Kissa-A-IPS: Shahnaz Ilyas: Amazing Mother- ऐसे बनी IPS!
किसी महिला के लिए प्रेगनेंसी पीरियड क्या होता है, ये वही जान और समझ सकती है। इसके बाद का वक़्त भी आसान नहीं होता। बड़े होने तक बच्चे की परवरिश और पारिवारिक जिम्मेदारियां अलग से। लेकिन, यदि कोई महिला प्रेगनेंसी के दौरान कॉम्पिटिटिव एग्जाम देने का फैसला करे और उसमें सिलेक्ट भी हो, तो उसकी क़ाबलियत को स्वीकारा जाना चाहिए। जिस वक्त महिलाओं को खुद पर ध्यान देने की जरूरत होती है, उस दौर में वो परीक्षा देने मैदान में उतर गई। परीक्षा भी ऐसी जो देश ही नहीं, दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। क्योंकि, महिला चाहे कामकाजी हो या घरेलू उसकी जिम्मेदारियों के घंटे कभी निर्धारित नहीं होते। इन चुनौतियों और अपनी जिम्मेदारियों के बीच एक मां ने जो कमाल कर दिखाया, वो मुश्किल है। इसलिए कि इन महिलाओं का हौसला आसमान छूता है।
ये कहानी है तमिलनाडु कि शहनाज इलियास की, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में UPSC दी और पहली बार में ही क्रेक कर ली। इसकी शुरुआत हुई ‘तमिलनाडु लोक सेवा आयोग’ की प्रीलिम्स परीक्षा से जो उन्होंने दो महीने की तैयारी में पास कर ली। इससे शहनाज इलियास का हौसला बढ़ा और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला कर लिया। लेकिन, तब तक उनकी डिलीवरी हो चुकी थी। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि वह बच्ची की देखभाल करें या अपनी तैयारी शुरू करें। ऐसे में उनके मां-बाप ने साथ दिया और शहनाज की बेटी को संभालने की जिम्मेदारी ले ली। इसके बाद शहनाज ने किताबें उठा ली और यूपीएससी की तैयारी में जुट गई।
शहनाज को कॉलेज की पढ़ाई पूरी करते ही आईटी सेक्टर में नौकरी मिल गई। अच्छी सैलरी के साथ आराम की नौकरी थी। उन्होंने 5 साल तक प्राइवेट कंपनी में काम किया। उस दौरान वे 9 से 5 की नौकरी से बोरियत महसूस करने लगी थी। इससे उन्हें संतुष्टि भी नहीं मिल रही थी। उन्हें कुछ नया करना था, जिससे जिंदगी को मकसद मिल सके। इस बीच शादी हो गई और उसके बाद वे प्रेगनेंट हो गई। शहनाज ने मैटरनिटी लीव ले ली। पर, समय काटना बड़ा मुश्किल हो रहा था तो तमिलनाडु लोक सेवा आयोग की प्रीलिम्स का फॉर्म भर दिया और तैयारी में जुट गई। जब उन्होंने प्रीलिम्स दी, वे 9 महीने की प्रेगनेंट थीं। उसी हालत में उन्होंने परीक्षा दी और पास भी हुई। इस सफलता ने शहनाज को आत्मविश्वास दिया कि जब वे दो महीने की पढाई में प्रीलिम्स पास कर सकती है तो क्यों न यूपीएससी दी जाए! ऐसे में उनकी बच्ची को माता-पिता ने संभाला और शहनाज यूपीएससी की तैयारी में लग गई। रोज 8-10 घंटे की पढाई करती रहीं।
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उन्होंने अपनी तैयारी में कोई कमी नहीं आने दी। लेकिन, कहीं न कहीं उनमें भी नकारात्मक भाव आता रहा। ऐसे में वे खुद अपने आपको समझाती रही। जब उदास होती या मॉक टेस्ट में कम नंबर आते तो रात में टहलने निकल जातीं। खुद को मोटिवेशन करती और समझाती कि वे अपना लक्ष्य पा लेंगी। शहनाज ने 2 साल तक जमकर तैयारी की। 2020 में उन्होंने यूपीएससी दी और पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर ली। शहनाज को 217वीं रैंक हासिल हुई। रैंक के आधार पर शहनाज को IPS कैडर मिला। एक सुखद बात यह भी कि उन्हें तमिलनाडु कैडर मिला है और फ़िलहाल वे इरोड में एएसपी के पद पर कार्यरत हैं।