मनरेगा की योजनाओं का परफारमेंस सुधारेंगे नालेज पार्टनर

वैज्ञानिकों, विशेषज्ञो, दक्ष अधिकारियों, एनजीओ को सलाहकार बनाया जाएगा

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MNREGA schemes

भोपाल-महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कार्यो और योजनाओं में गुणात्मक सुधार लाने, नवीन और उन्नत प्रक्रियाओं, प्रणालियों, तकनीकों का उपयोग कर ज्यादा बेहतर परिणाम लाने के लिए मनरेगा में नालेज पार्टनर तैनात किए जाएंगे। वैज्ञानिक ,विशेषज्ञ, दक्ष सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और एनजीओ की सेवाएं इसके लिए सलाहकार के रुप में ली जाएंगी।

मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले अकुशल वयस्क श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराते हुए गांवों में स्थायी परिसम्पत्तियों का सृजन एवं प्राकृतिक संसाधनों को विकसित कर ग्रामीणों के आय अर्जन और आजीविकास के साधन विकसित किए जाने है ताकि वे भविष्य में आत्मनिर्भर बन सकें। वर्तमान में इसके अंतर्गत चल रही योजनांओं में खेल मैदान, शांतिधाम, सड़के एवं पहुंच मार्ग,आंगनबाड़ी भवन, ग्राम पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, पशु रोड, शाला बाउंड्री वाल के काम और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के अंतर्गत जल संरक्षण एवं संवर्धन के काम,उद्यानिकी और वानिकी कार्य, भूमि विकास कार्य, चारागाह विकास के काम किए जा रहे है।
मनरेगा के कामों के बेहतर क्रियान्वयन, प्रक्रियाओं और प्रणालियों का गुणवत्ता पूर्ण उन्नयन और इन कामों से बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए देशभर में अपनाई जा रही नवीन एवं उन्नत तकनीकों और प्रौद्योगिकी का उपयोग जरुरी है। इसके कलिए ऐसे व्यक्तियों, संगठनों तथा संस्थाओं से परामर्श और सलाह लाना जरुरी है। इसके लिए नई तकनीकी में दक्ष और अनुभवी व्यक्ति,संगठन और संस्थओं को नालेज पार्टनर के रुप में तैनात किया जाएगा। इसके लिएअकादमिक शोध संस्थानों के सक्षम दक्ष अनुभवी अधिकारी, वैज्ञानिक, केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा नामांकित ,अनुशंसित और अनुमोदित संगठन, सरकारी विभागों के अनुभवी अधिकारी, कर्मचारी, स्वयंसेवी संगठन, व्यावसायिक संगठन,सीएसआर संगठन तथा कृषक उत्पादक संघ,क्लस्टर लेवल फेडरेशन, दक्ष और अनुभवी विशेषज्ञों को ज्ञान सहकर्ता के रुप में तैनात किया जाएगा।
मानदेय, भत्ते, आवास सुविधा भी मिलेगी-
दूसरे विभागों, संस्थानों से नालेज पार्टनर के रुप में जिन विशेषों, वैज्ञानिकों और अधिकारियों की सेवाएं ली जाएगी उन्हें मानदेय, यात्रा भत्ता और आवास सुविधा भी दी जाएगी।

मनरेगा के क्रियाकलापों के परिणामों का होगा अध्ययन-
मनरेगा के क्रियाकलापों के परिणामों का अध्ययन, प्रभावों के विश्लेषण, प्रक्रियाओं व प्रणालियों के अध्ययन तथा अन्य विषयों के संबंध में अध्यययन के लिए अकादमिक शोध संस्थानों की संवाए ली जाएगी। इसके लिए निर्धारित टीओआर के अनुसार काम किया जाएगा और भुगतान भी किया जाएगा।
एनजीओ की सेवाएं भी लेंगे- नीति आयोग के एनजीओ, पार्टनरशिप पोर्टल् में पंजीकृत गैर सरकारी संग्नों की सेवाएं भी ली जाएंगी। जो स्वयं क ेस्रोतों से वित्तीय संसाधनों का नियोजन कर मनरेगा के कामों में बेहतर परिणाम हासिल कर सकेंगे।

यह काम करेंगे नॉलेज पार्टनर-
मनरेगा के कामों के क्रियान्वयन और उनमें सुधार के लिए नवीन उनत प्रक्रियाओं, प्रणालियों और तकनीकों को शामिल किया जाएगा। प्राकृतिक संसाधन प्रबंध्न हेतु नवीन और उन्नत प्रणालियों और तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। मनरेका के कामों के परिणामों के विश्लेषण और प्रभवो का आंकलर करना। ग्रामीण समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उनका सशक्तिकरण , वानिकी एवं उद्यानिकी कार्यो हेतु आवश्यक आदानो की आपूर्ति और उत्पादों के मूल्य संवर्धन तथा विपण हेतु प्रदायकर्ताओं के नेटवर्क का विकास,ग्राम स्तरीय संगठनों का विकास,बाजार का विश्लेषण और चिन्हांकन, बुनियादी ढाचे का विकास ,सुविधाओं और व्यवस्थाओं को जुटाने का काम।