आजीविका के लिए क्लीनर और होटल में सामान देने वाले का काम किया। इसके बाद में उन्होंने थालास्सेरी के सरकारी कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की।
बी अब्दुल नासर ने अखबार बेचने, ट्यूशन पढ़ाने और फोन ऑपरेटर के रूप में काम करने जैसी कई छोटी-छोटी नौकरियां करके परिवार को पाला।
नासर ने 1994 में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री करने के बाद केरल स्वास्थ्य विभाग में एक छोटी सी सरकारी नौकरी से अपना करियर शुरू किया। लेकिन, ये उनकी मंजिल नहीं थी। उनका लक्ष्य तो कहीं और था। सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और मेहनत के जरिए वे 2006 में राज्य सिविल सेवा में डिप्टी कलेक्टर बन गए। 2015 में नासर को केरल के टॉप डिप्टी कलेक्टर के रूप में मान्यता मिली और 2017 में उन्हें IAS अवॉर्ड हुआ और वे राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी से IAS अधिकारी बन गए। केरल सरकार में आवास आयुक्त के रूप में कार्य करने के बाद वे 2019 में कोल्लम के कलेक्टर की भूमिका संभालने के लिए पदस्थ किए गए।
फ़िलहाल वे अतिरिक्त सचिव, राजस्व के पद पर केरल सरकार में कार्यरत हैं।