
Kissa-A-IPS: Safin Hasan: पिता मजदूर, मां घरों में खाना बनाने वाली, दुर्घटना और असहनीय दर्द के बाद भी अडिग जज्बे ने बनाया देश का सबसे युवा IPS
सुरेश तिवारी
Safin Hasan: मां -पिता मजदूर,दुर्घटना, दर्द और अडिग जज़्बे के बाद भी बने देश के सबसे युवा IPS
Safin Hasan: रात की ठंडी हवा में एक युवा की धड़कनें सन्नाटा तोड़ती थीं, सपना इतना बड़ा कि दर्द भी चुप हो जाता था। गांव की धूप‑छांव से निकला वह युवक हर रोज़ एक ही सोच के साथ पढ़ता था: देश की सेवा। यही आग, वही अडिग हौसला, सफीन हसन को भीड़ से अलग कर गया।

Safin Hasan: साल 1995 में गुजरात के पालनपुर इलाके में जन्मे सफीन हसन का जीवन संघर्ष और उम्मीद का मिलाजुला किस्सा है। मजदूर परिवार में पले‑बढ़े सफीन के माता‑पिता ने जीवनयापन के लिए कठिन शारीरिक काम अपनाए। नौकरी छूटने के बाद घर चलाने के लिए मां दूसरे घरों में रसोई का काम करने लगीं और पिता ईंट ढोने तथा शाम को ठेले पर उबले अंडे बेचने जैसे कामों से रोज़ी कमाने लगे। इन आर्थिक तंगी के बीच पढ़ाई जारी रखना आसान नहीं था, पर सफीन ने पढ़ाई और लक्ष्य को कभी प्राथमिकता से हटने नहीं दिया।

*स्कूल और समुदाय का सहयोग उनके साथ रहा;*
Safin Hasan: स्कूल ने उनकी 11वीं‑12वीं की फीस माफ की और रिश्तेदारों की मदद से वे इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेकर अपनी तैयारी आगे बढ़ाने लगे। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने UPSC की तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया और कम साधनों में भी आत्मनियम और धैर्य से अध्ययन करते रहे।

2017‑18 के दौर में उन पर जीवन का सबसे बड़ा परीक्षण आया। UPSC मेन्स देने जाते समय एक गंभीर सड़क‑दुर्घटना में वे बुरी तरह घायल हो गए। चोटें इतनी गंभीर थीं कि कई सर्जरी और महीनों की फिजियोथेरेपी की आवश्यकता पड़ी। शारीरिक दर्द और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सफीन ने हार नहीं मानी; घायल हालत में ही उन्होंने परीक्षा दी। इस अदम्य साहस और समर्पण का फल बेहद प्रेरक रहा- मात्र 22 वर्ष की आयु में उन्होंने UPSC में ऑल‑इंडिया 570 रैंक हासिल कर देश के सबसे युवा IPS अधिकारियों में अपना नाम दर्ज कराया।

Safin Hasan: उनकी यह उपलब्धि अकेले व्यक्तिगत विजय नहीं थी; यह उस सामाजिक समर्थन और सामूहिक संघर्ष का भी प्रमाण थी जिसने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की। स्कूल के उन छोटे‑छोटे साथियों, रिश्तेदारों और स्थानीय शुभचिंतकों के सहयोग ने मिलकर उस मौके को संभव बनाया। चयन के बाद उनके प्रशिक्षण और प्रारम्भिक सेवा‑काल में भी अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और जनता‑सेवा की प्रतिबद्धता स्पष्ट दिखी। मीडिया और आधिकारिक प्रोफाइलों में उनकी विभिन्न पोस्टिंग्स, कार्य और कार्यक्रमों का जिक्र मिलता है, जिनमें उन्होंने समाज‑हित के अभियानों और ट्रैफिक‑नियमन जैसे क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाई।
Safin Hasan: सफीन की कहानी बड़ी वजह से कई युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है। वह उन अभ्यर्थियों के लिए मिसाल हैं जिनके पास संसाधन कम हों पर इरादा पक्का हो। उनके अनुभव यह दर्शाते हैं कि कड़ी मेहनत, अनुशासन, और पारिवारिक‑सामुदायिक समर्थन मिलकर किसी भी बाधा को पार करवा सकते हैं। घायल अवस्था में भी परीक्षा देने का साहस उनके चरित्र की गहनता दिखाता है- वह केवल एक करियर की जीत नहीं, बल्कि मानवीय दृढ़ता और समर्पण का प्रतीक है।

*प्रशासनिक यात्रा-*
2018- UPSC परीक्षा में सफलता; ऑल‑इंडिया रैंक 570, IPS के रूप में चयन, गुजरात कैडर आवंटित
2019- प्रशिक्षण पूरा कर Assistant Superintendent of Police (ASP), Jamnagar में तैनाती
2020- Jamnagar में कानून‑व्यवस्था और लोक शिकायत समाधान में सक्रिय भूमिका
2021- गुजरात कैडर के विभिन्न पुलिस पदों पर स्थानांतरण; ट्रैफिक व शहरी सुरक्षा प्रोजेक्ट्स में योगदान
2022- Deputy Commissioner of Police (DCP), Traffic (East), Ahmedabad City के रूप में तैनाती; रोड‑सेफ्टी अभियान शुरू
2023- सड़कों पर जागरूकता कार्यक्रम और स्कूल‑स्तरीय रोड‑सेफ्टी संगोष्ठियां आयोजित करना
2024- ट्रैफिक प्रवाह सुधार व दुर्घटना‑निगमन के लिए नीतिगत कदम लागू करना
2025- वर्तमान: DCP, Traffic (East), Ahmedabad City शहर के ट्रैफिक प्रबंधन और पब्लिक सेफ्टी पर केंद्रित सेवा
अंततः, सफीन हसन की यात्रा बताती है कि सीमित साधन कभी भी सीमित महत्वाकांक्षा का कारण नहीं बन सकते। उनकी उपलब्धि यह संदेश देती है कि जब लक्ष्य स्पष्ट हो और हौसला बुलंद हो, तो व्यक्तिगत पीड़ा भी मार्ग की रोशनी बन जाती है।
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