

Saif Ali Khan को Jabalpur High Court से बड़ा झटका, Bhopal की 15,000 करोड़ की पुश्तैनी संपत्ति पर फिर शुरू होगी कानूनी जंग
– राजेश जयंत
Bhopal बॉलीवुड एक्टर *Saif Ali Khan* और पटौदी परिवार को भोपाल की शाही विरासत से जुड़ी करीब 15,000 करोड़ रुपये की पुश्तैनी संपत्ति के मामले में जबलपुर हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने 2 जुलाई 2025 को ट्रायल कोर्ट के 14 फरवरी 2000 के फैसले को रद्द करते हुए मामले की दोबारा सुनवाई का आदेश दिया है। यह फैसला जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने सुनाया और ट्रायल कोर्ट को एक साल में सुनवाई पूरी करने को कहा है।
*क्या है मामला?*
यह विवाद भोपाल रियासत के अंतिम नवाब हमीदुल्ला खान की संपत्ति के उत्तराधिकार से जुड़ा है। नवाब की मृत्यु 1960 में हुई थी। उनकी तीन बेटियां थीं—आबिदा सुल्तान (पाकिस्तान चली गईं), साजिदा सुल्तान (*Saif Ali Khan* की दादी), और राबिया सुल्तान। 2000 में ट्रायल कोर्ट ने साजिदा सुल्तान को संपत्ति का वारिस माना था, जिससे *Saif Ali Khan*, उनकी मां शर्मिला टैगोर, और बहनें सोहा व सबा अली खान को कानूनी हक मिला था।
*क्यों बढ़ा विवाद?*
नवाब के अन्य वारिसों (जैसे बेगम सुरैया रशीद, मेहर ताज, राबिया सुल्तान आदि) ने Muslim Personal Law के तहत संपत्ति के न्यायसंगत बंटवारे की मांग की थी। ट्रायल कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने पाया कि ट्रायल कोर्ट ने Supreme Court के ताजा आदेशों और कानूनी पहलुओं पर गौर नहीं किया। अब ट्रायल कोर्ट को सभी पक्षों को सुनकर नए सिरे से फैसला देना होगा।
*शत्रु संपत्ति (Enemy Property) का एंगल*
2014 में भारत सरकार ने पटौदी परिवार की भोपाल स्थित संपत्तियों को ‘Enemy Property’ घोषित कर दिया था क्योंकि नवाब की बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान पाकिस्तान चली गई थीं। दिसंबर 2024 में हाई कोर्ट ने इस पर लगी रोक भी हटा दी थी, जिससे प्रशासन को संपत्ति अपने कब्जे में लेने का रास्ता मिल गया।
*कौन-कौन सी संपत्तियां विवाद में?*
– Flag Staff House (सैफ का बचपन का घर)
– Noor-us-Subah Palace
– Dar-us-Salam
– Habibi बंगला
– Ahmedabad Palace
– Kohefiza Property आदि
*फिलहाल स्थिति:*
– ट्रायल कोर्ट को एक साल में सुनवाई पूरी करनी है।
– *Saif Ali Khan*, शर्मिला टैगोर, सोहा और सबा अली खान का दावा कमजोर हुआ है।
– सरकार संपत्ति को अपने कब्जे में ले सकती है।
– 80% संपत्ति पहले ही बिक चुकी है, बाकी पर कानूनी लड़ाई जारी है।
– हजारों परिवारों की रोज़ी-रोटी और स्वामित्व भी इस फैसले से प्रभावित हो सकता है।
*निष्कर्ष:*
यह भारत के सबसे बड़े शाही संपत्ति विवादों में से एक है, जिसमें कानूनी, पारिवारिक और राजनीतिक पेच भी जुड़े हैं। अब सबकी नजर ट्रायल कोर्ट की अगली सुनवाई और सरकार के कदम पर है।