KISSA-A-IPS: Vrinda Shukla: बाहुबली की बहू के गिरेबान में हाथ डालने वाली IPS
यूपी कैडर की एक पुलिस अधिकारी इन दिनों खासी चर्चा में हैं। ये निडर और बहादुर महिला है- IPS अधिकारी वृंदा शुक्ला। उन्होंने सादी वर्दी में जेल पहुंचकर बाहुबली मुख्तार अंसारी के जेल में बंद बेटे की पत्नी निकहत को अनधिकृत रूप से जेल में घुसने के आरोप में गिरफ्तार किया। निकहत यूपी के चित्रकूट जेल में बंद मुख्तार अंसारी के बेटे विधायक अब्बास अंसारी से मुलाकात करने पहुंचीं थी। अब्बास की पत्नी निकहत अंसारी जेल नियमों को ताक में रखकर जेल में बंद पति अब्बास अंसारी से रोज मिलने आती और 4-5 घंटे वहीं रहतीं। जेल में बिना किसी आपत्ति के मोबाइल फोन व अन्य चीजों का इस्तेमाल करती।
इस बात की जानकारी जब बतौर चित्रकूट एसपी वृंदा शुक्ला को मिली, तो वे खुद सादी वर्दी में कलेक्टर अभिषेक आनंद के साथ जेल पहुंच गई और जेल का अचैक निरीक्षण किया। पाया गया कि निकहत पति से चोरी-छुपे जेलर के कमरे में मुलाकात करती रही हैं। एंट्री रजिस्टर में भी इस मुलाकात को दर्ज नहीं किया जाता। इसके बाद उन्होंने अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत को हिरासत में लिया। इस मामले में जेलर सहित विभाग के सात अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों अधिकारी बेहद गोपनीय तरीके से सादे लिबास में निजी कार से जेल पहुंचे थे। यही कारण था कि जेल प्रशासन उन्हें पहचान नहीं पाया और महज 15-20 मिनट में पूरा मामला उजागर कर दिया। इसका पूरा श्रेय IPS वृंदा शुक्ला को मिला। इस संबंध में उनका कहना है कि यह कार्य प्रणाली का एक हिस्सा है। इस घटना के बाद वृंदा शुक्ला को गूगल, इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर आदि पर सबसे ज्यादा सर्च किया गया। ट्विटर पर वृंदा शुक्ला के 16 हजार फॉलोअर्स हैं।
मुख्तार अंसारी के बेटे विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत निखत अंसारी को गिरफ्तार करने वाली टीम को यूपी के डीजीपी ने सम्मानित भी किया।
अमेरिका में पढ़ी, वही UPSC की तैयारी
IPS वृंदा शुक्ला हरियाणा के पंचकुला जिले की रहने वाली हैं। हरियाणा के कार्मल कॉन्वेंट और कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से उन्होंने स्कूली पढ़ाई की। फिर पुणे के महिंद्रा यूनाइटेड वर्ल्ड कॉलेज ऑफ इंडिया से ग्रेजुएशन किया। वृंदा ने लंदन के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड सोशल साइंस से भी पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी करने के बाद वृंदा शुक्ला ने अमेरिका की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी की और वहीं रहते हुए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी भी की थी। वृंदा शुक्ला ने 2014 में अपने दूसरे प्रयास में UPSC क्रेक की और IPS नागालैंड का कैडर हासिल किया। अब 7 दिसंबर 2022 से वे चित्रकूट में तैनात हैं। बतौर एसपी उनकी चित्रकूट में पहली तैनाती है।
बचपन के दोस्तों की प्रेम कहानी
वे अपनी कार्यशैली और अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी काफी सुर्खियों में बनी रहती हैं। चंदौली एसपी के पद पर तैनात अंकुर अग्रवाल और वृंदा शुक्ला एक ही स्कूल में एक साथ पढ़े। अंबाला में दोनों एक-दूसरे के पड़ोसी भी थे। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वृंदा आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गईं। जबकि, अंकुर अग्रवाल ने इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी शुरू कर दी। बाद में उनकी कंपनी ने उनका अमेरिका ट्रांसफर कर दिया गया।
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अमेरिका में पढ़ाई के दौरान अंकुर अग्रवाल और वृंदा की एक बार फिर मुलाकात हुई। यहीं दोनों ने UPSC क्रेक करने का मूड बनाया और वहीं एक साथ ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। कुछ समय तक तो उन्होंने अमेरिका से ही तैयारी शुरू कर दी। बाद में वे नौकरी छोड़ वापस भारत लौट आए। वृंदा शुक्ला अपने दूसरे प्रयास में 2014 में आईपीएस बनीं। जबकि, अंकुर पहले ही अटेम्प्ट में 2016 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईपीएस बने। वृंदा को शुरुआत में (2014) में नागालैंड कैडर मिला था। वृंदा के दो साल बाद 2016 में अंकुर अग्रवाल ने भी यूपीएससी परीक्षा क्रैक की। अंकुर को उत्तर प्रदेश कैडर मिला। आईपीएस बनने के बाद एक बार फिर दोनों के बीच दूरी बढ़ी। एक यूपी में और दूसरा नागालैंड में। ऐसे में दोनों ने शादी करने का फैसला किया और वृंदा कैडर बदलकर नागालैंड से यूपी आ गईं। जनवरी 2020 से दोनों नोएडा में डीसीपी व एडीसीपी के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।
अंकुर कहते हैं कि मेरी और वृंदा की सोच और जिंदगी काफी मिलती जुलती हैं। बचपन में साथ पढ़े। विदेश में साथ जॉब किया। फिर यूपीएससी की तैयारियों में जुटे और दोनों ही आईपीएस बने। इस बीच हमारी दोस्ती कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला। हमने अपने-अपने परिवार को इस बारे में बताया। अलग जाति से थे तो शुरुआत में परिजन नहीं माने, मगर फिर इजाजत दे दी। 9 फरवरी 2019 को शादी कर ली।
पति की बॉस भी रह चुकी
गौतमबुद्ध नगर जिले (नोएडा) में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद वृंदा शुक्ला को पुलिस उपायुक्त बनाकर डीसीपी महिला सुरक्षा के पद पर तैनात किया गया। वहीं अंकुर अग्रवाल को अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त बनाया गया। वहां भी दोनों अफसर पति पत्नी ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाई। वरिष्ठता के नाते वृंदा वहां अंकुर की बॉस रही।
लिखने की भी शौकीन है वृंदा
वृंदा शुक्ला लिखने-पढ़ने की भी काफी शौकीन हैं। वे आर्टिकल भी लिखा करती हैं। आमतौर पर इतनी हायर स्टडी के बाद कोई कोई करोड़ों डॉलर का पैकेज लेकर कहीं भी सुकून की जिंदगी गुजार सकता था। लेकिन, वृंदा ने आईपीएस बनकर लोगों की सेवा करने की ठानी। चित्रकूट जिले में कुछ ही महीने पहले गौतम बुद्ध नगर से ट्रांसफर होकर आईं IPS वृंदा शुक्ला ने कुछ ही दिनों में जिले की जनता के बीच में अच्छी पैठ बना ली। खासकर महिलाओं के मामले में उनकी संवेदनशीलता देखते ही बन रही है। चित्रकूट के बदमाश उनके नाम से ही खौफ खाते हैं जबकि जनता के बीच वे काफी सरल है।