Kissa-a-IAS : Ankita Choudhary : मां की मौत से टूट गई पर पिता के संबल ने बनाया IAS

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Kissa-A-IAS : माँ को खोने के बाद भी IAS बनने की जिद और जुनून की अंतर्कथा

ये कहानी हरियाणा की एक ऐसी लड़की की है, जिसने IAS बनने के लिए अपने बहुत सारे शौक को तिलांजलि दे दी। यहां तक कि सोशल मीडिया से दूरी बना ली। जब वे UPSC की तैयारी कर रही थी, तब एक वज्रपात में मां की मौत हो गई, पर पिता ने हौंसला दिलाया और मायूस न होने के लिए समझाया! अंकिता के पिता सत्यवान रोहतक की एक चीनी मिल में अकाउंटेंट पद पर हैं। सत्यवान बताते हैं कि स्कूल के दिनों में ही अंकिता ने आईएएस बनने की ठान ली थी और इसके अलावा कभी भी कुछ सोचा ही नहीं।

Kissa-A-IAS : माँ को खोने के बाद भी IAS बनने की जिद और जुनून की अंतर्कथा

अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) की कहानी उन लड़कियों के अनथक प्रयास की कहानी है, जो वास्तव में प्रेरणा हैं। वे UPSC की पहली परीक्षा में असफल हुईं! लेकिन, अपने जुनून को कम नहीं होने दिया। दूसरी कोशिश में 14वीं रैंक हासिल कर एक मिसाल कायम की। रोहतक जिले के एक छोटे से कस्बे की रहने वाली अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) की शुरुआती पढ़ाई रोहतक में हुई। फिर उन्होंने दिल्ली के हिंदू कॉलेज में एडमिशन लिया और केमेस्ट्री में ग्रेजुएशन किया। यही समय था जब अंकिता ने UPSC देने का मन बनाया। लेकिन, पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन लेने के कारण UPSC की तैयारी को किनारे पर रख दिया। जब तक पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा नहीं हो गया, UPSC परीक्षा नहीं दी।

उसके बाद वे पूरी तरह UPSC की तैयारी में जुट गईं। लेकिन, अभी अंकिता के जीवन में दूसरी परीक्षा होना बाकी था। इस दौरान एक सड़क दुर्घटना में मां की मौत हो गई। यह अंकिता के लिए गहरा सदमा था। अंकिता टूट सी गई, पर पिता ने हौसला दिया और लक्ष्य की याद दिलाई। इसके बाद वे पूरी लगन और मेहनत से UPSC की तैयारी में लग गई। पहले प्रयास (2017) में अंकिता को सफलता नहीं मिली। लेकिन, वो थकी नहीं, 2018 में दूसरी बार UPSC की परीक्षा दी और ऑल इंडिया में 14वीं रैंक हासिल कर देश की तमाम लड़कियों के लिए मिसाल कायम की।

Kissa-A-IAS : माँ को खोने के बाद भी IAS बनने की जिद और जुनून की अंतर्कथा

अंकिता चौधरी ने UPSC परीक्षा में सफल होकर अपने परिवार के साथ अपने कस्बे का भी नाम रोशन किया। अंकिता बचपन से ही इसी क्षेत्र में आना चाहती थी। उसने इसके लिए काफी पहले से प्रयास शुरू कर दिए थे और अपनी मनःस्थिति को उसी में ढाल लिया था। उनकी UPSC की पढाई की तैयारी वास्तव में उन परीक्षार्थियों के लिए सबक है, जो इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं। अंकिता ने एक स्ट्रेटजी से इस कठिन परीक्षा में सफलता पाई थी।

अंकिता ने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन दोनों में केमिस्ट्री को चुना और पढ़ाई पूरी की। लेकिन, UPSC में ऑप्शनल विषय के रूप में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन को चुना। 2017 में अंकिता ने अपना पहला अटेम्प्ट दिया, लेकिन उनका सिलेक्शन नहीं हुआ। अंकिता ने हिम्मत नहीं हारी और फिर कोशिश की। इस कोशिश में वे न केवल सफल रही, बल्कि टॉपर बनीं।

उनका कहना है कि UPSC की प्री-परीक्षा के लिए बेसिक मजबूत होना बहुत जरूरी है। उसके लिए 9वीं से 12वीं तक की NCERT की किताबें पढ़ें। अंकिता के मुताबिक, दूसरा अहम बिंदु है अपने नोट्स बनाना। अगर नोट्स रहेंगे, तो रिवीजन आसान हो जाएगा।

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अंकिता के मुताबिक, UPSC देने वाले कैंडिडेट्स को हॉबीज को भी टाइम देना चाहिए। हमेशा पढ़ते रहना जरूरी नहीं। पेपर के एक दिन पहले अच्छी नींद लें और चिंता मुक्त होकर आगे बढ़ें। जब हम कोई काम बोझ की तरह न करके इंजॉय करते हुए करते हैं तो सफलता मिलने के चांस बढ़ जाते हैं।
अंकिता वर्तमान में एसडीएम नार्थ गुरुग्राम हैं।