लेट लतीफ 39 कलेक्टर, राज्य शासन ने जिलों में करोड़ों की फर्नीचर खरीदी पर लगाई रोक

अब राज्य स्तर पर लघु उद्योग निगम के जरिए होगी खरीदी,88 करोड़ के फर्नीचर में से केवल 28 फीसदी हुई खरीदी

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आदिवासियों को साधने के लिए सरकार

लेट लतीफ 39 कलेक्टर, राज्य शासन ने जिलों में करोड़ों की फर्नीचर खरीदी पर लगाई रोक

भोपाल
प्रदेश के 39 जिलों के कलेक्टरों की लेटलतीफी के चलते राज्य शासन ने इन जिलों में स्कूलों में होंने वाली करोड़ों की फर्नीचर खरीदी पर रोक लगा दी है। अब राज्य स्तर पर लघु उद्योग निगम के जरिए यह खरीदी की जाएगी। प्रदेश के 52 जिलों में 88 करोड़ के फर्नीचर की खरीदी में से केवल तेरह जिलों ने 28 फीसदी खरीदी ही की है।

राज्य स्तर पर पूर्व से निर्धारित स्पेसिफिकेशन के अनुसार पहले फर्नीचर की खरीदी जिला स्तर पर कलेक्टर द्वारा जैम पोर्टल के माध्यम से कराने का निर्णय लिय गया था। शासकीय शालाओं में फर्नीचर उपलब्ध कराने के लिए पिछले वर्षो में स्वीकृतियां जारी की गई थी। इस निर्णय के तहत वर्ष 2022-23 के दौरान जिलों द्वारा वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2020-21 स्पिलओवर बजट अंतर्गत 26 करोड़ पांच लाख रुपए का फर्नीचर तथा वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2022-23 के अंतर्गत 61 करोड़ 89 रुपए के फर्नीचर खरीदे जाने थे। इस तरह कुल 87 करोड़ 94 लाख रुपए के फर्नीचर की पूरे प्रदेशभर में खरीदी की जाना था। लेकिन इसके विरुद्ध केवल 25 करोड़ 27 लाख रुपए की खरीदी की गई। इसमें तेरह जिलों के कलेक्टरों ने केवल 28.7प्रतिशत फर्नीचर की खरीदी के आदेश जारी किए।

जिन जिलों के कलेक्टरों ने खरीदी आदेश जारी किए उनमें भोपाल, बालाघाट, डिंडौरी, झाबुआ, श्योपुर, शहडोल, छतरपुर, ग्वालियर, नर्मदापुरम, पन्ना, कटनी, शाजापुर, विदिशा कलेक्टर शामिल है।

समग्र शिक्षा अभियान की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जिन जिलों के कलेक्टरों ने खरीदी नहीं की है वहां जिला स्तर से की जा रही खरीदी प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाए और यदि निविदा जारी हो गई हो तो उसे भी तुरंत निरस्त किया जाए। अब फर्नीचर की खरीदी राज्य स्तर से लघु उद्योग निगम के माध्यम से की जाएगी।