पांच राज्यों के चुनाव परिणाम में से चार में कमल खिलने के बाद यह साफ हो गया है कि होली कमल रंग में रंग गई है। उत्तर प्रदेश भगवा रंग में रंग गया है। बाबा विश्वनाथ ने आशीर्वाद योगी बाबा को दोनों हाथों से दिया है। तीन सौ पार नहीं तो तीन सौ के करीब ही सही, बाबा का बुलडोजर पहले से तेज गति से चलेगा।
अपराधियों, गुंडों और माफियाओं पर गोली की मार और धारदार होगी। और साइकिल पांच साल बाद एक बार फिर दौड़कर नंबर एक पर आने की कोशिश करेगी, लेकिन तब तक पानी बहुत बह चुका होगा और अखिलेश यादव की उम्र पांच साल और ज्यादा हो जाएगी। तो योगी बाबा अगर मुख्यमंत्री बनते हैं और बने रहते हैं अगले चुनाव तक, तो तीसरी बार फतह करने की ज्यादा ठोस रणनीति बनाने में सफल होंगे। तो अपराधियों के एनकाउंटर होते रहेंगे, क्योंकि बाबा ने कहा है कि गोली नहीं तो क्या आरती उतारूं? यानि आरती केवल मंदिरों में उतारी जाएगी भगवान की।
अयोध्या में भव्य मंदिर में विराजे रामलला की, काशी में विराजे बाबा विश्वनाथ की और मथुरा में कृष्ण कन्हैया की। शैतानों पर तो गोलियों की बौछार ही होगी। सुरक्षा और ज्यादा पुख्ता होगी। विकास की नई तस्वीर से यूपी की जनता के चेहरों पर चमक और बढ़ेगी। यहां भगवा भी है, हिंदुत्व भी है, जन-जन को राष्ट्रभक्ति की माला में पिरोने का भाव है और गड़बड़ करने वालों के प्रति कठोरतम बर्ताव है। तो बाबा के रंग में रंगा है यूपी और दिल्ली में मुस्करा रहे हैं मोदी। जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे, यूपी में फिर हम भगवा लहरा दिए…जैसे नारों संग उत्तर प्रदेश का भाजपा कार्यकर्ता विजय की खुशियों से सराबोर है, पैर धरती पर नहीं टिक रहे। यहां मायूस तो अखिलेश होंगे, लेकिन प्रियंका वाड्रा गांधी घोर हताशा में होंगीं।
तो पंजाब में केजरीवाल का विकास का दिल्ली मॉडल मतदाताओं के दिलों पर राज कर गया। पंजाब अब और नहीं उड़ना चाहता। अगर दिल्ली मॉडल पंजाब की उम्मीदों पर खरा उतरा, तो दिल्ली की तरह पंजाब में भी अगला विधानसभा चुनाव फिर आप को वरण करेगा। किसानों की यहां चली है और संदेश दिया है कि किसानों की ही चलेगी। यहां सिद्धू-चन्नी, कैप्टन, बादल-भाजपा सभी चारों खाने चित हो गए।
आप को उम्मीद से ज्यादा मिला और उम्मीदों पर खरा उतरे तो बार-बार आते रहने की उम्मीदों को भी नकारा नहीं जा सकता दिल्ली की तरह। क्षेत्रीय दल की दो राज्यों में सरकार बनना केजरी की वाल की मजबूती की तरफ इशारा कर रही है। तो केजरीवाल को मोदी के सामने सीना चौड़ा कर खड़ा होने का मौका भी दे रही है। साथ ही विश्वास और बाबा राम रहीम को सुरक्षा का उपहार देने की कसरत को बेमतलब करार दे रही है। मतलब साफ है कि मोदी नजर रखें कि केजरी की निगाह अब किस तीसरे राज्य पर है। वरना आप कल कांग्रेस की जगह लेगी और परसों कमल पर निगाह डालने से नहीं चूकेगी।
जीत तो उत्तराखंड की है,जो शायद भाजपा को भी अचरज में डाल रही होगी। बेचारे धामी ही हार गए, पर पार्टी को पूरे बहुमत से राज करने का टीका लगा गए। अब पार्टी चाहेगी, तो धामी को दूसरी पारी का वरदान देकर उनकी मेहनत का प्रतिफल देने की सोच बना सकती है। गोवा और मणिपुर भी भाजपा के पाले में हैं। कांग्रेस का हाल यह है कि उत्तर प्रदेश में “हम दो हमारी दो” की तर्ज पर भाई-बहन ने दो सीटें कांग्रेस की झोली में डाल दी हैं।
ऐसा लग रहा है जैसे कांग्रेस उत्तर प्रदेश को खुद से मुक्ति देने के लिए तड़प रही है। पंजाब में चन्नी-सिद्धू जैसे प्रयोग तभी फेल हो गए थे, जब कैप्टन को कूचे से बाहर किया था। उत्तराखंड-गोवा में कुछ करने को था, सो वहां भी ढाक के दो पात हो गए। मणिपुर और उत्तर-पूर्व में तो सत्ता में आने की कोई आस थी ही नहीं। तो हो गया हिसाब-किताब बराबर। अब सोनिया, राहुल और प्रियंका को नए सिरे से सोचना पड़ेगा कि कांग्रेस का कायाकल्प करने के लिए क्या नवाचार करना हैं वरना 2023 और 2024 के चुनावों में सूपड़ा साफ भी हो सकता है। और तब हालात भयावह होंगे। मध्यप्रदेश में भी जिस तरह हालात बने हैं, उनमें 2023 से कांग्रेस की उम्मीद सुंदर सपने की तरह ही है।
खैर 2023 से पहले बाबा विश्वनाथ की तर्ज पर मध्यप्रदेश में बाबा महाकाल का भव्य मंदिर बनकर तैयार होगा, जिसको मोदी ही लोकार्पित करेंगे। प्रदेश की विकास करने की दर देश में नंबर एक पर है ही। तो 2024 का रण समझ लो कि उत्तर प्रदेश जीतकर आधा जीत ही लिया है कमल दल ने। बाकी जब भव्य राम मंदिर तैयार होगा, तब मेगा शो होगा और कश्मीर से कन्याकुमारी और बंगाल की खाड़ी से कच्छ तक 2024 से पहले ही विजय का बिगुल गूंज जाएगा।
फिलहाल तो योगी बाबा को बुलडोजर चलाने, अपराधियों का एनकाउंटर कराने, माफिया मुक्त उत्तरप्रदेश बनाने और विकास की गंगा बहाने का पक्का लायसेंस मिल गया है। तो उत्तराखंड में विकास के नए आयाम गढ़ने की भाजपा की मंशा पर मतदाताओं ने मुहर लगा दी है। गोवा में पर्यटक खूब मौज मस्ती कर सकें, यही जनादेश है। मणिपुर में कमल मणि की तरह चमककर राष्ट्रभक्ति का गीत गाता रहेगा। कमल के रंग में रंगे होली उत्सव का आरंभ 10 मार्च से ही शुरू हो चुका है, जो मार्च के पूरे महीने चलता रहेगा।
पंजाब में झाड़ू ने होली से पहले ही सभी दलों की जो धुलाई की है, वह पंजाबियों को हमेशा याद रहेगी ही, पर मान की झोली जैसी भरी है वह भी पंजाबी भूल नहीं पाएंगे। तो मोदी के गुड गवर्नेंस और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास को कोई टक्कर दे रहा है तो वह है केजरीवाल का विकास का दिल्ली मॉडल। यह दोनों दल जी भरकर होली खेलें, खुशी मनाएं।