Leopard Caught : नवरतन बाग से तेंदुआ पकड़ाया, उसे चिड़ियाघर लाया जाएगा 

सुबह काम कर रही महिलाओं को दिखाई दिया था, उसके बाद टीम ने झाड़ियों से पकड़ा

525

ndore : पांच दिन पहले चिड़ियाघर परिसर से भागा तेंदुआ (Leopard Ran Away from Zoo Premises) अभी-अभी चिड़ियाघर के समीप ही वन विभाग के ऑफिस नवरतन बाग से पकड़ा गया। उसे बेहोश करके चिड़ियाघर लाया जा रहा है। आज सुबह नवरतन बाग में वन विभाग की महिला कर्मचारियों को तेंदुआ दिखाई दिया था। लेकिन, वह दीवार फांदकर भाग गया। भागे तेंदुए की खोज (Leopard Hunt) में कई टीमें जुट गई थी। उसे झाड़ियों में देखा गया और जाल डालकर पकड़ लिया गया। उसे ट्रैंकोलाइज़र देकर चिड़ियाघर लाया जाएगा।
शहर के लोगों के साथ वन विभाग और प्रशासन की नींद उड़ाने वाला तेंदुआ मंगलवार सुबह नवरतन बाग में नजर आया। पांच दिनों से गायब यह तेंदुआ बुरहानपुर से लाया गया था। इसे लेकर पहले नगर निगम पल्ला झाड़ता रहा और आरोप लगाया कि बुरहानपुर के अधिकारियों ने तेंदुए को भेजा ही नहीं था।  जबकि, बुरहानपुर के अधिकारी तेंदुए को इंदौर भेजने और चिड़ियाघर से ही गायब होने के दावे करते रहे। तेंदुए के गायब होने के बाद से उसकी खोज में अधिकारियों ने दिन-रात एक किया है।
आठ महीने के तेंदुए के मादा बच्चे के चिड़ियाघर से भाग जाने के कारण सुरक्षा की खातिर चिड़ियाघर भी बंद पड़ा है। इससे हर दिन हजारों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। चिड़ियाघर और वन विभाग के अधिकारियों का कहना था कि लापता तेंदुए के बच्चे से किसी को डरने की जरूरत नही है। 8 माह का बच्चा किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। इसलिए प्राणी संग्रहालय खोल दिया जाना चाहिए।
वन विभाग के वरिष्ठों का कहना है कि इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों ने गैर जिम्मेदाराना काम किया। जबकि, रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पकड़े गए वन्य जीव को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाता है, तो उसकी मेडिकल जांच की जाती है। पंचनामा बनाया जाता है। इसके बाद जहां उसे सौंपा जाता है, वहां के अधिकारियों के सामने उसकी वीडियोग्राफी कर दोबारा मेडिकल जांच की जाती है। मगर, लापता तेंदुए के बच्चे के मामले में लिखित के बजाए सब कार्रवाई फोन पर ही की गई। नगर निगम की प्रभारी आयुक्त प्रभारी भव्या मित्तल का कहना है कि हमने जांच कमेटी गठित कर दी है, जो जांच कर रही है।
चिड़ियाघर के अंदर लाए गए नेपानगर वन विभाग के पिंजरे से लापता तेंदुए के बच्चे वाले मामले में मुख्य वन संरक्षक एचएस मोहंते का कहना था 8 माह के तेंदुए के बच्चे से किसी को कोई भी खतरा नहीं है। क्योंकि, तेंदुए के बच्चे 12 माह से 18 माह के बीच शिकार करना सीखते हैं