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कुंडलपुर (दमोह)। जैन तीर्थ कुंडलपुर में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के तीसरे दिन आज भगवान आदिनाथ का जन्मोत्सव मनाया गया। भगवान का जन्मोत्सव देखने आज एक लाख से अधिक लोग कुंडलपुर पहुंचे। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी महोत्सव में पहुंचकर आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शन किये एवं उनका आशीर्वाद लिया।
कुंडलपुर महोत्सव की रौनक बढ़ती जा रही है। इस सदी के सबसे बड़े पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के साक्षी बनने देश विदेश से बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। पंचकल्याणक के साथ साथ भक्तों को कुंडलपुर के बड़े बाबा आदिनाथ भगवान के भव्य दर्शन एवं आचार्यश्री के विशाल (संघ) समोशरन के भी दर्शन हो रहे हैं। इनमें 90 दिगम्बर जैन मुनि एवं 150 से अधिक आर्यिकायें शामिल हैं। लगभग दो हजार ब्रह्मचारी भैया बहनें शामिल हैं।
भगवान का जन्मोत्सव
शुक्रवार को मुख्य पांडाल में सुबह भगवान का अभिषेक, शांतिधारा एवं नित्य पूजन हुई। सुबह 7.30 बजे जैसे ही प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया ने माता मरूदेवी की कोख से बालक आदिकुमार के जन्म की घोषणा की, पूरा पांडाल भगवान के जयकारों से गूंजने गया। अनेक तरह के वाद्य बजाकर भगवान के जन्मोत्सव की खुशियां मनाई गईं। जन्मोत्सव के सभ्य पांडाल में 40 हजार से अधिक लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर आचार्यश्री के शिष्य मुनिश्री प्रशस्त सागर जी महाराज ने प्रवचन में कहा कि तीर्थंकर भगवान के जन्म ने मानवता को आत्म कल्याण का मार्ग मिला है। उन्होंने कहा कि कल आचार्यश्री को लेकर कुछ लोगों ने भ्रम फैलाने का प्रयास किया। आचार्यश्री के लिये यह क्षण अत्यंत प्रसन्नता का है। बड़े बाबा के जैसे बडे मंदिर की कल्पना की गई थी, उससे भी विशाल व भव्य जिनालय बनकर तैयार हो गया है।
सुमेरु पर्वत पर बालक तीर्थंकर का अभिषेक
दोपहर में महाराजा नाभिराय का दरबार सजाया गया। सौधर्म इन्द्र अपनी रानी शची के साथ नाभिराय के दरबार में पहुंचते हैं और भगवान के जन्मोत्सव की बधाई देते हैं। रानी शची माता मरूदेवी के प्रसूति गृह में पहुंचकर बालक तीर्थंकर को लेकर आती हैं। सौधर्म इन्द्र एक हजार नेत्र बनाकर भगवान के दर्शन करते हैं। खुशी से नृत्य करते हैं। कुबेर खुशी से नाचते हुए पूरे पांडाल में अपना खजाना लुटाते हैं। कुबेर ने चांदी के सिक्के बरसाये, पांडाल में यह सिक्के पाने लोग झपट पड़े। ऐसा माना जाता है कि भगवान के जन्मोत्सव पर कुबेर द्वारा लुटाये रत्न आदि तिजोरी में रखने धन की कमी नहीं होती। सौधर्म इन्द्र और रानी शची ऐरावत हाथी पर बालक तीर्थंकर को बिठाकर विशाल जुलूस के साथ सुमेरू पर्वत स्थित पांडुक शिला पर पहुंचे, जहां बालक तीर्थंकर को बिठाकर 1008 कलशों से अभिषेक किया गया।भगवान का अभिषेक करने भक्तों की कमान लग गई थी।
भोजन व मिठाई वितरण
भगवान के जन्मोत्सव के अवसर पर आज महोत्सव स्थल पर पधारे सभी भक्तों को नागपुर के श्रावक श्रेष्ठी संतोष कुमार जैन गिरवर की ओर से सुस्वाटिष्ट भोजन निशुल्क कराया गया। इस परिवार को भगवान का माता पिता बनने का भी सौभाग्य मिला है। अनेक लोगों ने मिष्ठान वितरित कर भगवान के जन्मोत्सव की खुशी मनाई।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पहुंचे
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इस महोत्सव के साक्षी बनने कुंडलपुर पहुंचे। संत निवास में उन्होंने आचार्यश्री के चरणों में श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया। कमलनाथ ने महोत्सव में आये भक्तों का अभिवादन किया एवं कुंडलपुर में भव्य जिनालय के लिये समाज को बधाई दी। कमलनाथ ने पहाड़ पर पहुंचकर बड़े बाबा के विशाल मंदिर में पहुंचकर बड़े बाबा की प्रतिमा के सामने ध्यान लगाया। बड़े बाबा मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वीरेश सेठ ने कमलनाथ को नये मंदिर की विशेषता और बड़े बाबा के चमत्कारों के बारे में बताया। मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा कि आचार्यश्री अनंत ऊर्जा के श्रोत हैं। मैं देश और प्रदेश की खुशहाली के लिये आशीर्वाद लेने आया हूं। कमलनाथ के साथ पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, विधायक संजय शर्मा और लखन घनघौरिया भी थे।
लोकसभा अध्यक्ष आज आएंगे
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कल 19 फरवरी को सुबह 11 बजे कुंडलपुर पहुंचकर बड़े बाबा और आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शन करेंगे। केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल के भी कल कुंडलपुर पहुंचने की संभावना है।
हेलीकाप्टर से पुष्प बरसा
कुंडलपुर में कल से ही एक निजी कंपनी का हेलीकाप्टर महोत्सव स्थल पर पुष्प बरसा कर रहा है। महोत्सव में आये भक्तजन तीन हजार रुपए प्रति सवारी की राशि देकर हेलीकाप्टर के जरिये पुष्प बरसा कर रहे हैं।
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