A Delhi-based IAS couple, transferred to far-flung Ladakh for bringing a pet dog to Tyagraj Sports Complex stadium for defecation, without permission.
अभी दो दिन पहले दिल्ली में पदस्थ एक IAS (Indian Administration Services) दम्पति अचानक विवादों में आई थी। विवाद की जड़ में जर्मन नस्ल का कुत्ता एक ग्रेट डेन है, जिसे लेकर यह दंपति राजधानी के त्यागराज स्टेडियम में रोज शाम को वॉक करने आते थे। इस हाई प्रोफाइल दम्पति को अपने कुत्ते के साथ इवनिंग वॉक में कोई अड़चन न हो, इसलिए 7 बजे तक स्टेडियम में चल रही सभी खेल गतिविधियां बंद करवा दी जाती थी। कोचिंग करने वाले बच्चों और कोच को हिदायत थी कि शाम सात बजे से पहले सारी कोचिंग बंद कर दी जाए! जबकि, कोचिंग का समय रात साढ़े 8 बजे तक का होता है! ये सब लम्बे अरसे से जारी था!
300 करोड़ की लागत वाले स्टेडियम में कुत्ता घुमाने वाले मामले ने इतना तूल पकड़ा कि सरकार ने दोनों IAS पति-पत्नी का तबादला कर दिया।
IAS पति संजीव खिरवार का तबादला लद्दाख और IAS पत्नी रिंकू दुग्गा को अरुणाचल प्रदेश भेज दिया। लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश की दूरी करीब 3000 किमी से ज्यादा है। संभवतः ये पहली घटना है, जब ऐसे किसी विवाद में अफसर दंपत्ति का अलग-अलग जगह और इतनी दूरी पर तबादला किया गया हो।
अगर हम संजीव की बात करें तो उनका पूरा करियर एक ब्रिलियंट अधिकारी का रहा है। संजीव 1994 बैच के IAS
अधिकारी हैं, जो फिलहाल दिल्ली में रेवेन्यू कमिश्नर के पद पर तैनात थे। संजीव खिरवार दिल्ली सरकार में सबसे ताकतवर ब्यूरोक्रेट माने जाते रहे हैं। वे प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी थे और पर्यावरण एवं वन विभाग के काम के साथ दिल्ली में रेवेन्यू कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं।
Read More… KISSA-A-IAS: IAS नहीं होता तो यह डॉक्टर देश का अग्रणी न्यूरो सर्जन होता!
दिल्ली के सारे डीएम (कलेक्टर) उनके अंडर ही काम करते थे। खिरवार का जन्म दिल्ली में हुआ था। उन्होंने IIT दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है। उन्होंने अर्थशास्त्र से एमए भी किया है। उन्होंने अपना सिविल सेवा का करियर चंडीगढ़ में बतौर SDM शुरू किया था। अभी तक खिरवार दिल्ली, गोवा, चंडीगढ़, अरुणाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों में कई अहम पदों पर रह चुके हैं।
अपने लगभग 28 साल के करियर में संजीव खिरवार गोवा उत्पाद शुल्क और वित्त आयुक्त और पश्चिमी दिल्ली के उपायुक्त जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। वे अरुणाचल प्रदेश में सचिव, इसके साथ ही अंडमान और निकोबार में भी सचिव रह चुके हैं। अक्टूबर 2009 और अगस्त 2014 के बीच अपने सेंट्रल डेप्यूटेशन पर उन्हें केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री के निजी सचिव के रूप में भी तैनात किया गया था।
उन्होंने दिल्ली में सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, राजस्व, वित्त और सामान्य प्रशासन विभाग जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वे कृषि विपणन बोर्ड, आयुक्त आबकारी और साल 2006-07 में दिल्ली सरकार के टैक्स डिपार्टमेंट में अतिरिक्त सचिव के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। अपनी वर्तमान पोस्टिंग से पहले, दिल्ली में पर्यावरण और वन में प्रमुख सचिव के साथ उनके पास प्रमुख सचिव (राजस्व) के साथ मंडलायुक्त का अतिरिक्त प्रभार भी था।
संजीव खिरवार दिल्ली सरकार में बहुत मजबूत स्थिति में थे। इस समय उनके पास तीन महत्वपूर्ण विभाग थे। वे अकेले ऐसे अधिकारी थे, जिनके पास तीन महत्वपूर्ण विभाग थे। वे दिल्ली सरकार में तैनात सबसे सीनियर ब्यूरोक्रेट में से एक थे। दिल्ली में तैनात सभी 11 जिला मजिस्ट्रेट और उप-मंडल मजिस्ट्रेट (SDM) उन्हें संभागीय आयुक्त के रूप में रिपोर्ट करते थे।
कोरोना महामारी के दौरान, खिरवार को दिल्ली के संभागीय आयुक्त के रूप में तैनात किया गया था, जो मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव के बाद राजधानी दिल्ली की नौकरशाही में एक वरिष्ठ पद है। उन्होंने हरियाणा की रहने वाली अपनी ही बैच की एजीएमयूटी कैडर की IAS अधिकारी रिंकू दुग्गा से शादी की है। पढ़ाई के दौरान दोनों के बीच दोस्ती पनपी, फिर प्यार हुआ तो दोनों ने साथ रहने का फैसला किया।
Read More… Kissa-A-IAS: From Slum To An IAS: Story Of A Divyang Girl: झुग्गी से निकलकर ऐसे IAS बनी यह लड़की
सोशल मीडिया पर भी इस IAS दंपत्ति को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। इनका तबादला चर्चा का विषय बन गया। सोशल मीडिया पर दोनों के जमकर मीम्स बन। ये चर्चा भी शुरू हो गई कि आखिर पति-पत्नी को ट्रांसफर करके कितनी दूर क्यों भेजा गया! ये भी सर्च किया जा रहा है, कि दिल्ली से लद्दाख और अरुणाचल कितनी दूर है! दोनों जगहों के बीच की दूरी भी शेयर की जा रही है।
वो कुत्ता जिसके कारण विवाद पनपा
जिस कुत्ते को टहलाने के लिए यह दंपत्ति पूरा स्टेडियम को खाली करा देते थे वह बेहद खतरनाक नस्ल का है उसकी हाइट, डाइट और रेट आपको चौंका देंगे। जानकारों की मानें तो इस नस्ल के कुत्ते की डाइट पर हर महीने करीब सवा लाख रुपए तक खर्च पड़ता है। अगर आप नॉनवेज नहीं खाते या घर में नहीं आने देते तो इस कुत्ते को पालने का ख्याल दिल से निकाल दीजिए। इसके खाने में रोज मटन, चिकन और अंडा शामिल है।
इसे स्वस्थ रखने के लिए रोज सुबह शाम करीब 3 घंटे वर्कआउट जरूरी है। अगर खाने को पचाने के लिए एक्सरसाइज नहीं कराई गई, तो ये भारी और आलसी हो जाएगा, साथ ही चिड़चिड़ा भी। ऐसा हुआ तो यह किसी के लिए भी खतरनाक हो सकता है और तब इसे संभालना मुश्किल होगा। जाहिर है कुत्ते को रोज उसकी आवश्यकता के अनुरूप टहलाना, घुमाना जरूरी है और इसके लिए वे स्टेडियम का उपयोग कर रहे थे।
लद्दाख से अरुणाचल की दूरी 3458 किमी
इस कुत्ता घुमाओ मामले के बाद जिन दो जगहों पर आईएएस दंपति का ट्रांसफर किया गया। उनके बीच (अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख) की दूरी 3458 किलोमीटर है। अगर आप रोड के जरिए यात्रा करते हैं, तो आपको लद्दाख से अरुणाचल पहुंचने में करीब 65 से 70 घंटे लग सकते हैं। ट्रैवल साइट्स पर फ्लाइट डिस्टेंस मुताबिक एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में करीब 20 से 22 घंटे तक लग सकते हैं। वहीं फ्लाइट का किराया 20 हजार से 25 हजार तक का है।