![11_03_2022-chotiwala_harjeet_singh_22535141_124622155 Learn to hack ATM from internet : इंटरनेट से एटीएम हैक करना सीखकर रुपए उड़ाए, पकड़ा गया](https://mediawala.in/wp-content/uploads/2022/03/11_03_2022-chotiwala_harjeet_singh_22535141_124622155-1.jpg)
Indore : क्राइम ब्रांच ने एटीएम मशीन हैक (ATM machine hack) करके रुपए निकालने वाले दिव्यांग आरोपी को देवास से पकड़ लिया। आरोपी के तार कंजर गिरोह से जुड़े हैं। पूछताछ में उसने 20% कमीशन के लालच में वारदात करना कबूल किया। उसके दो फरार साथियों की तलाश में पुलिस जुटी है। कुछ दिन पहले बैंक ऑफ़ बड़ौदा के अधिकारियों की शिकायत पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी को पकड़ा।
पुलिस के मुताबिक चंद्रलोक कॉलोनी स्थित बैंक ऑफ़ बड़ौदा के एटीएम से रुपए चोरी होने की सूचना मिली थी। बैंक के अफसरों ने कुछ अन्य एटीएम में भी इस प्रकार की वारदात होने की जानकारी दी थी। इसमें हजारों रुपए चोरी होने की बात सामने आई थी। इस पर पुलिस ने चंद्रलोक कॉलोनी की एटीएम मशीन उपयोग करने वाले ग्राहकों की जानकारी निकालने के लिए सीसीटीवी चेक किए।
सीसीटीवी के आधार पर सिखखेड़ी देवास के पंकज राजावत को पकड़ा गया। पंकज को पलासिया पुलिस के सुपुर्द किया गया। यहां दो दिन की रिमांड पर उसने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए। पंकज ने बताया कि वह कमीशन के लालच में वह सुमराखेड़ी के रवि और कपिल के साथ मिलकर वारदात करने लगा था। पंकज ने पूछताछ में बताया कि रवि और कपिल उसके पुराने दोस्त हैं। दोनों ने इंटरनेट से वीडियो देखकर वारदात करने का तरीका सीखा (Learned how to commit crime by watching videos from internet) दोनों मेवाती गैंग के भी लगातार संपर्क में थे। उन्होंने मेवाती गैंग से भी एटीएम हैक करने की ट्रेनिंग ली थी। रवि और कपिल दोनों देवास में कंजर डेरों में रहते हैं और वारदात करने के बाद डेरों में ही जाकर छुपते थे।
पंकज ने बताया कि जितने भी रुपए मशीन से निकलते थे, उसका 20% हिस्सा दोनों उसे देते थे। दिव्यांग होने के कारण उस पर आसानी से किसी को शक नहीं होता था। इसलिए आरोपी उसे साथ रखते। पंकज ने बताया कि पहले वह एटीएम में जाता था और अपने कार्ड से सिर्फ 100 या 200 रुपए निकालता था। इस दौरान उसके दोनों साथी कैश स्लॉट में पिन फंसा देते (Pin stuck in the cash slot) थे। इसके बाद आरोपी एटीएम के आसपास ही घूमते रहते थे। उनके बाद जाने वाला ग्राहक जब पैसे निकालने की कोशिश करता था, तो प्रोसेस पूरी होने के बाद भी कैश बाहर नहीं आता था न तब तक बैंक से डेबिट होने का ही कोई मैसेज आता। इसके बाद आरोपी एटीएम मशीन से पिन निकाल देते। इससे उसमें फंसे नोट भी बाहर आ जाते थे।
ये बदमाश बिना गार्ड वाले या सुनसान जगह पर बने एटीएम को ही निशाना बनाते थे। पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों के पकड़ाने के बाद अन्य वारदातों का भी खुलासा होगा। फिलहाल पूछताछ में पंकज ने हाटपिपल्या और एबी रोड़ के एटीएम पर इस तरह की वारदात करना कबूली है। उसे जेल भेज दिया गया है।