भोपाल : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बदलते वक्त के साथ संघ को घोष वादकों के यंत्रों में नए बेड़े शामिल करने पर जोर दे रहा है। इस नए घोष बेड़े में आधुनिक कल्चर वाले वाद्य यंत्रों की एंट्री कराने के साथ वाद्य यंत्रों में नई रचना करने वाले युवाओं को मौका दिया जा रहा है। ग्वालियर में होने वाले स्वर साधक संगम कार्यक्रम में घोष की गुणवत्ता पर खासतौर पर फोकस किया जाएगा।
ग्वालियर के केदारधाम विद्यालय शिवपुरी लिंक रोड में होने वाले मध्यभारत प्रांत के 16 शासकीय जिलों समेत कुल 31 जिलों के 550 बालकों और युवाओं को इसमें प्रशिक्षण देने का काम किया जाएगा। इनकी उम्र 12 से 40 साल तक है और उन्हें ही सिलेक्ट किया गया है जिन्होंने वाद्य यंत्रों के साथ पांच रचनाएँ की हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में होने वाले इस समागम में श्रृंग वाद्य के अलावा तूर्य, क्लेरिनेट, बांस की बांसुरी (श्रीकृष्ण की तिरछी मुद्रा वाली) समेत कुछ नए वाद्य यंत्रों को शामिल किए जाने की तैयारी है। बताया गया कि घोष शिविर के अंतिम दिन 28 नवम्बर को प्राकटोत्सव को रूप सिंह स्टेडियम में आम लोगों के बीच मनाने की तैयारी चल रही है। घोष वादकों के चयन के लिए मध्यभारत प्रांत के 31 जिलों में आठ टोलियां बनाई गई थीं। इनमें पांच रचनाएं ध्वजारोपणम, भूप, मीरा, शिवरंजनी तथा तिलंग के जानकार शामिल किए गए। चयन प्रक्रिया में कुल 1087 घोष वादकों ने भाग लिया। घोष शिविर के लिए प्रदेश में संघ माध्यम से एक हजार से अधिक बंशी व वेणु का वितरण किया गया है।